दवा प्रतिनिधि 30 नवंबर को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल, मोटरसाइकिल रैली निकाल कर CM के नाम सौंपे ज्ञापन में जताई अपनी मंशा

सीटू और मेडिकल व सेल्स रिप्रेजेंटेटिव ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर न्यूनतम वेतन रिवीजन की मांग की। उन्होंने मोटरसाइकिल रैली भी निकाली।

दवा प्रतिनिधि 30 नवंबर को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल, मोटरसाइकिल रैली निकाल कर CM के नाम सौंपे ज्ञापन में जताई अपनी मंशा
मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपते एमआर एंड एसआर यूनियन तथा सीटू के पदाधिकारी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सीटू एवं मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन ने पूरे प्रदेश में न्यूनतम वेतन के रिवीजन की मांग की है। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर 30 नवंबर को राष्ट्रव्यापारी आंदोलन की चेतावनी दी है। अपनी इस मंशा के बारे में दवा प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन में अवगत करा दिया है।

न्यूनतम वेतन रिवीजन सहित अन्य मांगों को लेकर सीटू और एम. आर. एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य एम. आर. कार्यालय से मोटरसाइकिल रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा। एमपीएमएसआरयू के प्रदेश अध्यक्ष एवं रतलाम इकाई के जिला अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ने 2016 में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए न्यूनतम वेतन घोषित किया गया था। बावजूद नौ साल से न तो न्यूनतम वेतन में कोई रिवीजन किया गया है और न ही आठ घंटे के काम के नियम को लागू किया गया है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए लागू सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज एक्ट 1976 का पालन भी नहीं किया जा रहा है।  शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय संगठन FMRAI द्वारा 30 नवंबर को अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया है।

पूरे देश में एमपी एकमात्र प्रदेश जहां नहीं बढ़ी न्यूनतम मजदूरी

जिला उपाध्यक्ष अभिषेक जैन ने बतलाया कि पूरे देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जिसने नौ सालों में मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नहीं की है। शिवराज सरकार ने ट्रेड यूनियनों की त्रिपक्षीय समितियों के साथ आज तक कोई बैठक भी नहीं की। इसके खिलाफ सीटू एवं एमपीएमएसआरयू द्वारा पूरे प्रदेश में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इस दौरान भारत सरकार के श्रम मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव के नाम पर भी रतलाम कलेक्टर के माध्यम से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की समस्याओं को लेकर 8 सूत्रीय मांगों का भी ज्ञापन सौंपा गया है।

ये हैं मांगें

  • देश के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की समस्याओं को लेकर बनी त्रिपक्षीय समिति की बैठक बुलाई जाए।
  • बैठक में एसपीएक्ट 1976 को सुरक्षित एवं सुनिश्चित किया जाय।
  • मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के काम करने की नियमावाली तय किए जाएं।
  • काम करने के मौलिक अधिकार को सुरक्षित किया जाए।
  • सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज की डिजिटलाइजेशन के नाम ट्रेकिंग सर्विलांस पर रोक लगाएं। दवाओं पर जीरो जीएसटी लागू करें।

ये शामिल रहे प्रदर्शन में

रैली-प्रदर्शन में रतलाम इकाई के सहसचिव रसीद खान, कोषाध्यक्ष संजय व्यास, कार्यकारणी सदस्य अविनाश पोरवाल,  सचिन तिवारी, निखिल मिश्र, आनंद गरवाल, एम. एल. नगावत सहित दवा प्रतिनिधि एवं अन्य ट्रेड यूनियन के साथी उपस्थित रहे।