राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अध्यक्ष वेंकटेशन ने सीवरेज और सफाई कर्मियों को लेकर दागे ऐसे सवाल कि, नगर निगम आयुक्त भी हो गए निरुत्तर
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष एम. वेंकटेशन ने एक दिवसीय रतलाम प्रवास के दौरान शहर की सफाई और सीवरेज व्यवस्था संबंधी खामियां दूर करने के निर्देश दिए।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एक दिवसीय दौरे पर रतलाम आए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष एम. वेंकटेशन ने शहर की सफाई व्यवस्था और इससे जुड़े कर्मचारियों के हालातों पर नाराजगी जताई। उन्होंने सीवरेज सिस्टम से जुड़ी अव्यवस्थाओं को लेकर भी तेखे सवाल दागे जिनमें से अधिकतर के जवाब नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट भी नहीं दे पाए। आयोग अध्यक्ष ने व्यवस्थाओं में सुधार के साथ ही सफाईकर्मियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की हिदायत भी दी।
राष्ट्रीय सफाई कमर्चारी आयोग के अध्यक्ष वेंकटेशन ने अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार दोपहर रतलाम में उस स्थल का निरीक्षण किया जहां पिछले दिनों सीवर की सफाई के दौरान एक कर्मचारी की मौत हो गई थी। इस दौरान उन्हें कई खामियां नजर आईं जिसे लेकर दोपहर में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई बैठक के दौरान अफसरों के समक्ष गिनाईँ। बैठक में मध्य प्रदेश सफाई कर्मचारी कल्याण आयोग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप करोसिया, कलेक्टर राजेश बाथम, एसपी अमित कुमार, जिला पंचायत के सीईओ शृंगार श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर आर. एस. मंडलोई, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अरुण पाठक, नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट सहित अन्य मौजूद रहे।
काम के बदले भुगतान को लेकर किए सवाल
राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकटेशन ने दिलीपनगर में सीवरेज की सफाई के दौरान कर्मचारी की मौत के मामले में स्पष्ट कहा कि कि, इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में नहीं होनी चाहिए, यह सुनिश्चित करें। ड्रेनेज, सीवर लाइन एवं जोखिम भरे कार्य में सफाई कर्मचारी को आवश्यक मशीनें और उपकरणों के साथ ही तैनात करें। वेंकटेशन ने अफसरों से पूछा कि कर्मचारियों को काम के बदले कितना भुगतान किया जा रहा है। आउट सोर्स पर कार्य कर रहे कर्मचारियों और नगरनिगम में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन-भत्तों के अंतर को लेकर भी सीधे सवाल दागे। यह भी पूछा कि क्या कर्मचारियों को राष्ट्रीय पर्व पर अवकाश मिलता है। यदि उनसे राष्ट्रीय पर्व पर कार्य लिया जाता है तो उन्हें इसके एवज में कितना भुगतान किया जाता है। ऐसे किसी भी सवाल का अफसर उनकी अपेक्षानुरूप जवाब नहीं दे सके।
सीवरेज सिस्टम से जुड़े सुरक्षा उपकरणों की दी जानकारी
वेंकटेश ने अफसरों से यह भी जानना चाहा कि सीवरेज की सफाई के लिए बने नियम-कानूनों का पालन होता है या नहीं और क्या उन्हें निर्धारित सुरक्षा उपकरण मिलते हैं। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने खुद ही कर्मियों को मिलने वाले 42 उपकारणों की जानकारी अफसरों को दी। उन्होंने निगम की ठेका पद्धति और कर्मियों के लिए बीमा प्रावधानों की भी जानकारी लेते हुए इस पर होने वाले अमल के बारे में भी जाना। राष्ट्रीय अध्यक्ष अफसरों से हिदायत देते हुए कहा कि 15 दिन के भीतर सभी सफाईकर्मियों का बीमा आवश्यक रूप से करवाएं।
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन अनुसार नियमितिकरण के निर्देश दिए
वेंकनटेशन ने निगम प्रशासन के अधिकारियों से कर्मचारियों के पीएफ और ईपीएफ कटोत्रे से जुड़े सवाल भी किए। इस दौरान उन्हें पता चला कि कर्मचारियों को अब तक ईएसआई कार्ड तक नहीं मिले हैं। इसे लेकर उन्होंने सख्त नाराजगी जताई और कार्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सफाई कर्मचारियों के रिक्त पदों और अनुकम्पा नियुक्तियों की जानकारी लेने के साथ सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुरूप 2007 में दस वर्ष पूर्ण होने के बाद दैनिक वैतन भोगियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए।
15 दिन में प्रदेश आयोग को जानकारी भेजने के निर्देश
राज्य आयोग के अध्यक्ष करोसिया ने आवासहीन सफाई कर्मचारियों के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए कॉलोनी निर्माण की योजना बनाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि इसके लिए आवश्यक वित्त पोषण की व्यवस्था आयोग द्वारा शासन से करवाई जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष करोसिया ने सफाई कर्मचारियों के लिए निर्धारित सभी 42 प्रकार के उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। करोसिया ने दैनिक वेतन भोगी तथा विनियमित कर्मचारी, स्थाई पद, रिक्त पद, नियुक्त कर्मचारियों की संख्या आदि की संपूर्ण जानकारी 28 सितंबर तक आयोग के भोपाल कार्यालय भिजवाने के निर्देश दिए। निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी विनियमित कर्मचारियों की जिस दिनांक से नियुक्ति हुई तथा जिस सक्षम प्राधिकारी से नियुक्ति आदेश जारी किए गए, उक्त सभी की जानकारी 15 दिन में आयोग कार्यालय भेजें। सभी स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 1 से 10 तारीख के मध्य वेतन भुगतान के निर्देश दिए। दैवेभो तथा विनियमित कर्मचारी की मृत्यु पर उसके परिवार के लिए शासन द्वारा निर्धारित आर्थिक सहायता के प्रावधान की जानकारी देते हुए ऐसे कर्मचारियों की मृत्यु पर भी उसके परिवार को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने एक माह की डेडलाइन तय की है।
मृतक के परिवार को दी 30 लाख की सहायता
निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट ने बैठक में बताया कि विगत दिनों की घटना में मृत कर्मचारी के परिवार को निगम द्वारा 30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा मृतक की पत्नी को नगर निगम में पद पर भी रखा जा रहा है। वेंकटेशन ने एसपी को निर्देशित किया कि मृत्यु की घटना की विस्तृत एवं बारीकी से जांच की जाए। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकटेशन तथा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष करोसिया ने मृत कर्मचारी के घर पहुंच परिजन से मुलाकात की।