प्लेटिनम इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग की तरह अन्य नर्सिंग कॉलेज भी कागजों पर संचालित होने के मामले आ चुके हैं पूर्व में, फिर जांच हो तो हो सकते हैं नए खुलासे !

पुलिस ने 2015 से फरार एक इनामी धोखेबाज को गिरफ्तार किया है। उस पर नर्सिंग कॉलेज के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।

प्लेटिनम इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग की तरह अन्य नर्सिंग कॉलेज भी कागजों पर संचालित होने के मामले आ चुके हैं पूर्व में, फिर जांच हो तो हो सकते हैं नए खुलासे !
नर्सिंग इंस्टिट्यूट कॉलेज के नाम पर फर्जीवाड़ा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पुलिस ने नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े के फरार एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्लेटिनम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के नाम से विद्यार्थियों को नर्सिंग की परीक्षा दिलवाने का आरोप है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। प्लेटनिम इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग के अलावा कागजों पर नर्सिंग कॉलेज संचालित होने के फर्जीवाड़े के अन्य मामले भी पूर्व में सामने आ चुके हैं। जानकारों का कहना है यदि निष्पक्ष जांच हो तो अभी भी कई संस्थानों में अनियमितताएं मिल सकती हैं।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में डॉ. एम. बी. शर्मा नर्सिंग कॉलेज काटजू नगर रतलाम में जनरल नर्सिंग स्टूडेन्ट (जीएएम) की प्रथम एवं ततीय वर्ष की थी। इसमें विभिन्न कॉलेज के परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें कुछ विद्यार्थी प्लेटिनम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के रूप भी शामिल हुए थे। संचालक नवीन सैनी द्वारा उक्त संस्थान डायमंड एकेडमी मोहन नगर रतलाम में संचालित होना बताया गया था। विदार्थियों के प्रवेश पत्र पर भी प्लेटिनम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग डायमंड एकेडमी मोहननगर का उल्लेख था। यह भी बताया गया था कि उक्त विद्यार्थी संस्थान में नियमित रूप से अध्ययनरत हैं। संदेह होने पर जांच की गई तो पता चला कि डायमंड एकेडमी मोहननगर रतलाम में प्लेटिनम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग नाम से कोई संस्था संचालित नहीं है।

प्रवेश पत्र में प्राचार्य के हस्ताक्षर भी अलग-अलग

इतना ही नहीं भौतिक जांच में विद्यार्थियों का भी नियमित होना नहीं पाया गया। सभी विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र पर प्राचार्य के हस्ताक्षर भी अलग-अलग पाए गए थे। इससे साफ हो गया कि आरोपी नवीन सैनी द्वारा छात्रों से अवैध रूप से लाभ अर्जित कर शासन व छात्रों के साथ धोखाधडी की गई है। इसके चलते ही आरोपी नवीन सैनी के विरुद्ध रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र थाने में भादंवि की धारा 420  के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। विवेचना में धारा 467, 468 भी बढ़ाई गई। आरोपी 2015 से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने 10 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी।

मंदसौर, नीमच, उज्जैन और उदयपुर में भी संचालित हैं कॉलेज

आरोपी नवीन सैनी की तलाश कर रही टीम को मुखबिर से सूचना मिली तो तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर नवीन पिता भंवरलाल रातलिया (सैनी) उम्र 40 साल निवासी 03 मेघदूत बालाजी मंदिर के पास मेघदूत नगर मन्दसौर को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने नवीन ने बताया कि उसके द्वारा मंदसौर, नीमच, उज्जैन एवं उदयपुर में भी नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। इननकी मान्यता के बारे में संबंधित विभाग से जानकारी प्राप्त की जा रही है।

खारिज हो गई थी अग्रिम जमानत याचिका

बता दें कि, 8 वर्ष पूर्व प्लेटिनम इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग के नाम से कागजों पर इंस्टिट्यूट संचालित करने के मामले में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. पुष्पेंद्र शर्मा द्वारा धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपी नवीन सैनी की ओर से अग्रिम जमानत याचिका एडीजे कोर्ट में दायर की गई थी। याचिका पर तत्कालीन एडीजे प्रियदर्शन शर्मा के समक्ष सुनवाई हुई। तब लोक अभियोजक सुभाष जैन ने आपत्ति ली। उन्होंने तर्क दिया कि प्लेटिनम इंस्टिट्यूट को महज 40 विद्यार्थियों की अनुमति मिली है जबकि परीक्षा में 76 विद्यार्थी बैठाए गए। प्रशासनिक स्तर पर हुई जांच में इंस्टिट्यूट भौतिक रूप से कहीं नहीं पाया गया। लोक अभियोजक के तर्कों के आधार पर न्यायाधीश ने नवीन सैनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

आधार स्कूल ऑफ नर्सिंग का फर्जीवाड़ा भी आया था सामने

जिस समय प्लेटिनिम इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग के नाम पर फर्जीवाड़े का केस दर्ज हुआ था उसी समय सैलाना में आधार स्कूल ऑफ नर्सिंग का फर्जीवाड़ा भी सामने आया था। हुआ यह था कि सैलाना के सरस्वती शिशु मंदिर के पते पर नर्सिंग कौंसिल ऑफ इंडिया ने आधार स्कूल ऑफ नर्सिंग को 40 सीटों के लिए नर्सिंग इंस्टिट्यूट संचालित करने की अनुमति जारी की थी। जबकि सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की शैक्षणिक समिति के अध्यक्ष डॉ. ओ.पी. जोशी ने दावा किया था कि उनके स्कूल भवन का किसी भी संस्था से कोई अनुबंध नहीं हुआ। उन्होंने यह भी दावा किया था कि एनसीआई की टीम कभी निरीक्षण करने तक वहां नहीं आई। इसी से फर्जीवाड़े को लेकर संदेह हुआ था और सवाल उठा था कि जब एनसीआई की टीम ने सरस्वती शिशु मंदिर बिल्डिंग का निरीक्षण किया ही नहीं तो उसने आधार स्कूल ऑफ नर्सिंग के लिए संबद्धता कैसे जारी कर दी। इसके चलते ही प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जिले में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेज की जांच तत्कालीन कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने दिए थे। जांच तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. वंदना खरे को सौंपी गई थी।

अभी भी हो निष्पक्ष जांच तो हो सकते हैं बड़े खुलासे

सूत्रों की मानें तो नर्सिंग कॉलेज संचालक के मामले में अभी भी कई जगह नियमों की अनदेखी की जा रही है। कहा जा रहा है कि यदि जिला प्रशासन एक बार पुनः जांच करे तो कई प्रकार की अनियमितता और खामियां सामने आ सकती हैं। गत वर्ष सैलाना विकासखंड में ही संचालित माही स्कूल ऑफ नर्सिंग की अनियमितताओं को लेकर भी उच्च स्तर पर शिकायत हुई थी। तब जांच हुई थी जिसे काफी गोपनीय रखा गया था।