गणेश प्रतिमा पर पथराव, पुलिस के लाठीचार्ज और युवक की मौत की होगी मजिस्ट्रियल जांच, ताकि सच्चाई आ सके सामने

गणेश चतुर्थी के दिन प्रतिमा पर हुए पथराव, पुलिस के लाठीचार्ज और एक युवक की मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जिला दंडाधिकारी ने दिए हैं।

गणेश प्रतिमा पर पथराव, पुलिस के लाठीचार्ज और युवक की मौत की होगी मजिस्ट्रियल जांच, ताकि सच्चाई आ सके सामने
रतलाम में गणेश चतुर्थी पर हुई घटना की मजिस्ट्रियल जांच के हुए आदेश।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पिछले दिनों गणेश प्रतिमा पर पथराव के आरोप, पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के औचित्य और लाठीचार्ज से युवक की मौत के आरोप को लेकर पुलिस-प्रशासन सवालों के घेरे में है। इन तीनों ही मामलों की सच्चाई जल्दी ही सामने आएगी। यह मजिस्ट्रियल जांच से संभव होगा जिसके आदेश जिला दंडाधिकारी राजेश बाथम ने दे दिए है।

दिनांक 7 सितंबर को ऊंकाला रोड रतलाम की गणेश स्थापना समिति के चल समारोह पर पथराव तथा 7 एवं 8 सितंबर की मध्य रात्रि को मोचीपुरा क्षेत्र में पथराव की घटना हुई। इसके बाद पुलिस ने भीड़ तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। आरोप है कि पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में 19 वर्षीय प्रकाश मईड़ा निवासी होमगार्ड कॉलोनी रतलाम की मौत हो गई थी। इससे हिंदू समाज ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

उक्त घटना से जुड़ी परिस्थितियों तथा जन आक्रोश को देखते हुए घटना की जांच हेतु कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच अधिकारी अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी आर. एस. मंडलोई को नियुक्त किया गया है।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

  • 7 सितंबर को पथराव की घटना तथा 7 एवं 8 सितंबर की मध्य रात्रि मोचीपुरा क्षेत्र में पथराव एवं बल प्रयोग की घटना किन परिस्थितियों में हुई और उसके क्या कारण है?
  • दिनांक 7 एवं 8 सितंबर के मध्य रात्रि को पथराव एवं बल प्रयोग की घटना के लिए कौन-कौन उत्तरदाई है?
  • क्या पुलिस द्वारा तत्परतापूर्वक कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया गया अथवा नहीं?
  • क्या पुलिस कर्मियों द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज एवं अभद्र व्यवहार किया गया है, इसके लिए कौन-कौन उत्तरदाई है।
  • क्या दिनांक 9 सितंबर को प्रकाश मईड़ा की मृत्यु संदेहास्पद थी और मृत्यु का कारण क्या था?
  • प्रकाश मईड़ा की मृत्यु के लिए कौन उत्तरदाई है। इस प्रकार की घटना की भविष्य में पुनरावृति नहीं हो, इस हेतु सुझाव।
  • अन्य सुसंगत बिंदु जो जांच अधिकारी उचित समझते हों के आधार पर जांच अधिकारी जांच उपरांत एक माह की समय अवधि में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।

एसपी पर गिरी थी तबादले की गाज

उक्त घटनाक्रम में पुलिस पर बर्बरता के आरोप लगे हैं। इससे हिंदू समाज में उपजे आक्रोश ने राजधानी तक को हिला दिया और ताबड़-तोड़ में शासन ने रतलाम एसपी को बदल दिया। यहां एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के स्थान पर अमित कुमार को भेजा है।