अब रतलाम में होगी ऐसी पुलिसिंग ! मोहल्ला मीटिंग और होगा ग्रामीण संवाद, डेडिकेटेड पेट्रोलिंग के साथ मातृशक्ति भी शस्त्र लेकर करेगी चैकिंग- SP अमित कुमार

रतलाम एसपी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद आपीएस अमित कुमार पहली बार यहां की मीडिया से रूबरू हुई। इस दौरान उन्होंने बीते 6 दिन में रतलाम की नब्ज टटोलने के बाद तय की गई प्रथमिकताओं से अवगत कराया।

अब रतलाम में होगी ऐसी पुलिसिंग ! मोहल्ला मीटिंग और होगा ग्रामीण संवाद, डेडिकेटेड पेट्रोलिंग के साथ मातृशक्ति भी शस्त्र लेकर करेगी चैकिंग- SP अमित कुमार
रतलाम एसपी अमित कुमार (आपीएस) ने मीडिया को बताई अपनी प्राथमिकताएं।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एसपी के रूप में इस जिले में काबिज हुए आईपीएस अमित कुमार 6 दिन बाद पहली बार रतलाम की मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने साफ कहा कि उनका फोकस कम्युनिटी पुलिसिंग और नशे के विरुद्ध होगा। थाने की पुलिस और जनका के बीच की संवादहीनता दूर करने के लिए वे खुद मोहल्ला मीटिंग और ग्रामीण संवाद करेंगे। डेडिकेटेड पेट्रोलिंग भी होगी और मातृशक्ति (महिला) पुलिस शस्त्रों से लैस होकर जांच करेगी।

एसपी अमित कुमार गुरुवार को रतलाम आए एक सप्ताह हो गया है। इस दौरान उन्होंने मीडिया के माध्यम से अपनी प्राथमिकताएं गिनाने के नाम पर दावों और वादों की नुमाइश नहीं की, बल्कि पहले शहर और जिले की नब्ज टटोली। उन्होंने अपनी इस 6 दिनी एक्सरसाइज के आधार पर प्राथमिकताएं तय की हैं। इनमें वे प्राथमिकताएं भी शामिल हैं जो उनके प्रभार वाले दूसरे जिलों में रहीं और वे भी जो यहां उन्हें नजर आईं। गुरुवार को पहली बार नए पुलिस कंट्रोल रूम में मीडिया से मुखातिब हुए। उनके साथ एएसपी राकेश खाखा भी मौजूद रहे। आईपीएस कुमार ने कहा, कि- महज 6 दिनों में उन्होंने जो जाना और समझा है, उसके अनुसार रतलाम बहुत प्यारा शहर है और यहां के लोग भी प्यारे हैं। एसपी ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए मीडिया और जिले की जनता का सहयोग भी मांगा।

