प्रदेश के कॉलोनाइजरों को सरकार का तोहफा, एक रजिस्ट्रेशन पर प्रदेश में कहीं भी कर सकेंगे निर्माण, ऑनलाइन होगा रजिस्ट्रेशन

मध्यप्रदेश के कॉलोनाइजर अब एक बार पंजीयन करवा कर प्रदेश में कहीं भी निर्माण कार्य कर सकेंगे। सरकार ने इस राहत का ऐलान किया है।

प्रदेश के कॉलोनाइजरों को सरकार का तोहफा, एक रजिस्ट्रेशन पर प्रदेश में कहीं भी कर सकेंगे निर्माण, ऑनलाइन होगा रजिस्ट्रेशन
पोर्टल का लोकार्पण करते मंत्री भूपेंद्र सिंह।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल का किया लोकार्पण

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । प्रदेश के कॉलोनाइजरों को अब हर जगह निर्माण के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे एक ही रजिस्ट्रेशन पर कहीं भी निर्माण कर सकेंगे। प्रदेश से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा दी गई राहत से कॉलोनाइजरों का समय बचेगा।  

कॉलोनाइजरों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए सरकार द्वारा एक पोर्टल शुरू किया गया है। इस पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने मंगलवार को पोर्टल का लोकार्पण किया। इससे अब कॉलोनाइजर्स को अब अलग-अलग नगरीय निकायों में रजिस्ट्रेशन कराने से निजात मिलेगी। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। रजिस्ट्रेशन के 30 दिन की समय-सीमा में प्रमाण-पत्र जारी कर दिए जाएंगे।

मंत्री भूपेन्द्र सिंह के अनुसार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से प्रक्रिया सरल होगी। इससे प्रदेश के विकास में भी तेजी आएगी। सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के जरिए हमने अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण के भी प्रावधान किए गए हैं। सुधार की यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

ये रहे पोर्टल लोकार्पण के दौरान

पोर्टल के लोकार्पण के दौरान नगरीय प्रशासन विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह, आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव, अपर आयुक्त गजेंद्र सिंह, अधीक्षण यंत्री राजीव गोस्वामी, एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के डिप्टी डायरेक्टर विनय पांडेय आदि मौजूद रहे।

कॉलोनाइजरों के लिए पोर्टल के माध्यम से यह मिलेगी सुविधा

  • कॉलोनाइजर का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन ई-नगरपालिका पोर्टल, एमपी अर्बन वेबसाइट व ई-सर्विस पोर्टल पर किए जा सकेंगे।
  • पोल्टल पर रजिस्ट्रीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा।
  • आवेदन की स्थिति ट्रैक किए जा सकेंगे।
  • ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड किए जा सकेंगे।
  • आवेदन का अनुमोदन भी ऑनलाइन होगा।
  • डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
  • SMS एवं WhatsApp के जरिए आवेदक को सूचना मिलेगी।
  • WhatsApp पर सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।
  • संचालनालय के लिए मॉनिटरिंग के लिए विभिन्न रिपोर्ट की सुविधा भी होगी।
  • नया एकीकृत रजिस्ट्रीकरण संचालनालय स्तर पर ऑनलाइन होगा।
  • सर्टिफिकेट सभी नगर निकायों के लिए मान्य होंगे।