रतलाम भाजयुमो में इस्तीफों का दौर : पदाधिकारियों ने जिला अध्यक्ष पर लगाए संगठन विरोधियों और पूंजीपतियों को पद बांटने के आरोप, देखें वीडियो...

विप्लव जैन के भाजयुमो जिला अध्यक्ष बनते ही संगठन में व्याप्त गुटबाजी उभर आई है। जैन द्वारा पदाधिकारियों की घोषणा के बाद असंतुष्ट पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा इस्तीफे देने की शुरुआत हो गई है। जिला सह आईटी सेल प्रभारी के बाद शनिवार को जिला सह कोषाध्यक्ष ने भी भाजपा जिला अध्यक्ष के नाम इस्तीफा सौंप दिया।

जिला सह कोषाध्यक्ष ने भाजपा जिला अध्यक्ष के नाम सौंपा इस्तीफा, इससे पूर्व सह आईटी प्रभारी भी दे चुके हैं इस्तीफा 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) में व्याप्त गुटबाजी एक बार फिर सिर उठा रही है। जिला अध्यक्ष की कमान विप्लव जैन को दिए जाने के बाद से बढ़ी खींचतान अब इस्तीफों के दौर में बदल चुकी है। इस्तीफे देने वाले कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष जैन पर संगठन के विरुद्ध काम करने वालों, अपने रिश्तेदारों और पूंजीपतियों को पद बांटने के आरोप लगाए हैं।

एक तरफ पूरी भाजपा 2024 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कवायद करने में जुटी है है वहीं जिला स्तर पर पार्टी में व्याप्त गुटबाजी और पदाधिकारियों की अपरिपक्वता के विरुद्ध आवाज भी उठने लगी है। गुटबाजी के चलते ही भाजयुमो की जिला अध्यक्ष के पद पर काफी देर से ताजपोशी हो पाई थी। इस पद की बागडोर संगठन ने विप्लव जैन को सौंपी जिसके साथ ही संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं में जैन की अपरिपक्वता को लेकर चर्चा शुरू हो गई। जिला अध्यक्ष द्वारा जिला कार्यकारिणी और मंडल के पदाधिकारियों की घोषणा के बाद तो जैसे विस्फोट ही हो गया और कार्यकर्ताओं का गुबार फट पड़ा। शुरुआत चौराना निवासी सह आईटी सेल प्रभारी महेंद्रसिंह पंवार के इस्तीफे से शुरू हुई जो अब तक जारी है।

(विप्लव जैन, जिला अध्यक्ष- भाजयुमो, रतलाम)

शनिवार को भाजयुमो के जिला सह कोषाध्यक्ष परोक्ष भरावा ने भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी इस्तीफा भाजपा जिला अध्यक्ष को भेजा है। इस्तीफे में भरावा ने जिला अध्यक्ष जैन के विरुद्ध कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जिला अध्यक्ष जैन द्वारा पूँजीपतियों को और पार्टी के ख़िलाफ़ काम करने वाले कार्यकर्ताओं को जिले तथा मण्डल में दायित्व सौंपे हैं। हर विधानसभा में भाजपा मण्डल अध्यक्ष और विधायक के विरोध में जाकर पार्टी की छवि को धूमिल करने वाले कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपा गया है। कार्यकारणी भी नियमों के विरुद्ध बनाई गई है।

जातिगत दबाव में देर रात हुई पदाधिकारियों की घोषणा

परोक्ष के अनुसार पिछली कई कार्यकाल की युवा मोर्चा की जिला कार्यकारणी देखें तो जिला अध्यक्ष हमेशा रतलाम से जबकि महामंत्री आलोट विधानसभा से रहे। इस बार जिले के सभी पद मौजूदा अध्यक्ष ने अपने मित्रों ओर पूँजीपतियों को दे दिए हैं। इस बार 7-7 जिला मंत्री और उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। आलोट विधानसभा में 4 मण्डल हैं लेकिन उक्त पदों में से किसी भी मण्डल के कार्यकर्ताओं को नहीं दिया गया। कार्यकरणी में संख्यात्मक त्रुटि भी स्पष्ट। 4 सह कोषाध्यक्ष, 4 सह मीडिया प्रभारी व 4 सह सोशल मीडिया प्रभारी बनाए गए हैं। ऐसा पहले कभी किसी कार्यकरणी में देखने को नहीं मिला। भरावा के अनुसार कार्यकारिणी में मज़बूत कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। संगठन द्वारा दिए नाम नकार कर जातिगत दबाव में रात में पदाधिकारियों की घोषणा की गई।

विधायकों, मंडल अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं का अपमान

इस्तीफे में भाजपा जिला अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित करते हुए अपने जिला सह कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की वजह भी बताई है। भरावा के अऩुसार 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सभी जगह विधायक, भाजपा मंडल अध्यक्षों एवं पार्टी के ख़िलाफ़ कार्य करने वालों को मोर्चा की कमान सौंपी गई है। इससे कार्यकर्ताओं में काफ़ी निराशा है। यह विधायक, मण्डल अध्यक्ष एवं पार्टी के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का अपमान है। एक ओर युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार युवा मोर्चा का विस्तार कर रहा हैं वहीं दूसरी ओर रतलाम ज़िलाध्यक्ष द्वारा गुटबाज़ी को बढ़ावा देकर कार्यकर्ताओं को तोड़ा जा रहा है। परोक्ष ने पार्टी के लिए सदैव समर्पित भाव से कार्य करते रहने का संकल्प दोहराया है।

आपत्ति का निराकरण होने तक जारी रहेगा इस्तीफे का दौर

जिला कार्यकारिणी व मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद से असंतुष्ट सह आईटी सेल प्रभारी महेंद्रसिंह पंवार का कहना है कि हमने वरिष्ठों को लिखित आपत्ति दर्ज करा दी है। अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लगातार इस्तीफे हो रहे हैं। जब तक आपत्ति का निराकरण नहीं होता है कार्यकर्ताओं के इस्तीफे का सिलसिला जारी रहेगा। बता दें कि- पंवार की आपत्ति  

जिला अध्यक्ष के पास नहीं पक्ष रखने का वक्त

लगातार हो रहे इस्तीफों के बारे में जब जिला अध्यक्ष विप्लव जैन से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने काल रिसीव नहीं किया। उन्हें उनके मोबाइल नंबर पर वाट्सएप पर मैसेज कर के भी पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन उस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।