आयोग हुआ सख्त : राष्ट्रीय अजजा आयोग ने MP के DGP और रतलाम DM व SP को नोटिस जारी कर 3 दिन में मांगा जवाब, पुलिस बर्बरता में आदिवासी युवक की मौत का मामला
पुलिस बर्बरता में आदिवासी युवक की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मप्र के डीजीपी, रतलाम कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर तीन दिन में घटना की जांच रिपोर्ट तलब की है।
गणेश चतुर्थी के दिन पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में आदिवासी युवक प्रकाश मईड़ा की मौत का मामला
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । गणेश चतुर्थी के दिन पुलिस की बर्बरता में आदिवासी युवक प्रकाश मईड़ा की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग द्वारा मामले में मध्य प्रदेश के डीजीपी, रतलाम कलेक्टर और तत्कालीन एसपी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है।
राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग द्वारा अधिकारियों को नामजद नोटिस भेजे गए हैं। ये नोटिस मप्र के डीजीपी सुधीर सक्सेना, रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम और तत्कालीन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के नाम पर जारी हुए हैं। इसमें पूर्व सांसद गुमान सिंह डामोर द्वारा दायर याचिका / शिकायत का हवाला देते हुए रतलाम में 7 सितंबर 2024 को पुलिस की बर्रबरता में मृत आदिवासी युवक प्रकाश मईड़ा के मामले में की गई जांच को लेकर जवाब मांगा गया है। अनुसंधान अधिकारी एच. आर. मीणा के हस्ताक्षर से जारी नोटिस में तीनों ही अधिकारियों को आदेशित किया गया है कि मामले में हुई जांच की रिपोर्ट नोटिस जारी होने के तीन दिन के अंदर प्रस्तुत करें।
वरना जारी होगा समन
नोटिस में यह भी बताया गया है कि भारतीय संविधन के अनुच्छेद 338 क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का अनुसरण करते हुए आयोग ने उक्त मामले की जांच करने का निर्णय लाय है। इसलिए सूचना मिलने के तीन दिन के अंदर अनुसंधान अधिकारी को डाक से या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा किसी अन्य संचार साधन से आरोपों/मामलों और सूचनाओं पर की गई कार्रवाई से संबंधित सूचना प्रस्तुत करें। यह भी ताकीद की गई है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो आयोग सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और अधिकारियों को स्वयं अथवा प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होने के लिए समन जारी कर सकता है।
पूर्व सांसद ने यह की थी शिकायत
बता दें कि रतलाम के पूर्व सांसद डामोर ने 18.9.2024 को राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेज कर शिकायत की थी। इसमें बताया था कि अमन पिता बाबू कटारा द्वारा उन्हें अवगत कराया गया है कि उसकी बुआ के बेटे प्रकाश मईड़ा के साथ पुलिस दवारा 7.9.2024 को लात-घूंसों और लट्ठ से मारपीट की गई थी। पुलिसकर्मियों द्वारा पृकाश के अण्डकोष पर भी लातों से प्रहार किया गया था। इस कारण प्रकाश को गंभीर अंदरूनी चोटें आई थीं जिसके चलते 9.9.2024 को मृत्यु हो गई थी। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में प्रकाश के साथ ही मुकेश बंजारा, जलज सांकला और गोविंद माली को भी गंभीर चोटें आई थी। मामले को लेकर पीड़ितों ज्ञापन भी दिया गया था। डामोर ने आयोग पत्र के साथ घटना के विरोध में दिए गए ज्ञापन की प्रति भी प्रस्तुत की थी और मामले की जांच कर दोषियों को दंडित करने का आग्रह किया था।
यह था मामला
गौरतलब है कि, 7 सितंबर, 2024 को गणेश चतुर्थी होने से भक्त गणेश प्रतिमा स्थापित करने के लिए चल समारोह के रूप में गणेश प्रतिमाएं अपने पंडालों तक ले जा रहे थे। ऐसा ही चल समारोह रतलाम शहर के उकाला रोड क्षेत्र के भक्तों द्वारा भी निकाला गया था जिस पर मोचीपुरा क्षेत्र में पथराव हो गया था। इससे आक्रोशित गणेश भक्तों ने नाराजगी जताते हुए स्टेशन रोड थाने के समक्ष प्रदर्शन किया था। आक्रोश बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया। आरोप है कि इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने प्रकाश मईड़ा सहित अन्य के साथ लाठियों और लात-घूसों से मारपीट की थी। इसमें घायल प्रकाश की आयुष्मान हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मृत्यु चली गई थी। घटना को लेकर पीड़ितों के परिजन और हिंदू समाज द्वारा ज्ञापन देकर घटना की निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई गई थी।
आयोग को जवाब दे दिया है
नोटिस को लेकर कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि उपरोक्त घटना की मजिस्ट्रियल जांच जारी है। आयोग के नोटिस के संबंध में प्रत्युत्तर दे दिया गया है। आयोग को बताया गया कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच हो रही है। बता दें कि कलेक्टर बाथम द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए थे। जांच अपर कलेक्टर आर. एस. मंडलोई को सौंपी गई है।