रक्तदान-महादान की परिकल्पना साकार, एमबीडीडी ने फिर रच दिया इतिहास, रतलाम में 820 यूनिट रक्तदान हुआ
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा स्थापना दिवस व नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया। इसमें रतलाम जिले में 820 यूनिट रक्त संग्रह हुआ।
तेरापंथ युवक परिषद के स्थापना दिवस पर देश-विदेश में लगे रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य विभाग ने भी किया सहयोग
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रक्तदान : जीवनदान की परिकल्पना को साकार कर एक बार फिर मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव (एमबीडीडी) ने इतिहास रच दिया। आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल आशीर्वाद से सेवा संस्कार संगठन के क्षेत्र में कार्यरत अग्रणी संगठन अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् ने स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से शनिवार को रक्तदान शिविरों का आयोजन किया। देश में हुए शिविरों में राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया। गणमान्य व्यक्तियों ने खुद भी रक्तदान कर इस पुनीत प्रयास में सहयोग दिया। युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जन सेवा अध्ययन कार्यक्रम के घटक के रूप में रक्तदान अमृत महोत्सव के अंतर्गत अभियान में शामिल हुआ। रोटरी हाल में आयोजित शिविर में विधायक काश्यप ने परिषद की इस पुनीत कार्य के लिए सराहना की। उन्होंने जिले में सभी नागरिकों से 1 अक्टूबर तक अधिक से अधिक रक्तदान करने की अपील की। परिषद अध्यक्ष सिद्धार्थ गाँधी ने बताया रतलाम जिले मे संस्था द्वारा शिविर 4 स्थानों पर आयोजित किया गया। रतलाम शहर में रोटरी हाल, जावरा में सिविल हॉस्पिटल, बिरमावल मे मांगलिक भवन व रावटी में डॉ. राय के क्लीनिक के सामने शिविरों का आयोजन किया गया। सुबह से देर शाम तक चले शिविरों में कुल 820 यूनिट ब्लड एकत्र हुआ।
शिविर रक्तदान को लेकर महिलाओं मे विशेष जागरूकता रही। लगभग 375 रक्तदाताओं ने प्रथम बार रक्तदान किया। लगभग 180 से अधिक व्यक्ति हीमोग्लोबिन या और कोई कारण से रक्तदान नहीं कर पाए। आयोजन में भारतीय जनता युवा मोर्चा, बड़ावदा सेवा समिति, जन अभियान परिषद, रक्तदान महादान ग्रुप, लिओ क्लब, बोहरा समाज, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, समस्त जैन सोशल ग्रुप, दि न्यू क्लॉथ सुपर मार्केट एसोसिएशन, सेवा भारती आदि ने सहयोग किया। रक्तदान के दौरान विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं द्वारा अभूतपूर्व सहयोग प्रदान करते हुए रक्तदाताओं को सम्मानित किया गया एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
सभी को मिला सहयोग
अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने कोविड की जंग को जीता। सम्पूर्ण देश की जनता को वेक्सीनेशन किया गया। अब इस रक्तदान अभियान के माध्यम से सम्पूर्ण भारत में एकता व रक्तदान के प्रति जागरूकता का संदेश प्रसारित करने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभातेयुप जैसी गौरवशाली संस्था को प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया था। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव में सहयोग दिया गया।
ये रहे मौजूद
मंत्री व मध्यप्रदेश प्रभारी अभिनव बरमेचा ने बताया शिविर में मुख्य रूप से सांसद गुमान, विधायक चेतन्य कश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल, पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश राजेश गुप्ता, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण श्रीवास्तव, कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी, समाजसेवी गोविंद काकानी, मध्यप्रदेश रेडक्रॉस सोसाइटी सदस्य महेंद्र गादिया, निगम आयुक्त अभिषेक गेहलोत, अभातेयुप कार्यसमिति सदस्य पुनीत भंडारी, सभाध्यक्ष दिलीप मांडोत, सुशील मूणत, प्रभारी सीएमएचओ डॉ. वर्षा कुरील, सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर, डॉ. अज़हर अली, पैथोलॉजिस्ट डॉ. सी.पी. राठौड़, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष, शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र कटारिया, युवा कांग्रेस अध्यक्ष मयंक जाट आदि मौजूद रहे।
अभातेयुप के नाम है पहले से रक्तदान शिविर लगवाने का रिकॉर्ड
एमबीडीडी राष्ट्रीय संयोजक हितेश भांडिया ने बताया कि इस मेगा आयोजन में भारत के विभिन्न शहरों, जिला मुख्यालयों तथा 22 अन्य राष्ट्रों में भी रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। इस महाअभियान के साथ सैंकड़ों की संख्या में स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग अभातेयुप को मिला। रक्तदान कैंप में डाटा संकलन का काम भी ऑनलाइन किया गया। सभी शिविरों के आंकड़े देर रात तक अपडेट होते रहे। राष्ट्रीय महामंत्री पवन मांडोत ने बताया संस्था ने 17 सितम्बर 2012 को एक दिन में देश के 276 शहरों एवं कस्बों में 651 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 96,600 यूनिट रक्त संग्रह का कीर्तिमान रचा था। संस्था ने 6 सितंबर 2014 को देश के 286 स्थानों पर 682 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 100212 यूनिट रक्तदान के साथ अपना नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया था।
सन् 2016 में एक वर्ष तक निरंतर 366 दिन तक 410 स्थानों पर 468 रक्तदान शिविरों के साथ विश्व के सबसे लंबे समय तक निरंतर चलने वाले रक्तदान अभियान के रूप में इण्डिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। सन् 2020 में कोविड-19 की विकट परिस्थितियों व लॉकडाउन की स्थिति में भारत सरकार के अनुरोध पर 55000 यूनिट रक्तदान एवं एक माह में 2000 प्लाज्मा डोनेशन के साथ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, ग्लोबल रिकॉर्ड एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन, एशिया पेसिफिक रिकॉर्ड्स और ग्लोबल रिकॉर्ड्स में अभातेयुप का नाम दर्ज हुआ।