शपथ ग्रहण : छात्र मेहनत से बना सकते हैं अपनी पहचान, श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में TI गायत्री सोनी ने कहा
श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल की छात्र परिषद ने अपने पद और नशे से दूरी है जरूरी की शपथ ली।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कोई भी छात्र मेहनत कर अपनी पहचान बन सकता है तथा अपनी टीम का नाम रोशन कर सकता है। जिसकी टीम मजबूत होगी वह आगे रहेगा। विद्यार्थियों को सभी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए।
यह बात औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी गायत्री सोनी ने कही। वे श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल शास्त्री नगर में आयोजित माध्यमिक कक्षा छात्र परिषद के शपथ समारोह को संबोधित कर रहीं थी। विशिष्ट अतिथि यातायात थाना प्रभारी नीलम चोंगड़ ने कहा कि जो चीज बुरी है उससे हमें दूरी बनाकर रखना चाहिए। श्री गुरु तेग बहादुर शैक्षणिक विकास समिति अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह डंग ने कहा कि अभी एक बहुत बुरी चीज है जिसका नाम मोबाइल है। इसका सोच-समझ कर उपयोग करें।
नशे से दूरी और पद की ली शपथ
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि गायत्री सोनी, नीलम चोंगड़, गुरनाम सिंह डंग, अजीत छाबड़ा, प्रधान अध्यापिका सरला माहेश्वरी ने मां सरस्वती व श्री गुरु तेग बहादुर के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन किया। विद्यार्थियों ने शबद तथा मां सरस्वती की आराधना प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत समिति अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह, सचिव अजीत छाबड़ा, कोषाध्यक्ष देवेंद्र वाधवा, समिति सदस्य सतपाल सिंह डंग, गगनदीप सिंह डंग, गुरविंदर सिंह खालसा, प्राचार्य मेघा वैष्णव प्रधान अध्यापिका सरला माहेश्वरी, इंचार्ज मनीषा ठक्कर आदि ने किया। समारोह में अतिथियों ने नशे से दूरी है जरूरी की शपथ भी दिलवाई। उन्होंने छात्र परिषद को शेसे पहनाकर, बैच लगाकर व ध्वज प्रदान कर पद की शपथ भी दिलवाई।
इन्होंने ग्रहण किया पदभार
हेड बॉय मोहम्मद अली, हेड गर्ल काशवी चौहान, डिसिप्लिन हेड छवि पंवार, स्पोर्ट्स हेड मिष्टि परिहार, बाबा अजीत सिंह हाउस के महक कसेरा, अल्हान मोहम्मद, वेदिका पाइडिया, बाबा जुझार सिंह हाउस के तिथि वर्मा, मोहम्मद ईशान खान, प्राची शर्मा, बाबा जोरावर सिंह हाउस के सारा जरिन मंसूरी, कविश शर्मा, रक्षा कुंवर चंद्रावत, बाबा फतेह सिंह हाउस के सानिध्य चौहान, सैयद नुसरा बी व अल्फिया सिद्दीकी ने पदभार ग्रहण किया। संचालन वैशाली बोरगांवकर व शिवानी सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन प्रधान अध्यापिका माहेश्वरी ने माना। अंत में राष्ट्रगान हुआ।