WHO ने भारत की 10 लाख ASHA कार्यकर्ताओं को किया सम्मानित, कहा- ‘ASHA’ यानी ‘HOPE’, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

वैश्विक स्तर पर भारत की स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं को बड़ा सम्मान मिला है। डब्ल्यूएचओ ने देश की 10 लाख आशाओं को सम्मानित किया है। उन्हें देश की उम्मीद बताया है। पीएम ने सभी आशाओं को ट्वीट कर बधाई दी है और इस उपलब्धि पर खुशी जताई है।

WHO ने भारत की 10 लाख ASHA कार्यकर्ताओं को किया सम्मानित, कहा- ‘ASHA’ यानी ‘HOPE’, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
आशा कार्यकर्ता।

वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए प्रतिबद्धता व शानदार नेतृत्व के लिए ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉ‌र्ड्स का किया ऐलान

एसीएन टाइम्स @ डेस्क । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा रविवार को भारत की 10 लाख महिला आशा कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया है। यह सम्मान देश में ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने और कोरोनाकाल में महामारी पर लगाम लगाने के अथक प्रयासों के लिए किया गया। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसिस ने 'आशा' का हिंदी अऩुवाद करते हुए कहा कि इसका अर्थ होप (Asha) है। इस उपलब्धि पर देश की सभी आशाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिनेवा मुख्यालय से प्रेस ट्रस्ट द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसिस ने रविवार को छह पुरस्कारों की घोषणा की गई। ये पुरस्कार वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए प्रतिबद्धता और शानदार नेतृत्व के लिए ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉ‌र्ड्स देने का फैसला किया। इसमें भारत की 10 लाख आशा कार्यकर्ताएं भी शामिल हैं। सम्मान समारोह में डॉ. टेड्रोस ने कहा कि 'आशा' का हिंदी अर्थ होप (Asha) है। भारत की अधिक महिला स्वयंसेवकों ने समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये वास्तव में सम्मान की हकदार हैं।

आशा कार्यकर्ताओं का समर्पण और दृढ़ संकल्प सराहनीय- पीएम मोदी

आशा कार्यकर्ताओं के सम्मानित होने पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुशी जताई है। पीएम ने सोमवार सुबह ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है, मुझे खुशी है। सभी आशा कार्यकर्ताओं को बधाई। वे एक स्वस्थ भारत सुनिश्चित करने में सबसे आगे हैं। मोदी ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं का समर्पण और दृढ़ संकल्प सराहनीय है।

प्रतिकूल समय में पेश की समर्पण और मनवता की मिसाल

बता दें कि, कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं का कार्य काफी सराहनीय रहा। इन्होंने बच्चों में होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए टीकाकरण और मातृ देखभाल का तो काम काम किया ही, सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल, तपेदिक के उपचार, पोषण और स्वच्छता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब दुनिया असमानता, संघर्ष, खाद्य असुरक्षा और कोरोना के संकट से जूझ रही थी तब आशा कार्यकर्ताओं ने समर्पण और मानवता की नि:स्वार्थ सेवा की मिसाल पेश की।

अफगानिस्तान की टीम को भी मिला सम्मान

डब्ल्यूएचओ ने अफगानिस्तान के पोलियो टीकाकरण कर्मियों की टीम भी शामिल है। इसी साल फरवरी में देश के तखर और कुंदुज प्रांतों में सशस्त्र बंदूकधारियों ने टीम के कार्यकर्ताओं को मार डाला था। इनमें मोहम्मद जुबैर खलजई, नजीबुल्लाह कोशा, शादाब योसुफी, शरीफुल्लाह हेमती, हसीबा ओमारी, खदीजा अत्ताई, मुनीरा हकीमी, रोबिना योसुफी और उनके भाई शादाब शामिल हैं। इनमें चार महिलाएं थीं जो उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान में घर-घर जाकर हजारों बच्चों का टीकाकरण कर रहीं थी।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दुनिया के उन देशों में शुमार हैं जहां पोलियो के सर्वाधिक मामले पाए जाते हैं। इसलिए इन दोनों देशों के कुछ हिस्सों से इस अपंग वायरस को मिटाने का प्रयास किया जाता रहा है जो आतंकी गतिविधियों के कारण बाधित हुआ। आतंकवादियों का कहना है कि पोलियो रोधी दवाई बांझपन का कारण बनती है। डब्ल्यूएचओ ने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में वैश्विक स्वास्थ्य और सामाजिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन पार्टनर्स इन हेल्थ के सह-संस्थापक डॉ. पॉल फार्मर को भी सम्मानित किया। उनका इसी साल फरवरी में रवांडा में निधन हो गया था।