स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा 8 से 14 जनवरी तक, रतलाम विधायक काश्यप ने किया रतलाम जिले को नंबर-1 लाने का लक्ष्य तय करने का आह्वान

कुपोषण से मुक्ति के लिए 8 से 14 जनवरी तक स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा आयोजित की जाएगी। इसमें 0 से 6 साल तक के बच्चों की जानकारी ट्रैकर एप में अपलोड की जाएगी। इसमें रतलाम को नंबर-1 लाने का आह्वान रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप एवं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने किया है।

स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा 8 से 14 जनवरी तक, रतलाम विधायक काश्यप ने किया रतलाम जिले को नंबर-1 लाने का लक्ष्य तय करने का आह्वान
स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा

पोषण ट्रैकर एप पर 6 वर्ष आयु तक के बच्चों की जानकारी होगी अपलोड, स्वस्थ होने का प्रमाण-पत्र जारी होगा, कुपोषित बच्चों का होगा उपचार

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर कुपोषण निवारण के लिए 8 से 14 जनवरी तक स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। इसे लेकर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और अशासकीय संस्थाओं की बैठक आहूत की गई। जनप्रतिनिधियों की बैठक में रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने स्पर्धा में रतलाम को नंबर-1 लाने का लक्ष्य सुनिश्चित करने का आह्वान किया। वहीं अधिकारियों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक में कलेक्टर ने स्पर्धा की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने एक भी बच्चा नहीं छूटने की हिदायत दी।

जनप्रतिनिधियों की बैठक को विधायक चेतन्य काश्यप ने संबोधित किया। उन्होंने कहा इसमें रतलाम जिले को नंबर-1 लाने का लक्ष्य रखें। शहर में चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन द्वारा चलाए गए कुपोषण मुक्त रतलाम अभियान के सकारात्मक परिणाम आए हैं। यदि जिला स्तर पर टीम भावना से कार्य किया जाएगा तो सफलता अवश्य मिलेगी। जावरा विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय, रतलाम ग्रामीण विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक संगीता चारेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने कहा- एक भी बच्चा न छूटे, महिला बाल विकास विभाग नियोजित ढंग से करे कार्य

अधिकारियों और अशासकीय संस्थाओं की बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शासकीय अमले को स्पर्धा में अधिकाधिक बच्चे शामिल हों इसके प्रयास के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा छूटे नहीं। स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा आयोजन के लिए महिला बाल विकास नियोजित ढंग से कार्य करें। स्पर्धा में रतलाम जिले को नंबर वन पर लाना है। पोषण ट्रैकर एप पर अधिकाधिक बच्चों का पंजीयन करवाया जाए। महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचे, बच्चों की जानकारी अपलोड कराएं। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पृथक-पृथक कार्ययोजना बनाई जाए। अधिकारिक रूप से जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। जिला शिक्षा अधिकारी मैसेज करके बच्चों में जागृति लाएं।

0 से 6 वर्ष तक के बच्चे होंगे शामिल 

कलेक्टर ने बताया स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में 0 से 6 वर्ष आयु के बच्चे शामिल किए जाएंगे। इसका उद्देश्य बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है। माता-पिता और बच्चों में स्वस्थ बनने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना है। छूटे हुए बच्चों के लिए आईसीडीएस सेवाओं के कवरेज का विस्तार करना है। इसके साथ ही कुपोषण की समस्या का आकलन करने और समय पर उपचारात्मक हस्तक्षेप शुरू करने के लिए बच्चों की नियमित वृद्धि निगरानी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा। स्पर्धा का आयोजन आगामी 8 से 14 जनवरी तक होगा। 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की ऊंचाई, वजन माप कर पोषण ट्रैकर एप के मॉड्यूल पर जाकर अपलोड किया जाएगा। स्वस्थता का प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। जो बच्चे अस्वस्थ और कुपोषित पाए जायेंगे उनका उपचार कर स्वस्थ बनाया जाएगा।

ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से कर सकते हैं भागीदारी

स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से स्वत: भागीदारी की जा सकेगी। यह मोड केवल 2 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपलब्ध रहेगा, जिनकी ऊंचाई और वजन को घर पर आसानी से मापा जा सकता है। माता-पिता, अभिभावक घर पर बच्चे की ऊंचाई और वजन माप सकते हैं और आवेदन पर डाटा अपलोड कर सकते हैं। यदि बच्चा स्वस्थ है तो प्रमाण-पत्र तैयार किया जाएगा। इसे माता-पिता डाउनलोड कर सकते हैं।

बैठक में ये हुए शामिल

अपर कलेक्टर एम. एल. आर्य, सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े, गोविंद काकानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे, निगमायुक्त सोमनाथ झारिया, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रजनीश सिन्हा, सहायक संचालक अंकिता पंड्या, सीडीपीओ चेतना गहलोत, सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर, जिला शिक्षा अधिकारी के. सी. शर्मा, जन अभियान परिषद समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय, नवोदित बैरागी, चेतन्य काश्यप फाउंडेशन से राजेश सोलंकी, ख़ुशी एक पहल, दृश्य वेलफेयर सोसायटी, सृष्टि समाजसेवा, लायंस एवं रोटरी, इनरव्हील, परिवार, चेतना संस्था, आईएमए, नांदी फाउंडेशन, पतंजलि संस्थान आदि।