controversial statement ! पहलगाम आतंकी हमले पर बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का बड़ा बयान; "जब तक इस्लाम रहेगा, तब तक इंसानियत नहीं बचेगी"

बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के विवादित बयान ने नई बहस छेड़ दी है। उनका यह बयान जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया है।

controversial statement ! पहलगाम आतंकी हमले पर बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का बड़ा बयान; "जब तक इस्लाम रहेगा, तब तक इंसानियत नहीं बचेगी"
Controversial statement of Taslima Nasreen

Taslima Nasreen's controversial statement : जम्मू-कश्मीर की वादियों में सामान्य होते हालातों के बीच पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में हुई 28 निर्दोष लोगों की हत्या ने सिर्फ देश को ही हिला नहीं दिया है, बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया है। आतंकियों द्वारा धर्म के आधार की गई हत्या और बंगाल में हो रही हिंदुओं की हत्या को लेकर ख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि "जब तक इस्लाम रहेगा, तब तक इंसानियत नहीं बचेगी।"

बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका और नारी अधिकार कार्यकर्ता तस्लीमा नसरीन धर्मनिरपेक्ष मानवतावादी, नास्तिक, नारीवादी, मानवाधिकार रक्षक और एक चिकित्सक हैं। वे अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उन्होंने अपने X हैंडल पर बड़ा बयान दिया जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे सच की आवाज़ मान रहे हैं, जबकि कुछ धार्मिक भेदभाव और नफरत फैलाने वाला बयान बता रहे हैं। 

जानिए, ऐसा क्या लिख दिया तस्लीमा नसरीन ने 

“जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, आतंकवाद जीवित रहेगा। जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, गैर-मुसलमानों को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी, स्वतंत्र विचारकों और तर्कवादियों को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी, महिलाओं को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी। जब तक इस्लाम रहेगा, फूल मुरझाते रहेंगे, बच्चे मरते रहेंगे, लाखों मरे हुए कबूतर बारिश की तरह गिरते रहेंगे। इस्लाम की कोख से नफरत पैदा होती रहेगी, बदसूरत राक्षस पैदा होते रहेंगे। जब तक इस्लाम रहेगा, कोई राज्य, कोई राज्य सभ्य नहीं बन पाएगा, दुनिया सभ्य नहीं बन पाएगी।”

‘धर्म को मानवीय बनाएं या तो उसे त्याग दें’

नसरीन ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा है कि- “अगर कोई धर्म मानवीय नहीं है, तो उसे मानवीय बनाओ या त्याग दो। धर्म झूठ की नींव पर खड़े हैं। एक ही सांस में वे सब खत्म हो सकते हैं। लेकिन अज्ञानता और शिक्षा की कमी ने धर्म की जड़ों को इतना मजबूती से जकड़ रखा है कि उन्हें उखाड़ना आसान नहीं है। समय के साथ इंसान और भी मानवीय होते जाते हैं। जैसे-जैसे वे खुद को बर्बरता से मुक्त करते हैं, वैसे-वैसे वे अपने धर्मों को भी इससे मुक्त करते हैं। लेकिन एक खास धर्म का विकास रुक गया है। सिर्फ एक धर्म अभी भी उग्रवाद का समर्थन करता है। 21वीं सदी में सिर्फ एक धर्म आतंकवाद फैलाता है, मानवता को कूड़े के ढेर में फेंकता है, मानवाधिकारों की हत्या करता है और महिलाओं के अधिकारों को दफनाता है। यदि कोई धर्म मानवीय नहीं है तो या तो उसे मानवीय बनाइये या त्याग दीजिये।”

डिस्क्लेमर

ये लेखिका के अपने विचार हैं जो उनके ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किए गए हैं। उनके इस विचार पर एसीएन टाइम्स का सहमत होना जरूरी नहीं है। एसीएन टाइम्स की किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति, संस्कृति के प्रति दुर्भावना नहीं है।