रतलाम के पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित वन मंत्रालय की उच्चस्तरीय समिति में शामिल, जानिए- क्या काम करेगी यह समिति और क्या होंगे अधिकार
मप्र के वन मंत्रालय द्वारा सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति में रतलाम के पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित को शामिल किया गया है। समिति का गठन मप्र उच्च न्यायालय के आदेश पर हुआ है।

- मप्र उच्च न्यायालय के आदेश पर समिति गठित
- सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन
- उच्च स्तरीय समिति के सदस्य बने रतलाम के पर्यावरणविद्
एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मप्र शासन के वन विभाग मंत्रालय द्वारा 7 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इसमें रतलाम के पर्यावरणविद् एवं पर्यावरण डाइजेस्ट के संपादक डॉ. खुशालसिंह सदस्य को सदस्य बनाया गया है। समिति का गठन मप्र उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में किया गया है।
मप्र शासन के वन विभाग मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. क्रमांक 13864/2019 विवेक शर्मा विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य तथा डब्ल्यू.पी. क्रमांक 26802/2018 आनन्द विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य के संबंध में एक आदेश पारित किया गया था। आदेश 01 मार्च 2025 को पारित हुआ था। इसकी कंडिका 115, 116 एवं 117 के परिपालन में मप्र शासन के वन मंत्रालय द्वारा 7 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
इन्हें सामिल किया समिति में
मप्र शासन के वन विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी क्षितिज कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार समिति में प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण), अपर प्रधान मुख्य पवन संरक्षक (समचना प्रौद्योगिकी) तथा भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नामांकित सचिवों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इनमें पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित, सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा अधिकारी एवं मप्र के वन विभाग के (अनुसंधान विस्तार) पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी. सी. दुबे तथा पर्यावरणविद् मंजुला श्रीवास्तव शामिल हैं।
यह कार्य करेगी समिति
आदेश के अनुसार समिति उच्च न्यायालय, जबलपुर, मध्यप्रदेश के आदेश दिनांक 01.03.2025 के अनुक्रम में मध्यप्रदेश अभिवहन वनोपज नियम 2000 के अंतर्गत 2005 व 2007 की अधिसूचनाओं से छूट दिए जाने वाली वृक्ष प्रजातियों का अध्ययन व सर्वे करेगी। इसके साथ ही समिति छूट हेतु प्रस्तावित वृक्ष प्रजातियों की राज्य के वनों में उपलब्धता का पता भी लगाएगी। समिति अपना प्रतिवेदन आदेश दिनांक से 1 माह में राज्य शासन वन विभाग को प्रस्तुत करेगी। समिति के अशासकीय सदस्यों को बैठक एवं क्षेत्रीय भ्रमण हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार मानदेय और यात्रा भत्ता देय होगा।