रतलाम पहुंची अग्निकांड की आंच ! हिमाचल प्रदेश की जिस परफ्यूम फैक्ट्री में गई 5 मजदूरों की जान और 85 घायल हुए, उसके मालिक रतलाम में छिपे हैं, हिमाचल पुलिस ने डाला डेरा

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने रतलाम शहर में डेरा डाल रखा है। वह बद्दी की परफ्यूम फैक्ट्री में हुए अग्निकांड के मामले में फैक्ट्री के रतलाम निवासी मालिकों को गिरफ्तार करने आई है।

रतलाम पहुंची अग्निकांड की आंच ! हिमाचल प्रदेश की जिस परफ्यूम फैक्ट्री में गई 5 मजदूरों की जान और 85 घायल हुए, उसके मालिक रतलाम में छिपे हैं, हिमाचल पुलिस ने डाला डेरा
हिमाचल प्रदेश में जिस परफ्यूम फैक्ट्री में हुआ अग्निकांड उसके मालिक मध्य प्रदेश के रतलाम के।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । हिमाचल प्रदेश के बद्दी में स्थित परफ्यमूम फैक्ट्री में हुए अग्निकांड की जांच की आंच रतलाम तक आ पहुंची है। हादसे के लिए जिम्मेदार फैक्ट्री के मालिकों की तलाश में हिमाचल पुलिस ने रतलाम में डेरा डाल रखा है। दरअसल, फैक्ट्री के मालिक रतलाम के निवासी बताए जा रहे हैं जिनका यहां भी परफ्यूम का करोबार है। हालांकि, अभी तक पुलिस के हाथ फैक्ट्री मालिकों तक नहीं पहुंच सके हैं।

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी में झाड़माजरी स्थित एनआर अरोमा नामक डिओ और परफ्यूम बनाने वाली फैक्ट्री भीषण आग लग गई थी। झुलसने बचने के लिए दूसरी मंजिल से कूदने पर पांच मजदूरों की मौत हो गई थी। इस दौरान करीब 85 मजदूर घायल हो गए थे। मामले में बद्दी थाने पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 285, 336, 337 और 304 के तहत प्रबंधन के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया है।

पुलिस ने फैक्ट्री प्रबंधक चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया है। प्रबंधक से हुई पूछताछ में फैक्ट्री के मालिक मध्य प्रदेश के रतलाम निवासी होने का पता चला। इसके चलते हिमाचल प्रदेश पुलिस की दो टीमें यहां रतलाम में मालिकों को गिरफ्तार करने आई हैं। इनमें एक टीम आईटी की है। हिमाचल प्रदेश पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रतलाम पुलिस की भी मदद ले रही है लेकिन अभी तक वह आरोपी मालिकों तक नहीं पहुंच सकी है। फैक्ट्री के मालिक का रतलाम में भी परफ्यूम का बड़ा कारोबार होने के साथ ही उन्हें राजनीतिक संरक्षण हासिल होने की बात भी कही जा रही है।

धुआं उठा तो प्रबंधन के लोग बोले परफ्यूम की खुशबू है

फैक्ट्री में हुए हादसे में मिले दर्द की कहानी यहां के मजदूरों ने मीडिया से बयां की। मजदूरों ने बताया कि हादसा लंच के बाद दोपहर करीब 1.30 बजे हुआ। लंच कर मजदूर अपने-अपने काम पर लौट रहे थे। तभी उन्हें फैक्ट्री से बदबू आई। उन्होंने इस बारे में फैक्ट्री के अन्य स्टाफ और प्रबंधन से जुड़े लोगों को बताया तो उन्होंने कहा कि परफ्यूम की खुशबू है, आप काम करें। इतना ही नहीं, स्टाफ ने इतना कहने के बाद मेन गेट बंद कर दिया।

कुछ ही पल में जिधर से बदबू आ रही थी, धुआं दिखाई दिया और देखते ही देखते आग भभक गई। आग ने विकराल रूप ले लिया जिससे मजदूरों में भगदड़ मच गई। हादसे का शिकार हुए मजदूरों की तलाश के लिए उनके परिजन दो दिन तक परेशान होते रहे।

गोरखपुर की वंदना ने बताया कि उनकी बड़ी बहन करीब 7 माह से फैक्ट्री में काम कर रही है। हादसे के बाद से उसका पता नहीं चल रहा है। हादसे में सिर्फ मजदूर ही मरे और घायल हुए। स्थायी स्टाफ को कुछ नहीं हुआ, क्योंकि सभी फैक्टरी के बाहर थे। अंदर सिर्फ मजदूर थे। 

मजदूरों की जुबानी, दर्द की कहानी

पुष्पा कुमारी (श्रमिक) : हमने स्टाफ को बताया था बदबू आ रही है लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया और परफ्यूम की खुशबू है कह कर गेट बंद कर दिए। कुछ ही देर बाद आग लग गई और केमिकल से भरा ड्रम फट गया। हादसे के वक्त फैक्टीर में 100 से ज्यादा लोग होंगे। तीसरी मंजिल की लड़कियां वहीं रह गईं जबकि हमने खिड़की से कूदकर जान बचाई।

पूजा (श्रमिक) : धुआं हुआ तो स्टाफ ने खिड़की और गेट बंद करवा दिए। मेनगेट भी बंद करा दिया। धमाके के बाद बचने के लिए खिड़की से कूदी तो मेरे दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए। अब मेरे बच्चों का क्या होगा। सरकार को मुआवजा देना चाहिए ताकि बच्चों की परवरिश हो सके।

सीमा (श्रमिक) : मैं और सहयोगी मालिक के लिए चाय और भोजन बनाने का काम करते हैं। धमाके से पहले बदबू आई तो मुझे उल्टी होने लगी। इसलिए मैं सुविधाघर में घुस गई। कुछ ही देर में हादसा हो गया और हाहाकार मच गया।