कहां तुम चले गए… साहित्य जगत के संत राष्ट्रवादी चिंतक अज़हर हाशमी को किया सुपुर्द-ए-ख़ाक, पैतृक गांव पिड़ावा में दी गई अंतिम विदाई
प्रख्यात साहित्यकार, कवि, चिंतक, ज्योतिषी प्रो. अज़हर हाशमी को झालावाड़ में उनके पैतृक गांव पिड़ावा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । दिवंगत प्रोफेसर अज़हर हाशमी को उनके पैतृक गांव पिड़ावा (झालावाड़) में अंतिम विदाई दी गई। साहित्य और पत्रकारिता जगत की हस्तियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य गणमान्यजनों की मौजूदगी में माता-पिता की कब्र के पास उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
13 जनवरी 1950 को जन्मे प्रो. अज़हर हाशमी का 10 जून 2025 की शाम रतलाम के आरोग्यम हॉस्पिटल में निधन हो गया था। उनकी पार्थिव देह को यहां से पहले उनके इंदिरानगर स्थित निवास और उसके बाद उनके पैतृक गांव पिड़ावा, जिला झालावाड़ (राजस्थान ले जाया गया। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए पिड़ावा में पीपली चौक स्थित उनके पैतृक निवास पर रखा गया। यहां स्थानीय और विभिन्न स्थानों से आए गणमान्यजन, जनप्रतिनिधि और साहित्य जगत से जुड़े लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात उनका जनाजा निकला जो कब्रिस्तान पहुंचा। यहां उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान यहां मौजूद गणमान्यजनों ने मिट्टी दी और दिवंगत हाशमी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
माता-पिता की कब्र के पास किया सुपुर्द-ए-खाक
छोटे भाई मुख्तार एवं मजहर हाशमी ने बताया कि कब्रिस्तान में जिस स्थान पर बड़े भाई प्रो. हाशमी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया है वहीं उनके माता-पिता की भी कब्र है। बता दें कि प्रो. हाशमी के पिता खुर्शीद अली सूफी संत थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव और मप्र के उज्जैन में हुई। इसके बाद वे शासकीय सेवा में आ गए और रतलाम को ही अपनी कर्मस्थली बना लिया। राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रहे स्व. हाशमी ने अपने साहित्य, कविताओं, ग़जलों, मुक्तकों और संस्मरणों के माध्यम से रतलाम का नाम देश-दुनिया में रोशन किया। इसके लिए उन्हें अनेकों पुरस्कारों से नवाज़ा गया।
इन्होंने किए अंतिम दर्शन, दी श्रद्धांजलि
प्रो. हाशमी को अंतिम दर्शन करने और अंतिम विदाई देने वालों में राष्ट्रीय कवि अनिल उपहार, पिड़ावा नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन निर्मल शर्मा, पूर्व चेयरमैन सगीर अहमद ‘मुन्ना’, जैन सोशल ग्रुप के सुखमाल जैन, रतलाम से वरिष्ठ पत्रकार आरिफ कुरैशी, तुषार कोठारी, हेमंत भट्ट, रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश गोस्वामी, कमलेश पांडेय, विद्यार्थी परिवार के अध्यक्ष एवं अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी, राजेश घोटीकर, भारत गुप्ता, हरीश पुरोहित, कैलाश पाठक, विजय सिंह रघुवंशी, इंदौर से संपादक क्रांति चतुर्वेदी एवं अरुण जैन, शिक्षाविद डॉ. प्रवीणा दवेसर, लेखिका श्वेता नागर सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।