हाईकोर्ट ने खारिज की प्रॉपर्टी के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोपी विकास जैन की जमानत याचिका, जेल भेजने का दिया आदेश

प्रॉपर्टी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोपी विकास जैन के फिर फरार होने की खबर है। हाईकोर्ट से सशर्त जमानत पर रिहा हुए आरोपी ने अब तक किसी भी फरियादी को एक रुपया भी नहीं लौटाया है। ऐसे में दो बार जेल की हवा खा चुके विकास की पुनः गिरफ्तारी के लिए हाल ही में हाईकोर्ट इंदौर ने आदेश जारी किया है।

हाईकोर्ट ने खारिज की प्रॉपर्टी के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोपी विकास जैन की जमानत याचिका, जेल भेजने का दिया आदेश
धोखाधड़ी के मामले में आरोपी विकास जैन की जमानत याचिका खारिज।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मप्र हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने प्रॉपर्टी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी विकास जैन की एक और जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका फरियादी सुरेश सिंह तंवर के साथ हुई धोखाधड़ी के केस में प्रस्तुत की गई थी जिसे अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने फरार आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश दिए हैं। जैन और उसकी पत्नी पर प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर शहर के कई लोगों से लाखों रुपए ठगने का आरोप है। ऐसे ही आरोप में वह पूर्व में दो बार गिरफ्तार हो चुका है। दोनों बार पीड़ित पक्षों को रुपए लौटाने के सशर्त वादे पर कोर्ट से जमानत ली थी। बावजूद उसने अब तक राशि नहीं लौटाई और फरार है।

अमिय कुमार निगम और विजय कुमावत द्वारा औद्योगिक क्षेत्र ताने में प्रॉपर्टी विकास जैन और उसकी पत्नी के विरुद्ध कि प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके आधार पर पुलिस ने आरोपी दंपति के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 34 में प्रकरण दर्ज किया था। मामले में गत 10 अक्टूबर 2020 को आरोपी विकास जैन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद आरोपी जैन की तरफ से रतलाम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और हाईकोर्ट इंदौर में याचिका दायर कर जमानत के लिए गुहार लगाई गई। दोनों ही जगह से याचिकाएं खारिज कर दी गईं। नतीजतन जैन को करीब 11 माह जेल में रहना पड़ा।

इसके बाद विकास जैन ने कोर्ट से पुनः जमानत के लिए निवेदन किया। कोर्ट ने गत 14 जुलाई 2021 को 6 माह के लिए सशर्त जमानत दी। इससे पूर्व कोर्ट ने आरोपी पक्ष से पांच लाख रुपए भी जमा करवाए। आरोपी ने कोर्ट से वादा किया था कि वह दोनों फरियादी अमिय निगम और विजय कुमावत से समझौता कर 6 माह में उनके रुपए लौटा देगा। हाईकोर्ट से ऐसा ही एक फैसला आरोपी विकास जैन के विरुद्ध सुरेशसिंह तंवर के धारा 420, 468 व 409 के तहत प्रचलित प्रकरण में भी हुआ था।

जनवरी में ही पूरी हो गई थी मोहलत

कोर्ट द्वारा दी गई मोहलत 14 जनवरी 2022 को ही पूरी हो गई थी बावजूद आरोपी जैन ने तीनों ही फरियादियों में से किसी को रुपया नहीं लौटाया। नतीजतन विकास को दूसरी बार गिरफ्तार कर रतलाम जेल भेजा गया जहां वह करीब 40 दिन रहा। हाल ही में सुरेश सिंह तंवर के साथ की गई धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने पुनः विकास को जेल भेजने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने विकास को अमिय निगम और विजय कुमावत के रुपए 14 अगस्त 2022 को लौटाने के आदेश दे रखे हैं। यह अवधि पूरी होने में सिर्फ 19 दिन ही शेष हैं। अब तक दोनों को एक रुपया भी नहीं लौटाया गया है। बताया जा रहा है कि जमानत की अवधि पूरी होने की डेडलाइन नजदीक आते ही आरोपी जैन फरार हो गया है। गौरतलब है कि- धोखाधड़ी के मामले में विकास जैन की पत्नी दीपा सह आरोपी आरोपी है। दीपा की फरार रहने के दौरान ही कोरोना संक्रमण के कारण उदयपुर में मौत हो चुकी है। 

