मिट रहा रतलाम का इतिहास ! सूरजपौर स्कूल की जमीन पर भू-माफिया का कब्जा, कलेक्टर से लेकर पीएम तक लगाई कब्जा हटाने के लिए गुहार

दो दर्जन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सहित अन्य को शिकायती पत्र भेज कर सूरजपौर स्कूल की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की गुहार लगाई है।

मिट रहा रतलाम का इतिहास ! सूरजपौर स्कूल की जमीन पर भू-माफिया का कब्जा, कलेक्टर से लेकर पीएम तक लगाई कब्जा हटाने के लिए गुहार
सूरजपौर, रतलाम।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम रियासत के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक महलवाड़ा अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ ही चुका है। दूसरे शहरों में इतिहास संरक्षित हो रहा है जबकि कतिपय लोग रतलाम का इतिहास मिटने पर आमादा हैं। कॉलोनी में तब्दील हो चुके महलवाड़े के सूरजपौर में लगने वाले सरकारी स्कूलों की जमीन भी अब भू-माफिया की गिरफ्त में है। शिक्षा विभाग की इस जमीन पर अवैध निर्माण हो रहे हैं। विडंबना यह है कि इसे रोकना तो दूर, जिम्मेदार अकर्मण्यता की पट्टी आंखों पर बांधकर गांधारी का रूप धराण किए बैठे हैं। ऐसे में इतिहास बचाने के लिए प्रयासरत दो दर्जन लोगों ने कलेक्टर से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायती पत्र भेज कर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

शिकायती पत्र में मंथन मूसले, दिनेश गहलोत, राजेश शर्मा, महेश शर्मा, नरेंद्र श्रेष्ठ, हिम्मत सिंह सोलंकी, उमाकांत उपाध्याय, नवीन शर्मा, आईएस राठौड़, कैलाश जोशी, संजय मूसले, मनीष, हरीश मेहता, शेर मोहम्मद शाह, गोपाल शर्मा, रविंद्र सिंह, देवेंद्र, रईस मोहम्मद खान, आसिफ खान आदि ने हस्ताक्षर किए हैं। इसकी प्रति प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मप्र शासन के मुख्य सचिव, राजस्व सचिव, शिक्षा सचिव, संभागायुक्त को भी भेजी है।

न्यायालय ने लगाई थी रोक

इसमें सूरजपौर की जमीन की बंदरबाट होने की पूरी कहानी दी गई है। शिकायकर्ताओं ने बताया है कि सूरजपौर में 6 स्कूल लगते थे। इनमें शहर के हजारों निर्धन और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे पढ़ते थे। जिला शिक्षा विभाग द्वारा इनमें से साजिशपूर्वक 4 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पत्र में बताया गया है कि पूर्व में रतलाम के कुछ सामाजिक व्यक्तियों द्वारा उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी। इसमें न्यायालय ने 11 अप्रैल 1991 को पारित आदेश में विद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार के निर्माण, परिवर्तन व अतिक्रमण के साथ ही किसी भी प्रकार के हस्तान्तरण पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद कार्यालय कलेक्टर (नजूल) द्वारा 23 अगस्त 2004 द्वारा खसरा नं. 634 की उक्त भूमि में से 7313.57 वर्गमीटर भूमि शिक्षा विभाग रतलाम ने सूरजपौर विद्यालय के लिए मांगी थी। इसके चलते जिला योजना समिति रतालम की 01 अक्टूबर 2003 को हुई बैठक में सर्वसहमति से उपरोक्त भूमि शिक्षा विभाग रतलाम को हस्तान्तरित कर दी गई थी। शिक्षा विभाग ने इसका कब्जा भी ले लिया था। परंतु विभाग की लापरवाही और भू-माफिया व प्रभावशाली व्यक्तियों से सांठगांठ कर हजारों वर्ग फीट भूमि पर फर्जी पंजीयन दस्तावेज दिखाकर अवैध पक्के निर्माण कर लिए गए। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कुछ कब्जेदारों ने भ्रमित करने के लिए न्यायालय में वाद भी लगा रखे हैं। 

यह चाहते हैं शिकायतकर्ता

पत्र के माध्यम से शिकायकर्ताओं ने विद्यालय की जमीन का सीमांकन कर अवैध निर्माण तोड़ने की मांग की है। उन्होंने दोषी अधिकारियों एंव कब्जाधारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की गुहार भी लगाई है।