उपलब्धि : बाजना विकासखंड ने ‘संपूर्णता अभियान’ में हासिल की उल्लेखनीय सफलता, कलेक्टर राजेश बाथम का राज्य स्तर पर होगा सम्मान

संपूर्णता अभियान में रतलाम जिले के बाजना विकासखंड को मिली सफलता के लिए कलेक्टर राजेश बाथम को राज्य स्तरीय सम्मान से नवाजा जाएगा।

उपलब्धि : बाजना विकासखंड ने ‘संपूर्णता अभियान’ में हासिल की उल्लेखनीय सफलता, कलेक्टर राजेश बाथम का राज्य स्तर पर होगा सम्मान
राजेश बाथम, कलेक्टर रतलाम।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले के बाजना विकासखंड में आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम योजना के अंतर्गत ‘संपूर्णता अभियान’ चलाया गया। 4 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 तक चले अभियान के दौरान नीति आयोग द्वारा निर्धारित कुल 6 प्रमुख संकेतकों पर सघन कार्य किया हुआ। इनमें से 5 संकेतकों में विकासखंड ने 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया कर सेचुरेशन की स्थिति हासिल की। इसके लिए कलेक्टर राजेश बाथम का राज्य स्तरीय सम्मान के लिए चयन किया गया है।

जानकारी के अनुसार अभियान कलेक्टर राजेश बाथम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शृंगार श्रीवास्तव, जिला योजना अधिकारी बालकृष्ण पाटीदार एवं जनपद पंचायत बाजना सीईओ मनीष भंवर के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में निरंतर काम चला। इसमें जिला एवं विकासखंड स्तर के अधिकारियों के साथ ही बीएमओ डॉ. हिमांशु राव, तत्कालीन सीडीपीओ (आईसीडीएस) अंकिता पंड्या तथा मैदानी अमले की नियमित समीक्षा, निरंतर निगरानी एवं मूल्यांकन किया गया। इसमें एबी फैलो शीतल मानकर ने भी तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

इन संकेतकों के अनुसार हुआ कार्य 

सतत, समन्वित एवं केंद्रित प्रयास का प्रतिफल यह रहा कि प्रथम पाँच संकेतकों में पहली तिमाही के भीतर एएनसी हेतु पंजीकरण, मधुमेह की जांच, उच्च रक्तचाप की जांच, पूरक पोषण प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया। यह विकासखंड बाजना की उल्लेखनीय उपलब्धि है। छठे संकेतक एनआरएलएम के अंतर्गत एसएचजी को रिवॉल्विंग फंड में भी 91.77 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई। यह सफलता स्थानीय प्रशासन, विभिन्न विभागों के समन्वय और समर्पित मैदानी अमले की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

स्वास्थ्य विभाग में तीन संकेतकों पर हुआ काम

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत तीन संकेतकों पर कार्य किया गया। पहली तिमाही के भीतर (एएनसी) हेतु पंजीकृत गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत, लक्षित जनसंख्या (30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग) की तुलना में मधुमेह की जांच करवाने वाले व्यक्तियों के प्रतिशत पर काम हुआ। इसी तरह लक्षित जनसंख्या (30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग) की तुलना में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की जांच करवाने वाले व्यक्तियों के प्रतिशत पर काम किया गया।

अन्य विभागों एक-एक संकेतक पर काम हुआ

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आईसीडीएस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित रूप से पूरक पोषण प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए काम किए गए। वहीं कृषि विभाग ने मृदा नमूना संग्रहण लक्ष्य की तुलना में तैयार किए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का प्रतिशत बढ़ाया। इसी तरह सामाजिक विकास विभाग (एनआरएलएम) स्वयं सहायता समूह को रिवॉल्विंग फंड प्राप्त होने का प्रतिशत के संकेतकों पर कार्य किया गया।