एसपी अमित कुमार की प्राथमिकताएं

  • बीते 6 दिनों में पुलिस एक्टिव नजर आई, लेकिन थाना और अधिकारियों के स्तर पर जनता से संवाद की कमी दिखी। इसे दूर करने के लिए कम्यनिटी बेस्ड पुलिसिंग प्राथमिकता होगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी के साथ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई न हो। बेहतर पुलिसिंग के लिए बेहतर टीम तैयार की जा रही है।
  • 14 प्रकार के प्रतिष्ठानों को चिह्नित और सूचीबद्ध किया गया है। इन सभी के प्रमुखों से अगले 15 दिन के भीतर वार्तालाप कर लिया जाएगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है और त्यौहार से पहले यह काम पूरा हो जाएगा।
  • एनडीपीएस (नशे के कारोबार को रोकने और इससे जुड़े लोगों की धरपकड़) प्राथमिकता रहेगी। नरसिंहगढ़ में स्मैक का ज्यादा प्रभाव था जबकि रतलाम में एमडी का है। इससे जुड़े अपराधों के नियंत्रण पर प्रभावी तरीके से कार्य होगा। नारकोटिक्स हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। सके तहत जहां इसका प्रभाव ज्यादा है वहां सात दिन के भीतर हेल्पलाइन के पोस्टर लगाए जाएंगे ताकि लोग समय रहते पुलिस को सूचना दे सकें। सूचना तंत्र मजबूत हो, इसके लिए सभी को सुना जाएगा।
  • पुलिस और जनता की संवादहीनता दूर करने के लिए एसपी स्वयं ग्रामीण इलाकों में लोगों से संवाद करेंगे। इसके अलावा मोहल्ला मीटिंग भी होंगी। इस दौरान यह पता लगाया जाएगा कि समस्याओं का समाधान क्या है और यह कैसे हो सकता है। इसके साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि स्थानीय स्तर पर कौन लोग इश्यू पैदा करते हैं, कौन लोग इसे प्रचारिति-प्रसारित करते हैं और कौन उसे थाने तक ले जाता है। इससे जनता का पुलिस पर भरोसा मजबूत होगा।
  • गुंडा तत्वों पर नियंत्रण के लिए उनकी डेली परेड और बाउंडेशन की कार्रवाई भी की जाएगी।
  • एसपी द्वारा रोज कम से कम एक थाने और एक चौकी का निरीक्षण किया जाएगा। लंबित अपराधों की मॉनिटरिंग के साथ ही वहां अमले खासकर आरक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के काम में कसावट लाने के लिए पूर्व एसपी राहुल कुमार लोढ़ा द्वारा लागू की गई साप्ताहिक डायरी व्यवस्था को यथावत रखते हुए और मजबूत बनाया जाएगा।
  • स्कूलों की छुट्टी के दौरान सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसा न हो इसके लिए रोज दोपहर 2 से शाम 4 बजे के दौरान डेडिकेटेड पाइंट तय कर पेट्रोल और जांच की जाएगी। इसके तहत आज से ही ‘एक दिवस – एक रोड’ अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें किसी भी एक दिन किसी भी स्थान की 50 से 100 मीटिर सड़क का चयन कर वहां पुलिस और नगर निगम के अमले को साथ में लेकर सुधार किया जाएगा। अगर किसी स्थान पर कोई वाहन या अन्य सामान कबाड़ के रूप में रखा हुआ है तो उसे हटवाया जाएगा।
  • रेलवे स्टेशन, सराफा बाजार, बैंकों आदि के क्षेत्रों में डेडिकेटेड पेट्रोलिंग की जाएगा। बैकों से इसकी शुरुआत हो चुकी है।
  • जांच के दौरान मातृशक्ति (महिला पुलिसकर्मियों) की भी मदद ली जाएगी। वे शस्त्रों से लैस होकर चैकिंग करेंगी।
  • ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले और नियमों के विपरीत दो-पहिया वाहन में लगने वाले साइलेंसर के विरुद्ध भी भियान चलाया जाएगा ताकि इससे राहगीर और लोगों को कोई परेशानी न हो।
  • एसपी हर सप्ताह एक सरकारी स्कूल में जाकर बच्चों से रूबरू होंगे। वे बच्चों को अपराधों के नियंत्रण के साथ ही अन्य प्रकार के प्रशिक्षण देंगे।
  • जहां भी सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, वहां लगवाए जाएंगे। संवेदनशील इलाकों में इस सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा।
  • पुलिस कंट्रोल रूम तथा शांतिदूत व्यस्था के बंद पड़े टेलीफोन नंबरों को पुनः सक्रिय किया जाएगा।
  • मादक पदार्थों के नेटवर्क को ध्वस्त करने और अन्य अपराधों पर नियंत्रण के लिए ऑटो रिक्शा और मैजिक वाहनों तथा उनके चालकों का पुलिस वेरीफिकेशन भी किया जाएगा।
  • अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त रोकना प्रमुख प्राथमिकता होगी।

फर्जी पत्रकारों का मुद्दा भी उठा

पत्रकार वार्ता के दौरान रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी सहित अन्य ने जिले में फर्जी पत्रकारों की सक्रियता का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने एसपी को बताया कि पत्रकारिता के नाम पर कतिपय लोग थानों पर डेरा जमाए रहते हैं और पुलिस पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं। ऐसे लोगों की थानों और अमले में सक्रियता पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस पर एसपी ने साफ कहा कि वे इस बारे में अधनीस्थ अमले को ताकीद कर सख्त हिदायत देंगे।

रतलाम के एसपी रहे तीन अफसरों के साथ कर चुके काम

बता दें कि, 2016 बैच के आईपीएस अमित कुमार भोपाल में सीएसपी और क्राइम ब्रांच में, जबलपुर में एएसपी तथा नरसिंहपुर में एसपी रह चुके हैं। बतौर एसपी रतलाम उनका दूसरा जिला है। इस दौरान उन्होंने तीन ऐसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के साथ काम कर चुके हैं जो पूर्व में रतलाम में एसपी रह चुके हैं। इनमें पूर्व एसपी उमेश जोगा, अमित सिंह और सिद्धार्थ बहुगुणा हैं। तमिलनाडू की शस्त्रा यूनिवर्सिटी से बीटेक किया है। गौरतलब है कि इन तीनों अफसरों का फोकस भी कम्प्युनिटी बेस्ड पुलिसिंग पर ही रहा है। माना जा रहा है कि उक्त तीनों पुलिस अधिकारियों के कार्यकाल की ही तरह रतलाम में एक बार फिर बेहतर पुलिसिंग देखने को मिलेगी।