'सुनें-सुनाएं' का छठा सोपान 5 मार्च को, ‘रोटी और संसद’ से ‘फागुन के अंदाज निराले’ की बहेगी बयार

सुनें सुनाएं आयोजन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आयोजन जी. ड़ी. अंकलेसरिया हाल में नियत समय सुबह 11 से 12 तक होगा।

'सुनें-सुनाएं' का छठा सोपान 5 मार्च को, ‘रोटी और संसद’ से ‘फागुन के अंदाज निराले’ की बहेगी बयार
सुनें सुनाएं का छठा सोपान 5 मार्च 2023 को।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक वातावरण को बढ़ाने और लोगों में रचनात्मकता के प्रति लगाव पैदा करने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए आयोजन 'सुनें सुनाएं'  का छठा सोपान 5 मार्च (रविवार) को होगा। जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हाल (एनैक्सी प्रथम तल), रतलाम पर प्रातः 11 बजे से शुरू होने वाले इस आयोजन में 'रोटी और संसद' से 'फागुन के अंदाज़ निराले' की बयार महसूस की जा सकेगी।

निर्धारित समय पर प्रारंभ होने वाले और तय समय सीमा में पूर्ण होने वाले इस आयोजन के छठे सोपान में शहर के रचनाप्रेमियों द्वारा अपने पसंद के रचनाकारों की रचनाओं को प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजन में नरेन्द्र सिंह डोडिया द्वारा धूमिल की कविता 'रोटी और संसद' का पाठ, डॉ. कारूलाल कला-मोहन जमड़ा द्वारा डॉ. चंद्रपाल सिंह सिकरवार की रचना 'अभी तो बहुत काम करने हैं मुझको'  का पाठ, संजय परसाई 'सरल' द्वारा गोपाल दास 'नीरज' की कविता 'है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए' का पाठ मनकामेश्वर जोशी द्वारा पीरूलाल 'बादल' की कविता 'अगम का झूला पछम जाए'  का पाठ,  रामप्रताप सिंह राठौर द्वारा दिनकर सोनवलकर की कविता 'परिवार सरिता' का पाठ,  रश्मि पंडित द्वारा डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला की कविता 'पिता'  का पाठ, नीरज कुमार शुक्ला द्वारा रमेश मिश्र 'आनंद'  की रचना 'फागुन के अंदाज़ निराले' का पाठ किया जाएगा।

आयोजन की बड़ी विशेषता समयबद्धता, क्योंकि समय अमूल्य है

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा तय है। इसमें 45 मिनट रचनाओं का पाठ और 15 मिनट रचनाओं पर सार्थक विमर्श होता है। आयोजन में कोई भी अपनी रचना नहीं पढ़ता है। अपने प्रिय रचनाकार की रचना भी बगैर किसी भूमिका के प्रस्तुत की जाती है। 'सुनें-सुनाएं' के सभी साथियों ने नगर के सुधिजनों से इस आयोजन में उपस्थित होने का आग्रह किया है।