रतलाम जिला अभिभाषक संघ ने जबलपुर घटना की न्यायिक, सीबीआई और एसआईटी से जांच की मांग की, अभिभाषकों ने ज्ञापन सौंपे

जबलपुर न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारा की गई टिप्पणी से क्षुब्ध अभिभाषक द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग रतलाम अभिभाषक संघ ने की है।

रतलाम जिला अभिभाषक संघ ने जबलपुर घटना की न्यायिक, सीबीआई और एसआईटी से जांच की मांग की, अभिभाषकों ने ज्ञापन सौंपे
जबलपुर की घटना को लेकर ज्ञापन सौंपते रतलाम जिला अभिभाषक संघ के पदाधिकारी।

अभिभाषकों ने सत्र न्यायाधीश एवं कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जबलपुर उच्च न्यायालय में शुक्रवार को हुए घटनाक्रम के विरोध में राज्य अधिवक्ता संघ के आव्हान पर रतलाम के अभिभाषक शनिवार को कार्य से विरत रहे। जिला अभिभाषक संघ ने सत्र न्यायाधीश एवं कलेक्टर को मुख्य न्यायाधीपति एवं मुख्यमंत्री के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर उक्त घटनाक्रम की न्यायाकि, सीबीआई और एसआईटी जांच करवाने की मांग की।
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अभय शर्मा एवं सचिव विकास पुरोहित ने बताया कि 30 सितंबर को जबलपुर उच्च न्यायालय मुख्य पीठ में न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी के न्यायालय में सुनवाई के दौरान न्यायामूर्ति की अनुचित टिप्पणी से आहत होकर अभिभाषक अनुराग साहू ने आत्महत्या कर ली। मृतक अभिभाषक का शव लेकर अभिभाषक गण मुख्य न्यायाधीपति से मिलने गए तो वे नहीं मिले और इस दौरान पुलिस बल ने आक्रामक कार्यवाही कर अभिभाषकों से मारपीट की।
उन्होंने बताया कि न्यायायिक इतिहास में अपनी तरह की यह पहली घटना है, जब न्यायमूर्ति की अनुचित टिप्पणी से पीड़ित अभिभाषक ने आत्महत्या की है। इस घटना की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाना आवश्यक है। मुख्य न्यायाधिपति को भेजे गए ज्ञापन में इस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधिपति से करवाने की मांग की गई।

सीबीआई और एसआईटी की मांग

इसी प्रकार मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में अभिभाषकों से की गई मारपीट आदि की जांच सीबीआई अथवा एसआईटी से करवाने की मांग की गई। उन्होेंने बताया कि उक्त घटनाक्रम से प्रदेश के सभी अभिभाषक प्रताड़ित होकर अवसाद में क्षुब्ध है। ऐसी घटनाक्रम की पुनरावृत्ति रोकने हेतु तत्काल जांच के निर्देश दिए जाएं।

ये रहे मौजूद

ज्ञापन देने के दौरान संघ उपाध्यक्ष नीरज सक्सेना, सह सचिव योगेश शर्मा, कोषाध्यक्ष अनुभव उपाध्याय, पुस्तकालय सचिव अजय चंद्रावत, कार्यकारिणी सदस्य राकेश शर्मा, राजेद्र चौहान, तेजकुमार चौधरी, जितेंद्र बोरासी, शैलेंद्र कैथवास, प्रखर माहेश्वरी, रोहित रायकवार, सर्वेश बड़गुर्जर, मदनलाल सोलंकी सहित जेपी भट्ट, मनीष शर्मा, पंकज बिलाला और मकसूद खान आदि समस्त अभिभाषक मौजूद रहे।