जयस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में ज्ञापन सौंपकर की FIR निरस्त करने की मांग, पदाधिकारी बोले- जनप्रतिनिधि का घेराव लोकतांत्रिक अधिकार

जसय ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। इसमें सांसद व विधायक का घेराव करने वाले नेताओं पर दर्ज केस रद्द करने की मांग की है।

जयस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में ज्ञापन सौंपकर की FIR निरस्त करने की मांग, पदाधिकारी बोले- जनप्रतिनिधि का घेराव लोकतांत्रिक अधिकार
राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम संजीव केशव पांडेय को सौंपते जयस नेता।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम-झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर और रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना के घेराव, पथराव और सरकारी कार्य में बाधा के आरोप में नेताओं की गिरफ्तारी से जयस में नाराजगी है। जयस ने नेताओं पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है। जयस पदाधिकारियों का कहना है कि भारत लोकतांत्रित देश है और धरना, प्रदर्शन और घेराव आदि लोकतांत्रित अधिकार है।

जयस के कार्यकर्ताओं ने शनिवार दोपहर कलेक्ट्रेट पंहुच कर ज्ञापन दिया। जयस नेता कमलेश्वर डोडियार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के गेट के बाहर जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पांच कार्यकर्ताओं ने गेट के अंदर प्रवेश कर एसडीएम संजीव केशव पांडेय को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि जयस नेता लोकतांत्रिक तरीके से सांसद और विधायक के सामने आदिवासी क्षेत्रों में निवेश क्षेत्र विकसित करने का विरोध कर रहे थे। बावजूद प्रशासन ने विभिन्न गभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। यह पूरी तरह गलत है।

निवेश क्षेत्र निरस्त करने की है मांग

ज्ञापन में गिरफ्तार जयस नेताओं को तुरंत रिहा करने और उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की। जयस नेता कमलेश्वर का कहना था कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। संविधान में लोगों को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार दिया गया है। सवाल उठाया जा रहा है कि घेराव किया गया, सांसद का घेराव क्यों किया गया। दरअसल निवेश क्षेत्र को निरस्त करने की मांग की जा रही है। जहां निवेश क्षेत्र बन रहा है वह रतलाम ग्रामीण का इलाका है और दिलीप मकवाना इसी क्षेत्र के विधायक हैं। सांसद के साथ विधायक मकवाना भी मौजूद थे। जो भी नीति निर्धारण होना है वह विधानसभा में ही होना है और विधायक उसके सदस्य हैं इसलिए उनसे निवेश क्षेत्र निरस्त कराने की मांग की जा रही है।

निरस्त हो एफआईआर

जयस नेता कमलेश्वर के अनुसार लोकतांत्रिक तरीके अपनी बात कहने और जनप्रतिनिधियों के घेराव को लेकर शासकीय कार्य में बाधा जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया। मौके पर बहुत से कैमरे मौजूद थे जिससे देखा जा सकता फिर भी 19 नामजद लोगों पर केस दर्ज किया गया है जबकि पता चला है कि उनमें से कई तो मौके पर थे ही नहीं। इससे कई निर्देश लोगों का जीवन बर्बाद हो जाएगा। अतः एफआईआर निरस्त की जानी चाहिए।

भारी पुलिस बल रहा तैनात

जयस के ज्ञापन के दौरान प्रदर्शन की आशंका के चलते कलेक्ट्रेट पर भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। मौके पर पुलिस का सख्त पहरा बैठाया गया था। कलेक्टर कार्यालय के अंदर किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं थी। ज्ञापन देने के लिए भी सिर्फ पांच लोगों को ही गेट के अंदर प्रवेश करने दिया गया।

सांसद व विधायक के घेराव और जयस नेताओं की गिरफ्तारी से जुड़ा पूरा घटनाक्रम जानने के लिए नीचे दी गईं लिंक पर क्लिक करें...

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