चुनाव में पेड न्यूज़ लगाई तो हो जाएगी यह कार्रवाई, कलेक्टर सूर्यवंशी ने मीडियाकर्मियों को दी पैड न्यूज़ और एमसीएमसी कमेटी के कार्यों की जानकारी दी

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सूर्यवंशी ने मीडिया कार्यशाला के दौरान पेड न्यूज से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए इसके उल्लंघन पर होने वाली कार्रवाई के बारे में अवगत कराया।

चुनाव में पेड न्यूज़ लगाई तो हो जाएगी यह कार्रवाई, कलेक्टर सूर्यवंशी ने मीडियाकर्मियों को दी पैड न्यूज़ और एमसीएमसी कमेटी के कार्यों की जानकारी दी
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एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम जिले में आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के अंतर्गत प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक एवं समस्त मीडिया में प्रकाशित होने वाली पेड न्यूज की कड़ी निगरानी की जाएगी। आयोग के निर्देशों का सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया है। अभ्यार्थियों और राजनीतिक दलों को इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण एमसीएमसी कमेटी से कराना होगा।

उक्त निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा रविवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय मीडिया प्रशिक्षण सह कार्यशाला में दिए गए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर राधेश्याम मंडलोई उपस्थित थे। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ. सुरेश कटारिया, डॉ. रियाज मंसूरी ने प्रशिक्षण दिया। बताया कि किसी भी प्रकार के मीडिया में नगद या किसी भी कीमत प्रतिफल के रूप में प्रदर्शित होने वाले समाचार या विश्लेषण को पेड न्यूज़ के रूप में परिभाषित किया गया है। पैड न्यूज को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 एवं 123 (6) के उल्लंघन के रूप में देखा जाएगा। यह निर्वाचन खर्च की अधिकतम सीमा एवं निर्वाचन में भ्रष्ट आचरण के संबंध में है।

ऐसी सामग्री मानी जाएगी पेड न्यूज

  • एक ही समय के आसपास अलग-अलग लेखक की बाईलाइन वाले प्रतिस्पर्धी प्रकाशनों में दिखाई देने वाली तस्वीर के साथ समान आलेख पेड न्यूज माने जाएंगे।
  • विशिष्ट समाचार-पत्र के इस पृष्ठ पर निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी की प्रशंसा करने वाले लेख का प्रकाशित करना, जिसमें दावा किया गया हो कि इस निर्वाचन में दोनों के विजयी होने की संभावना है।
  • ऐसी न्यूज़ जिसमें कहा गया हो कि अभ्यर्थी को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है और वह निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन में विजयी होगा।
  • जिसमें बिना नाम प्रदर्शित किए अभ्यर्थी का समर्थन किया गया हो।
  • एक बैनर शीर्षक को प्रकाशित करने वाला समाचार-पत्र जिसमें कहा जाए कि दल या अभ्यर्थी राज्य निर्वाचन क्षेत्र में इतिहास रचने को तैयार है किंतु इस शीर्षक से संबंधित कोई खबर नहीं छपी।
  • ऐसी खबर जिसमें यह कहा जाए कि एक दल या अभ्यर्थी द्वारा किए गए अच्छे कार्यों ने अन्य दल या अभ्यर्थी की संभावनाओं को कम कर दिया है।

 ...तो ये होगी कार्रवाई

  • कार्यशाला में बताया गया कि जिला एमसीएमसी कमेटी से संदिग्ध पेड न्यूज प्रकरण की सूचना प्राप्त होने पर रिटर्निंग अधिकारी 96 घंटे के भीतर अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करेंगे और बताएंगे कि क्यों ना व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाए।
  • अभ्यर्थी को जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया जाएगा। जवाब प्राप्त होते ही जिला एमसीएमसी शीघ्रता से निर्णय कर अभ्यर्थी को सूचित करेगी।
  • जिला एमसीएमसी के निर्णय के विरुद्ध 48 घंटे में राज्य एमसीएमसी में अपील की जा सकेगी।
  • राज्य एमसीएससी 96 घंटे में निर्णय लेगी।
  • राज्य एमसीएमसी के निर्णय के रूप में अपील के लिए 48 घंटे का समय रहेगा।
  • पेड न्यूज पाए जाने पर निर्धारित मानक दरों के आधार पर इसका वास्तविक खर्च उम्मीदवार के चुनाव खाते में जोड़ा जाएगा।
  • उम्मीदवार का नाम सीईओ की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
  • चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद सभी पेड न्यूज के पुष्टि किए गए मामले दस्तावेजों के साथ सीईओ द्वारा आयोग को प्रस्तुत किए जाएंगे।

प्रकाशक के विरुद्ध भी होगी कार्रवाई

जिला एमसीएमसी विज्ञापन प्रमाणन का कार्य करेगी। विज्ञापन का प्रकाशन अभ्यर्थी या दल की सहमति से नहीं किया गया तो प्रकाशक के विरुद्ध आईपीसी की धारा 171 एच के उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी। मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पूर्व राजनीतिक दल अभ्यर्थी संगठन या व्यक्ति द्वारा प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों का एमसीएमसी कमेटी से प्रमाण अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन आवश्यक है। इनमें टीवी केबल, नेटवर्क केबल, चैनल, सिनेमा हॉल, रेडियो, प्राइवेट एफएम चैनल, ऑडियो-विजुअल, सार्वजनिक स्थान पर डिस्प्ले बोर्ड, एसएमएस, रिकॉर्ड वॉइस, मैसेज, मोबाइल नेटवर्क इन न्यूज़ पेपर, सोशल मीडिया तथा इंटरनेट वेबसाइट शामिल हैं। इसके लिए निर्धारित समय सीमा में पूर्व प्रमाण हेतु निर्धारित प्रपत्र-ए में आवेदन करना होगा। समिति द्वारा प्रपत्र-बी में प्रमाणीकरण दिया जाएगा।