मालवी-निमाड़ी साहित्य अकादमी की मांग के समर्थन में उतरे सैकड़ों लोग, मालवा-निमाड़ अंचल में जोर-शोर से चला हस्ताक्षर अभियान
मालवा और निमाड़ क्षेत्र से मालवी-निमाड़ी साहित्य अकादमी की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।

एसीएन टाइम्स @ उज्जैन । भगवान परशुराम जन्मोत्सव से शुरू हुआ मालवी-निमाड़ी साहित्य अकादमी के निर्माण की मांग को लेकर मालवी-निमाड़ी साहित्य अकादमी संघर्ष समिति द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान मालवा-निमाड़ अंचल के सभी 15 जिलों में जोर-शोर से चल रहा है। एक सप्ताह चलने वाले अभियान में दूसरे दिन बुधवार को भी लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और मालवी-निमाड़ी साहित्य अकादमी की मांग के ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए।
हस्ताक्षर अभियान अकादमी स्थापना संघर्ष समिति व अपणो मालवो की संस्थापक एवं मालवी-निमाड़ी शोध संस्थान की सचिव हेमलता शर्मा "भोली बेन" के नेतृत्व में जिला एवं क्षेत्र प्रभारियों ने लोगों से ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करवाए। लोगों ने भी उत्साह के साथ हस्ताक्षर कर साहित्य अकादमी की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। अब नए लोग भी अभियान से जुड़कर मध्यप्रदेश में साहित्य अकादमी के निर्माण की मांग का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं।
इंदौर जिले के प्रभारी पं. मुकेश शर्मा ने भी हस्ताक्षर करवाए। इंदौर से ही प्रदीप नायक, निरुपमा त्रिवेदी, अभिषेक पंडित, महिमा शुक्ला, मधुसूदन त्रिवेदी आदि ने भी अभियान को सफल बनाने का काम शुरू कर दिया है। आगर मालवा में समिति के जिला प्रभारी पं. संजय शर्मा ने हस्ताक्षर करवाए। रतलाम के गीतकार यशपाल तंवर ने मंदसौर में विवाह समारोह में लोगों से हस्ताक्षर करवाकर अभियान का शुरुआत की।
धामनोद प्रभारी राम सिंघल, रतलाम के प्रभारी संजय परसाई सरल, गीतकार अलक्षेन्द्र व्यास, खंडवा प्रभारी अशोक पटेल, दीपक चाकरे, धार से शरद जोशी शलभ, बड़नगर से नीतीश जोशी, रिजलाय से वासुदेव पटेल तंवर, उज्जैन से प्रबोध पंड्या आदि प्रभारियों ने मालवी-निमाण अकादमी की स्थापना की मशाल आगे बढ़ाई। वरिष्ठ साहित्यकार नरहरी पटेल दादा, शोध संस्थान की अध्यक्ष डॉ. स्वाति तिवारी,अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल की राष्ट्रीय मंत्री साधना बलवटे, श्रीगौड़ ब्राह्मण समाज इंदौर, सर्व ब्राह्मण समाज आगर, परशुराम सेना आगर, मालवी-निमाड़ी साहित्य शोध संस्थान इंदौर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद धार, हल्ला-गुल्ला साहित्य मंच रतलाम, महफ़िल साहित्यिक परिवार धामनोद, नीला दरिया साहित्य मंच रतलाम आदि ने भी समर्थन जताया है।