करप्शन पर चोट ! बाल संप्रेक्षण गृह का अधीक्षक 4 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार, आरोपी ने वेतन जारी करने के लिए महिला रसोइया से मांगी थी घूस
लोकायुक्त की टीम ने एक महिला रसोइया की शिकायत पर बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

एसीएन टाइम्स @ खंडवा । इंदौर लोकायुक्त के दल ने जिले के बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आरोपी अधीक्षक ने भोजन बनाने वाली महिला से वेतन जारी करने के लिए घूस मांगी थी।
जानकारी के अनुसार ज्योति पाल पति सुनील पाल निवासी रतागढ़, हरसूद नाका खंडवा बाल संप्रेषण गृह में चार वर्षों से भोजन बनाने का काम करती है। उसने लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय से शिकायत की थी। महिला ने बताया था कि उसका जून और जुलाई का वेतन बकाया था। वेतन का भुगतान करने के लिए उसने अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा से की थी। इसके एवेज में आरोपी अधीक्षक ने महिला से प्रति माह दो हजार रुपए के हिसाब से कुल 4 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। अधीक्षक ने महिला को धमकी भी दी थी कि यदि उसने रुपए नहीं दिए तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में किया गिरफ्तार
इस शिकायत के आधार पर एसपी सहाय ने कार्यवाहक निरीक्षक आशुतोष मिठास के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके परिपालन में लोकायुक्त की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह के आसपास पोजिशन ली। दरअसल, हरजिंदर सिंह यहीं महिला से घूस के रुपए लेने वाला था। जैसे ही महिला आरोपी अधीक्षक ने महिला से रुपए लिए वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे धर-दबोचा।
पहले भी रह चुका है इसी पद पर
आरोपी हरजिंदर सिंह मूल रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायक संचालक पद पर पदस्थ है। इसके साथ ही वह बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक के रूप में भी कार्य करता है। वह पहले भी इसी पद पर काबिज रह चुका है। आरोप हैं कि अधीक्षक पहले भी कर्मचारियों को परेशान करता था और धमका कर रिश्वत लेता था।
इन्होंने दिया कार्रवाई को अंजाम
कार्रवाई करने वाली टीम में लोकायुक्त इंदौर के कार्यवाहक निरीक्षक आशुतोष मिठास के अलावा प्रतिभा तोमर, आरक्षक विजय कुमार, कमलेश परिहार, आशीष नायडू, चेतन सिंह परिहार, कमलेश तिवारी और चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल रहे। आरोपी हरजिंदर सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है।
पिछले साल दो को पकड़ा था
बता दें कि, महज 16 महीने में खंडवा में महिला बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोकायुक्त की यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले 13 अप्रैल 2024 को लोकायुक्त की टीम ने महिला बाल विकास में छापा मार कर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज दिवाकर और कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की राशि निकालने के एवज में 36 हजार रुपए की रिश्वत ली थी।