करोड़ों का कारोबार करने वाले सराफा व्यापारियों के पास नहीं अपनी जमीन पर भवन निर्माण के लिए रुपया, 6 बीघा जमीन को दो दशक से उपयोग का इंतजार

रतलाम सराफा एसोसिएशन अपनी 6 बीघा जमीन पर अब तक भवन निर्माण नहीं कर सका है। इसकी वजह धन और सदस्यों में रुचि का अभाव बताया जा रहा है।

करोड़ों का कारोबार करने वाले सराफा व्यापारियों के पास नहीं अपनी जमीन पर भवन निर्माण के लिए रुपया, 6 बीघा जमीन को दो दशक से उपयोग का इंतजार
रतलाम सराफा बाजार।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के सराफा व्यापारियों की संस्था श्री सराफा एसोसिएशन की करीब 6 बीघा बेशकीमती जमीन वर्षों से अपने उपयोग की बाट जोह रही है। व्यापारियों की अरुचि के कारण इस पर निर्माण की प्लानिंग नहीं हो पा रही है। इसके लिए एसोसिएशन के पास धन का अभाव भी बताया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब शहर में करोड़ों रुपए का कारोबार करने वाले कई बड़े कारोबारी मौजूद हैं। एसोसिएशन ने जल्द ही उक्त जमीन पर भवन व अन्य निर्माण की प्लानिंग की बात कही है।

रतलाम सोने की शुद्धता के लिए देश-दुनिया में ख्यात है। यहां के ज्यादातर औसत कारोबार करने वाले व्यापारी हैं। तकरीबन 25 व्यापारी कारोबार के मामले में काफी आगे बताए जाते हैं। 5 से 7 कारोबारी करोड़ों में खेलने वाले हैं। बावजूद सराफा एसोसिएशन की 6 बीघा जमीन का करीब 2 दशक से सदुपयोग नहीं हो सका है। इसकी वजह कारोबारियों की आर्थिक सहयोग में रुचि नहीं होना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सराफा एसोसिएशन ने तत्कालीन अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा और सचिव (वर्तमान अध्यक्ष) झमक भरगट के कार्यकाल वरिष्ठ अध्यक्ष छोटूभाई कोठारी के मार्गदर्शन में सागोद रोड पर एक किसान से 6 बीघा जमीन खरीदी थी। इस पर एसोसिएशन की गतिविधियों के लिए भवन के साथ ही मांगलिक भवन आदि विकसित किया जाना प्रस्तावित है।

बड़ा सवाल ? सिर्फ 20 लाख रुपए में कैसे हो काम

सराफा एसोसिएशन की जमीन पर भवन निर्माण के लिए अलग से समिति है। इसके अध्यक्ष कांतिलाल छाजेड़ हैं। करीब 12 साल पूर्व तत्कालीन पदाधिकारियों ने उक्त जमीन पर निर्माण के लिए छाजेड़ को 20 लाख रुपए सौंपे गए थे। भवन निर्माण की लागत के हिसाब से यह राशि काफी कम है। इससे अभी तक कुछ नहीं हो पाया है। यह का एसोसिएशन के सदस्यों के आर्थिक सहयोग के बिना संभव नहीं है। छाजेड़ के मुताबिक भवन निर्माण को लेकर जल्द ही विचार-विमर्श किया जाएगा।

भवन निर्माण में सहयोग तो दूर, सालाना शुल्क के लिए भी करना पड़ता तगादा

390 सराफा व्यापारी एक एसोसिएशन के माध्यम से एक सूत्र में बंधे हैं। सूत्र बताते हैं कि इनमें से कुछ को छोड़ दें तो ज्यादातर की भवन निर्माण में रुचि नहीं है। कई सदस्य इस कार्य में सहयोग करना तो दूर, सालाना फीस भी समय पर नहीं चुका पाते। एसोसिएशन अपने सदस्यों से एक साथ दो साल का शुल्क 500 रुपए (250 रुपए प्रति साल) लेता है। इसके लिए भी कई बार कुछ सदस्यों से तगादा तक करना पड़ता है।

एक कारोबारी को कर रखा है एसोसिएशन से बाहर

गाइडलाइन का पालन नहीं करने और सबसे अलग चलने के चलते श्री सराफा एसोसिएशन ने एक बड़े संस्थान को सदस्यता ही नहीं दे रखी है। यह संस्थान डी पी ज्वैलर्स है। बता दें कि रतलाम के धीरूभाई अंबानी कहे जाने वाले सराफा व्यापारी स्व. धूलचंद कटारिया के परिवार के सदस्यों से जुड़ी सराफा फर्मों में से एक डी पी ज्वैलर्स के रतलाम के अलावा देश के कई शहरों में शो रूम है जिनका सलाना कारोबार रतलाम के सभी कारोबारियों की तुलना में कहीं ज्यादा है। बावजूद संस्थान का एसोसिएशन में न सदस्यता है और न ही सहयोग।

शीघ्र सदस्यों से चर्चाकर काम शुरू करेंगे

एसोसिएशन की गतिविधियों के लिए अपना भवन हो, इस उद्देश्य से सागोद रोड पर उक्त जमीन क्रय की गई थी। उक्त भूमि का डायवर्सन भी करा लिया गया था। इस पर भवन निर्माण तथा गतिविधि का केंद्र बनाने के लिए जल्दी ही प्लानिंग की जाएगी। कोरोना काल में कारोबार ठप होने से सदस्य साथियों को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ा। इसलिए भवन निर्माण को लेकर प्लानिंग संभव नहीं हो सकी। शीघ्र ही सदस्यों से चर्चा कर काम शुरू करेंगे। वहां एसोसिएशन के भवन के अलावा मांगलिक भवन भी बनाएंगे ताकि एसोसिएशन के सदस्यों के साथ ही आमजन को भी सुविधा मिल सके।

झमक भरगट, अध्यक्ष- श्री सराफा एसोसिएशन, रतलाम