ये कैसी गैरजिम्मेदारी ? कार्तिक पूर्णिमा पर भी त्रिवेणी कुंड पर कायम रहा अंधेरा, जानिए- कौन है इसका जिम्मेदार

रतलाम के त्रिवेणी कुंड पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं को नहान और दीपदान करने में काफी परेशानी झेलना पड़ी।

ये कैसी गैरजिम्मेदारी ? कार्तिक पूर्णिमा पर भी त्रिवेणी कुंड पर कायम रहा अंधेरा, जानिए- कौन है इसका जिम्मेदार
कार्तिक पूर्णिमा पर पर्याप्त रोशनी नहीं होने से नहान और दीपदान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को परेशानी उठाना पड़ी। यह चित्र बुधवार को शाम 6.44 बजे का है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में विकास की गंगा बहाने का ढिंढोरा पीटने वाली नगर सरकार शहर का एकमात्र छोटा सा कुंड भी ठीक से रोशन नहीं कर पा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर नहान और दीप दान के लिए त्रिवेणी कुंड पहुंचे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह आलम तब है जबकि यहां की मॉनिटरिंग का दावा दो-दो एमआईसी सदस्य करते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर नदी, पवित्र कुंड और सरोवरों में नहाने और दीपदान का काफी महत्व है। कार्तिक स्तान के लिए बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और अन्य श्रद्धालु शहर के त्रिवेणी तट पहुंचे। यहां शाम को भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी जो यहां दीपदान करने आए थे। दोनों ही समय त्रिवेणी तट पर पर्याप्त रोशनी नहीं होने से काफी परेशानी झेलना पड़ी। स्नान के दौरान और दीपदान लोग हादसे की आशंका के चलते काफी डरे-सहमे रहे।

नहीं किया पर्याप्त रोशनी का प्रबंधन

हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर त्रिवेणी कुंड पर स्नान और दीपदान के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। ऐसे में यहां पर्याप्त रोशनी की आवश्यकता रहती है लेकिन मौजूदा नगर सरकार इस मामले में पूरी तरह उदासीन नजर आई। खासकर कतिपय एमआईसी सदस्य के हाल तो कुछ ज्यादा ही बदतर हैं। त्रिवेणी कुंड और श्मशान का क्षेत्र दो पार्षदों अक्षय संघवी और विशाल शर्मा के कार्यक्षेत्र में आता है। दोनों ही सत्ताधारी दल भाजपा के पार्षद हैं और एमआईसी सस्य भी हैं। इसके बाद भी कार्तिक पूर्णिमा पर यहां रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो सकी। यहां एक पेड़ पर एक हेलोजन लगा दिखाई दिया जो लगातार ब्लिंक कर रहा था जिससे श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ा।

19 दिन पूर्व दिलाया था ध्यान

कई श्रद्धालु पूरे कार्तिक महीने ही सुबह स्नान के लिए त्रिवेणी तट या अन्य सरोवर पहुंचते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एसीएन टाइम्स द्वारा 17 अक्टूबर 2025 को ही एमआईसी सदस्य अक्षय संघवी और विशाल शर्मा से चर्चा कर इस ओर ध्यान आकर्षित किया गया था। तब दोनों ने ही कुंड की पर्याप्त सफाई और रोशनी की व्यवस्था करने की बात कही थी जो कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन तक भी नजर नहीं आई। बता दें कि क्षेत्रीय पार्षद और एमईसी सदस्य संघवी नगर निगम की बिजली शाखा के चेयरमैन भी है लेकिन अपने ही क्षेत्र के धार्मिक आस्था के स्थल त्रिवेणी कुंड पर पर्याप्त बिजली व्यवस्था करने में नाकाम रहे। 

धर्म के नाम पर सत्ता में आए, अब धर्म से ही बेरुखी

त्रिवेणी कुंड पर पर्याप्त रोशनी होने की जानकारी श्रद्धालुओं से मिली तो पूर्व पार्षद एवं कांग्रेस नेता सतीश राठौड़ भी यहां पहुंचे थे। उन्होंने धार्मिक आस्था के स्थल और श्रद्धालुओं की उपेक्ष करने पर हैरानी जताई। राठौड़ का कहना है कि जो पार्टी धर्म के नाम पर सत्ता में आई हो, उसी के नुमाइंदों द्वारा इस तरह धार्मिक स्थलों की उपेक्षा और धर्म से बेरुखी विचारणीय है। इस मामले में एमआईसी सदस्य संघवी को भी काल किया गया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया और नहीं बाद में प्रत्युत्तर दिया।