सऊदी अरब के कायाकल्प में डोनाल्ड ट्रंप की उदारता का वरदान, राजधानी रियाद में अरबों डॉलर से बन रहा किंग सलमान पार्क

सऊदी अरब की राजनीधानी रियाद को दुबई से भी ज्यादा आधुनिक स्वरूप दिए जाने के प्रयास जारी है। इसमें क्राउन प्रिंस ऑफ सऊदी अरब मोहम्मद बिन सलमान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संबंध वरदान साबित होंगे।

सऊदी अरब के कायाकल्प में डोनाल्ड ट्रंप की उदारता का वरदान, राजधानी रियाद में अरबों डॉलर से बन रहा किंग सलमान पार्क
डोनाल्ड ट्रम्प (राष्ट्रपति- अमेरिका) एवं मोहम्मद बिन सलमान (प्रिंस ऑफ क्राउन- सऊदी अरब)।

लंदन के विश्व प्रसिद्ध हाइड पार्क से 10 गुना बड़ा होगा यह पार्क 

डॉ. प्रदीप सिंह राव

एसीएन टाइम्स @ रियाद । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और सऊदी अरब के सुल्तान (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान को मित्रवत संबंधों इन दिनों चर्चा में हैं। सऊदी अरब के कायाकल्प के लिए डोनाल्ड ट्रम्प की उदारता का वरदान भी लगभग मिल चुका है। राजधानी रियाद में अरबों डॉलर की लागत से बन रहा किंग सलमान पार्क इसकी बानगी है। आने वाले दिनों में दोनों ही देशों के बीच अरबों का व्यापार होता भी नजर आएगा।

पहले हम सऊदी अरब के कायाकल्प की बात करेंगे। इसमें यहां की राजधानी रियाद में बन रहा किंग सलमान पार्क प्रमुख। वैसे तो इस पार्क का काम 2019 से चल रहा है लेकिन हाल के दिनों में इसके काम में और ज्यादा तेजी आई है। मौजूदा स्थिति में इसका एक भाग स्वरूप ले भी चुका है। कहा जा रहा है कि इसके पहले भाग को 2030 में पर्यटकों के लिए खोल दिया जा रहा है।

प्राकृतिक ऊर्जा से संचालित अजूबा प्रोजेक्ट होगा

यह मिस्र से लगा होने से इसे वैश्विक धरोहर और पर्यटन स्थलों से जोड़ने की भी योजना है। लाल सागर के जल में अंडर वाटर होटल्स, एयर टैक्सी (जो हवा में चलेंगी) और जमीन पर अत्याधुनिक वाहन (जिनकी गति 200 किमी प्रति घंटे से अधिक होगी) चलेंगे। माना जा रहा है कि यह प्राकृतिक ऊर्जा पर संचालित होने वाला संसार का अजूबा प्रोजेक्ट बन सकता है। इसकी भव्यता कैसी होगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह लंदन के विश्व प्रसिद्ध हाइड पार्क से 10 गुना बड़ा होगा।

अब ट्रम्प की उदारता की

अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने सबसे पहले सऊदी अरब का दौरा करने की बात कही। 2017 में भी उन्होंने अपनी पहली यात्रा सऊदी अरब की ही की थी। ट्रंप आर्थिक लाभ को सर्वोपरि मानते हुए राष्ट्र हित में सऊदी को महत्व दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने शर्त रखी है कि लगभग 400 से 600 अरब डॉलर का व्यापार सऊदी अरब करने का वादा करे। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ट्रम्प से नजदीकता जगजाहिर है। वे खुद ट्रम्प को बधाई देते हुए कह चुके हैं कि ‘आप पहले आइए तो, इससे भी ज्यादा का व्यापार दे सकते हैं।’

दर्जनों कंपनियों से हो रहा आयात

दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं। दर्जनों अमरीकी कंपनियों से अरबों का आयात भी हो रहा है। सऊदी अरब अब अपनी राजधानी रियाद को दुबई से भी अधिक समृद्ध करना चाहता है और पर्यटन के नित नए आयाम बना रहा है। उसे अमेरिका का निवेश समृद्ध बनाने के साथ ही आधुनिक जामा भी पहनाएगा।

फुटबाल विश्वकप के लिए तैयार हो रही राजधानी

10 वर्ष बाद फुटबाल का विश्वकप रियाद में ही होना है। इसके लिए आयोजक रियाद को अभी से अत्याधुनिक स्वरूप देने में जुटे हैं। ट्रंप टीम ने हाल ही में लक्जरी टॉवर रियल स्टेट की डील की है। एक अति आधुनिक चमत्कृत कर देने वाले रेगिस्तान में NEOM (न्यू इंटरनेशनल इकॉनोमिक ऑर्डर) शहर बन रहा है। अरबों का निवेश और मैन पॉवर लगा है। इससे साफ है कि अमेरिका अरब के लिए वरदान साबित होने वाला है। भारत से गहरे रिश्तों का लाभ भी दोनों देशों को मिल रहा है। भविष्य में अमेरिका और भारत सऊदी अरब के लिए सबसे अधिक कारगर सिद्ध होंगे। 

नोट- मिडिल ईस्ट से एसीएन टाइम्स के पाठकों के लिए यह आर्टिकल लिखने वाले डॉ. प्रदीप सिंह राव वरिष्ठ साहित्यकार, इतिहासकार, रतलाम के शासकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं विदेशी मामलों के जानकार हैं।