ये तो मनमानी है ! जिला पंचायत CEO ने DPC, APC और BRC का वेतन रोकने का कहा था, जिला शिक्षा केंद्र के लेखा विभाग ने BAC और CAC का भी रोक दिया

आर्थिक अनियमितता की जांच के चलते जिला पंचायत सीईओ ने DPC, APC और BRC का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं लेकिन जिला शिक्षा केंद्र ने BAC और CAC का वेतन भी रोक दिया है। सीईओ ने कहा BAC और CAC का वेतन शीघ्र जारी होगा।

ये तो मनमानी है ! जिला पंचायत CEO ने DPC, APC और BRC का वेतन रोकने का कहा था, जिला शिक्षा केंद्र के लेखा विभाग ने BAC और CAC का भी रोक दिया
मनमानी की जिला शिक्षा केंद्र !

खरीदी में अनियमितता की शिकायतों के चलते कलेक्टर ने सौंपी जांच, सीईओ ने कहा- गड़बड़ियां तो हुई हैं

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से जिले के विभिन्न विकासखंडों में कार्य कर रहे शिक्षकों को महीने की 6 तारीख गुजरने का बाद भी वेतन नहीं मिला है। इसकी वजह जिला शिक्षा केंद्र के लेखा विभाग का नासमझी बताई जा रही है। जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव (IAS) ने गड़बड़ियों के चलते DPC, APC और BRC का वेतन रोकने के लिए कहा था परंतु लेखा विभाग ने BAC और CAC का वेतन भी रोक दिया। वेतन नहीं मिलने पर सभी BAC और CAC ने सामूहिक इस्तीफा देने का विचार कर रहे हैं। 

जिले के कुछ सरकारी दफ्तरों में मनमानियां हावी हैं, कहीं अफसर मनमानी पर उतारू हैं तो कहीं कर्मचारी। ऐसा ही एक विभाग है जिला शिक्षा केंद्र जहां के कर्मचारी लेखा विभाग से संबंधित समस्याओं के कारण परेशान हैं। विभाग द्वारा वेतन-भत्तों के बिल तैयार नहीं करने से जिले में कार्यरत BAC और CAC को अक्टूबर माह के 6 दिन बीतने के बाद भी वेतन नहीं मिला है। इससे वे परेशान हैं। सूत्रों के अनुसार वेतन नहीं मिलने के कारण सभी BAC और CAC ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है। इसे लेकर प्रभावित कर्मचारियों के वाट्सएप ग्रुप में संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है।

वेतन ही नहीं मिले तो काम करने का क्या फायदा

BAC और CAC के सामूहिक इस्तीफे से संबंधित ऐसा ही एक संदेश एसीएन टाइम्स तक भी पहुंचा। इसमें जिला पंचायत सीईओ को लिखा गया एक संदेश है। इसमें लिखा गया है कि यदि जहां समय पर वेतन ही नहीं मिले वहां प्रतिनियुक्ति पर काम करने का क्या फायदा है। इसलिए यदि जल्दी ही वेतन नहीं मिला तो उनके द्वारा सामूहिक इस्तीफा दे दिया जाएगा। बता दें कि, जिले में करीब 36 BAC और 120 CAC हैं जिनके माध्यम से सरकारी स्कूलों की निगरानी, शासकीय योजनाओं का प्रभावी संचालन और विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण आदि गतिविधियां संपन्न होती हैं, फिर चाहे किताबों का वितरण हो या साइकिल का अथवा राज्य स्तर पर चाही जाने वाली जानकारियों का संकलन ही क्यों न हो।

(ऐसे मैसेज हो रहे फॉर्वर्ड)

इसलिए आया गुस्सा

  1. जिला पंचायत सीईओ द्वारा DPC, APC और BRC का वेतन रोकने के लिए मौखिक निर्देश दिए थे। अन्य किसी का भी वेतन नहीं रोकना था लेकिन जिला शिक्षा केंद्र के लेखा विभाग ने दूसरे कर्मचारियों के वेतन का बिल भी नहीं बनाया।
  2. जिले में 6 ब्लॉक हैं और प्रत्येक में 10-10 जन शिक्षा केंद्र हैं। इस तरह जिले में करीब 60 केंद्र हैं। इन सभी में होने वाली बैठकों, टीएलएम, स्टेशनरी, मरम्मत, फर्निचर, कम्प्यूटर टाइपिंग आदि कार्यों के लिए कॉन्टिन्जेंसी मद में राशि जारी की जाती है। प्रत्येक केंद्र के लिए 28-28 हजार रुपए स्वीकृत हैं। परंतु यह राशि लंबे समय से केंद्रों को नहीं मिल रही।
  3. जिला शिक्षा केंद्र द्वारा प्रत्येक BAC, CAC व अन्य कर्मचारियों का एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) कटता है लेकिन यह संबंधित खाते में जमा नहीं कराया जाता है। इस तरह लगभग प्रत्येक कर्मचारी का डेढ़ से दो लाख रुपए 8-10 माह से लेकर 2-3 साल तक अटका रहता है।
  4. BAC और CAC को स्कूलों का निरीक्षण करना पड़ता है। इसके लिए उन्हें टीए-डीए और निगरानी (मॉनिटरिंग) भत्ता देने का प्रावधान है किंतु इसका भुगतान भी समय पर नहीं होता। सूत्रों की मानें तो बाजना ब्लॉक का 5 साल और अन्य का 3-3 साल से भुगतान नहीं हुआ है। 

BAC और CAC का वेतन नहीं रोका

जिला शिक्षा केंद्र में खरीदी पहले हो जाती है और स्वीकृति के लिए बाद में फाइल प्रस्तुत की जाती है। यह अनियमितता है। कलेक्टर ने इसकी जांच के लिए निर्देशित किया है। जांच जारी है, कुछ गड़बड़ियां पकड़ में आई हैं। गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसलिए DPC, APC और BRC का ही वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। BAC और CAC को परेशान होने की जरूरत नहीं है, उनका वेतन रोकने के लिए नहीं कहा गया है। उनका वेतन जल्द जारी किया जाएगा।

अमन वैष्णव, CEO- जिला पंचायत, रतलाम