मुख्यमंत्री डॉ. यादव 17 को आएंगे रतलाम, भीड़ जुटाने के लिए पंचायत सचिवों मिला टारगेट, मध्यान भोजन बनाने वालों पर भोजन के पैकेट बनाने का दबाव
सीएम डॉ. मोहन यादव 17 अगस्त को रतलाम आएंगे। उनके लिए भीड़ जुटाने के लिए सचिवों और भोजन व्यवस्था के लिए मध्याह्न भोजन बनाने वालों पर दबाव डाला जा रहा है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मप्र के मुख्यमंत्री 17 अगस्त को रतलाम जिले के दौरे पर आ रहे हैं। वे यहां कुंडाल गांव में 245.91 करोड़ रुपए के 57 कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन करेंगे। सीएम को भीड़ दिखाने के लिए प्रशासन ने पंचायत सचिवों को टारगेट दिया है। वहां इस भीड़ के लिए भोजन के पैकेट तैयार करने के लिए मध्याह्न भोजन बनाने वालों से कहा गया है।
सीएम डॉ. मोहन यादव रविवार को सुबह 11.50 बजे उज्जैन से हेलीकॉप्टर से उड़ान भरेंगे और 12.15 बजे कुंडाल के हेलीपैड पहुंचेंगे। यहां कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोपहर 1.35 बजे मंदसौर के लिए उड़ान भरेंगे। रतलाम में सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप, सांसद सुधीर गुप्ता, अनिल फिरोजिया, विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय एवं डॉ. चिंतामणि मालवीय आदि मौजूद रहेंगे।
देर से शुरू हुई तैयारियां, ऐनवक्त पर हुई तेज
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 17 अगस्त का रतलाम दौरा विकास कार्यों की दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है। यही वजह है कि इसके लिए प्रशासन के सभी विभाग इसमें सीएम से विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करवाने के लिए कई दिन से फेहरिश्त में कार्यों की संख्या बढ़ाने में जुटा हुआ था। सूची में संख्या बढ़ाने में मशगूल सरकारी अमला आयोजन स्थल पर धरातल पर की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर उतना ज्यादा गंभीर नजर नहीं आया। देर से शुरू हुई तैयारियां ऐनवक्त पर तेज की गईं।
हर सचिव पर तीन-तीन वाहन लगाने का दबाव
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। समय पर काम नहीं होने से नाराज जनता के आयोजन में नहीं पहुंचने की आशंकाओं के चलते जिला पंचायत से जुड़ अमला शनिवार को रतलाम जनपद पंचायत में बैठ कर एक-एक पंचायत सचिव को कॉल कर ज्यादा से ज्यादा भीड़ लाने के लिए कहा गया। सचिवों को कम से कम तीन-तीन वाहन लगाने के लिए निर्देशित किया गया। दूसरी ओर से असमर्थता जताने पर कॉल करने वाले ने बड़े साहब का डर भी दिखाया।
भोजन की ऐसे होगी व्यवस्था
जानकारी के अनुसार जुटने वाली भीड़ के लिए भोजन के पैकेट की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके लिए पंचायत सचिवों द्वारा मध्याह्न भोजन बनाने वालों को कहा गया है। हालांकि, उन्हें इसके लिए किसी प्रकार का बजट उन्हें नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है जब मध्याह्न भोजन बनाने वाले कुछ लोगों ने जब सचिवों से बजट को लेकर चर्चा की तो उन्होंने दो-टूक कह दिया कि अगर भोजन की व्यवस्था नहीं हुई तो सीईओ साहब देख लेंगे। सवाल यह उठता है कि पिछले राजनीति चमकाने और अफसरों की नौकरी बचाने के लिए भोजन बनाने वाले मध्याह्न भोजन बनाने वाले इसके लिए धन कहां से जुटाएंगे। अशंका है कि यदि प्रशासन की तरफ से भीड़ के भोजन के लिए आर्थिक मदद नहीं दी गई तो इसका असर छोटे-छोटे बच्चों के निवाले पर पड़ेगा। उनकी थाली से मध्याह्न भोजन छिनना तय है।