इनके साथ भी हुई थी धोखाधड़ी

अमिय निगम और विजय कुमावत की तरह ही कई अन्य के साथ भी लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने का जैन दंपति पर आरोप है। इनमें राजेश भटेवरा, ताराबाई, फकीर मोहम्मद (दिवंगत), यामिन शेरानी आदि के नाम शामिल बताए जाते हैं। इनमें से शहर की गुलमोहर कॉलोनी में रहने वाले राजेश भटेवरा ने स्टेशन रोड थाने पर लिखित शिकायत भी की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि आरोपी विकास जैन ने उन्हें अंजनि धाम में 87, 80 व 88 नंबर के प्लॉट बता कर मालिक के रूप में नागरवास निवासी अर्पित पिता वर्धमान जैन नामक एक व्यक्ति से मिलवाया था। प्लॉट नंबर 87 के लिए 46 लाख 50 हजार तथा 88 नंबर प्लॉट के लिए 23 लाख 50 हजार रुपए में सौदा हुआ। इसके एवज में भटेवरा ने 11 लाख 50 हजार रुपए साई पेटे जमाकर अनुबंध किया। इस पर विकास एवं अर्पित जैन के हस्ताक्षर थे।

इसी तरह विकास ने बंजली में सर्वे क्रमांक 315/2/2 का रकबा 0.450 बता कर सचिन पिता जगन्नाथ नीमा नामक एक व्यक्ति को मालिक बनाकर मिलवाया। उससे उक्त भूमि का 23 लाख 50 हजार में सौदा हुआ। इसके एवज में 5 लाख रुपए साई पेटे के तौर पर देकर अनुबंध किया गया। जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई गई और ना ही एनओसी ही दी गई। जब भटेवार ने संबंधित से बात की तो उन्होंने उन्हें पहचानने से ही इनकार कर दिया। भटेवरा ने विकास से बात की तो उसने गलती स्वीकार करते हुए लोकेंद्र टॉकीज के पीछे स्थित गोल्डन नेस्ट नामक कॉलोनी का फ्लैट 301 अपना बता कर बतौर गारंटी उसका अनुबंध कर दिया लेकिन उन्हें भी आज तक राशि नहीं मिली। बताया जाता है कि उनके साथ 32 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई।

इन्हें लगी 10 लाख रुपए की चपत

मोहननगर निवासी ताराबाई पति जगदीश गेहलोत ने भी ऐसी ही धोखाधड़ी की लिखित शिकायत औद्योगिक क्षेत्र थाने में दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके जमाई दीपक परमार की आरोपी विकास व उसकी पत्नी दीपा से पहचान थी। आरोपी दंपति ने एक प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर उनसे 10 लाख रुपए ले लिए लेकिन ना तो प्रॉपर्टी मिली और ना ही रुपए। शिकायत करने पर विकास ने ताराबाई को गोल्डन नेस्ट कॉलोनी बुलाकर कहा कि कॉलोनी में उसका 70 लाख रुपए का फ्लैट है। वह उक्त फ्लैट का एग्रीमेंट उनके नाम करने को तैयार है। ऐसा कह कर विकास ने उन्हें 7 लाख रुपए का चेक दिया जो बैंक में बाउंस हो गया। धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों में कुछ नाम ऐसे भी हैं जो खुद भी किसी ना किसी प्रकरण में लिप्त हैं अथवा घिरे रह चुके हैं। अंत: ऐसे लोगों द्वारा रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई गई है।