थैलेसीमिया और सिकल सेल को लेकर हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में रतलाम के समाजसेवी गोविंद काकानी एवं वर्षा पंवार का हुआ सम्मान

थैलेसीमिया व सिकल सेले को लेकर राष्ट्रीय कार्य़शाला का आयोजन किया गया। इसमें रतलाम को गोविंद काकानी और वर्षा पंवार को विशेष कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।

थैलेसीमिया और सिकल सेल को लेकर हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में रतलाम के समाजसेवी गोविंद काकानी एवं वर्षा पंवार का हुआ सम्मान
राष्ट्रीय कार्यशाला में समाजसेवा गोविंद काकानी का सम्मान किया गया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । थैलेसीमिया और सिकल सेल से मुक्ति को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें रतलाम के समाजसेवी गोविंद काकानी और वर्षा पंवार को सम्मानित किया गया।

कार्यशाला दो दिन चली। इसमें थैलेसीमिया एवं सिकल सेल मुक्त मध्यप्रदेश के तहत थैलेसीमिया बच्चों के लिए विशेष कार्य करने के लिए समाजसेवी एवं पूर्व एमआईसी सदस्य काकानी एवं पंवार को सम्मानित किया गया। 100वीं बार रक्तदान करने पर गोविंद काकानी एवं उपस्थित थैलेसीमिया बच्चों के जन्मदिन के उपलक्ष्य में केक भी काटा गया।

दो कार्यशाला में देशभर से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ डॉक्टर जुटे। उन्होंने अनुवांशिक बीमारी थैलेसीमिया व सिकलसेल को रोकने एवं इससे ग्रसित बच्चों की दीर्घायु के लिए आवश्यक जानकारियां प्रदान की। जानकारी विभिन्न सत्रों में प्रदान की गई।

जीवन रक्षक दवा और इंजेक्शन भेंट किए

रतलाम निवासी थैलेसीमिया योद्धा एवं समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष वर्षा पंवार और संभागीय टीम सदस्यों ने इलाज के लिए आए बच्चों का चैकअप करवाया। उन्होंने डॉक्टर के माध्यम से उचित मार्गदर्शन की व्यवस्था भी। प्रदेश मार्गदर्शक मंडल सदस्य गोविंद काकानी, कोषाध्यक्ष विनीत मेहंदीरत्ता एवं जिला समिति सदस्य दीपक राजपुरोहित ने बच्चों के लिए जीवन रक्षक दवाइयां एवं इंजेक्शन एकत्र  कर वितरण के लिए आयोजन समिति को सौंपे।

इनकी उल्लेखनीय भूमिका रही

आयोजन समिति संरक्षक सत्येंद्र सिंह राठौड़ (नीमच), अध्यक्ष पं. विकास शुक्ला (जबलपुर), मार्गदर्शक मंडल सदस्य गोविंद काकानी, प्रदेश उपाध्यक्ष वर्षा पंवार रतलाम, कोषाध्यक्ष विनीत मेहंदीरत्ता उज्जैन, सचिव डॉ. हिमांशु यजुर्वेदी (मंदसौर), सोशल मीडिया प्रभारी राकेश खींची (मनासा), समाजसेवी मधुबाला पोरवाल (नागदा) आदि के साथ पूरी संभाग की टीम ने पूरे आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई एवं थैलेसीमिया सिकल सेल मुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प लिया।