मोहब्बत की दुकान के नाम से नफरत का सामान बेच रही कांग्रेस, कन्हैया कुमार को एनएसयूआई का राष्ट्रीय प्रभारी बनाना युवा पौध से छलावा- राजपाल सिंह सिसौदिया
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कांग्रेस ने टुकड़े-टुकड़े गैंग के सरगना और खालिद उमर के मित्र को एनएसयूआई का राष्ट्रीय प्रभारी बनाकर युवाओं से छलावा किया है।
एसीएन टाइम्स @ भोपाल । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया ने कहा है कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने अपनी छात्र इकाई एनएसयूआई का राष्ट्रीय प्रभारी बनाकर देश की युवा पौध के साथ छलावा व खिलवाड़ करने का काम किया है। सिसौदिया के अनुसार कन्हैया कुमार कोई और नहीं ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सरगना, ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसे देश विरोधी नारे और सेना के अधिकारियों को रेपिस्ट कहने वाले भारत देश से असम और नार्थ-ईस्ट को अलग करने का सपना देखने वाले उमर खालिद के प्रिय मित्र हैं।
सिसौदिया के अनुसार ये वही कन्हैया कुमार हैं जो जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में रहकर छात्रों के अंदर जहर घोलने का काम करते थे। कांग्रेस हमेशा ऐसे लोगों का संरक्षण करती आई है और सहारा देती रही है, यही कांग्रेस का असली चरित्र और चेहरा है। कांग्रेस के इस निर्णय से निश्चित रूप से महात्मा गांधी की आत्मा दुखी हुई होगी। उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस कमेटी ने अपनी छात्र इकाई एनएसयूआई का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया है। कांग्रेस ने यह निर्णय किस मजबूरी में लिया है, आज पूरा देश यह जानना चाहता है। इस देश में कांग्रेस की एक पुरानी आदत रही या ये कहें कि मजबूरी रही है कि जो लोग देश विरोधी बात करते हैं, देश को बांटने की राजनीति करते हैं ऐसे लोगों को कांग्रेस सिर माथे पर बैठाने का काम करती है। प्रदेश प्रवक्ता सिसौदिया ने कहा है कि कन्हैया कुमार जेएनयू में छात्र राजनीति करते समय नारा लगाते थे कि जॉइन एनएसयूआई टुडे - लूटो इंडिया टुमारो। आज उसी नारे को लगाने वाले एनएसयूआई के प्रभारी बनते हैं।
कांग्रेस के कागजों में सिमटी एनएसयूआई
राजपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि एनएसयूआई कहने को जरूर कांग्रेस का छात्र संगठन है, परंतु उस छात्र संगठन में वैचारिक रूप से कोई पुष्ट छात्र नेता नहीं था जिसे राष्ट्रीय प्रभारी बनाया जा सके। उसके लिए उन्हें कहीं न कहीं जेएनयू के कुख्यात सरगना को अपना नेता बनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई की अगर हम बात करें तो मध्य प्रदेश में एनएसयूआई का संगठन जिला एवं प्रदेश स्तर पर धराशाई है। कहीं जिला इकाई भंग है तो कहीं प्रदेश टीम का अता-पता नहीं है। एनएसयूआई सिर्फ कांग्रेस के कागजों में ही सिमटकर रह गई है।