अभिनंदन सुदीर्घ साधना का : यह सम्मान उनका जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया, मैंने तो बस विद्यार्थियों को हौसला प्रदान किया - ओमप्रकाश मिश्रा

हमलोग संस्था द्वारा शिक्षाविद् एवं रंगकर्मी ओमप्रकाश मिश्रा का अभिनंदन किया गया। अपने अभिनंदन के प्रत्युत्तर में मिश्रा ने कहा कि मैंने जो सीखा वह विद्यार्थियों को सिखाने का प्रयास किया।

अभिनंदन सुदीर्घ साधना का : यह सम्मान उनका जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया, मैंने तो बस विद्यार्थियों को हौसला प्रदान किया - ओमप्रकाश मिश्रा
रंगकर्मी एवं शिक्षाविद् ओमप्रकाश मिश्रा का अभिनंदन करते अतिथि एवं हमलोग संस्था के अध्यक्ष।

'हम लोग' संस्था ने किया ओमप्रकाश मिश्रा का अभिनंदन

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । यह अभिनंदन मेरा नहीं है बल्कि उन सभी लोगों का है, जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया। मैंने अपने विद्यार्थियों को सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उनके भीतर छिपी हुई प्रतिभा को बाहर लाने का प्रयास किया और उन्हें मंच पर खड़ा होने का हौसला प्रदान किया। शेष प्रयास विद्यार्थियों के अपने हैं। मैं जितना कर सकता था मैंने किया। ‌इससे विद्यार्थियों को अगर कुछ मिला हो तो यह मेरा सौभाग्य है।

उक्त विचार वरिष्ठ रंगकर्मी एवं शिक्षाविद् ओम प्रकाश मिश्रा ने 'हम लोग' द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए। सुदीर्घ साधना के लिए आयोजित अभिनंदन समारोह में मिश्रा ने कहा कि परिस्थितियों और समय के प्रभाव से व्यक्ति बहुत कुछ सीखता है। मैंने जो कुछ भी सीखा वह अपने विद्यार्थियों को प्रदान किया। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्ति प्राचार्य सुरेश चंद्र करमरकर ने कहा कि ओमप्रकाश मिश्रा का व्यक्तित्व कई आयामों से मिलकर बनता है। एक मित्र की तरह, एक शिक्षाविद् की तरह, एक रंगकर्मी की तरह, एक अभिनेता की तरह और एक नेतृत्व क्षमतावान व्यक्तित्व की तरह उन्हें देखना आवश्यक है। उन्होंने मिश्रा के जीवन प्रसंगों एवं संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि विरले ही लोग होते हैं जो अपने विद्यार्थियों के प्रति इतने समर्पित होते हैं। मिश्रा जी ने विद्यार्थियों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। 

नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की प्रेरणा की परंपरा का सम्मान- सुभाष जैन

'हम लोग' के अध्यक्ष सुभाष जैन ने कहा कि यह अभिनंदन समारोह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि शहर की उस परंपरा का सम्मान है जो अपनी नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती है। मिश्रा जी उम्र के आठवें दशक में भी विद्यार्थियों को निरंतर रंगकर्म की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, यह उनके समर्पण का ही परिणाम है। 'हम लोग' ऐसे व्यक्तित्व को सम्मानित कर गौरवान्वित होता है।

बहुत पहले हो जाना चाहिए था सम्मान- विष्णु बैरागी

चिंतक और विचारक विष्णु बैरागी ने कहा कि मिश्रा के कार्यों का मूल्यांकन शहर नहीं कर पाया है‌। यह सम्मान बहुत पहले हो जाना चाहिए था। शहर को जितना उन्होंने दिया है, शहर को भी उतना सम्मान उन्हें देना चाहिए। रंगकर्मी कैलाश व्यास ने कहा कि मिश्रा जी से मैंने शिक्षा भी प्राप्त की, उनके साथ रंगकर्म भी किया। इस दौरान उनका समर्पण भाव और कुछ नया सीखने की प्रवृत्ति ने मुझे बेहद प्रभावित किया। ‌उनका व्यक्तित्व आज भी सभी को प्रभावित करता है।

अभिनंदन पत्र भेंट किया

'हम लोग' अध्यक्ष सुभाष जैन एवं संस्था के पदाधिकारियों ने ओमप्रकाश मिश्रा का शाल, श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर मिश्रा पर केंद्रित डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला के आलेख के फोल्डर का विमोचन भी किया गया। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। आभार डॉ. अभय पाठक ने व्यक्त किया।

इन्होंने भी किया अभिनंदन

इस अवसर पर रणजीत सिंह राठौर, सिद्दीक़ रतलामी, मांगीलाल नगावत, कैलाश व्यास, डॉ. मनोहर जैन, श्याम सुंदर भाटी, डॉ. मुनींद्र दुबे, दिनेश शर्मा, कमल सिंह, नरेंद्र सिंह पंवार, राजीव पंडित, पं. अनिरुद्ध मुरारी, सतीश भावे, संजय ओझा, संजय परसाई सरल, प्रकाश हेमावत, सुभाष यादव, विभा राठौर, विनीता ओझा, खुशबू जांगलवा, प्रतिभा चांदनीवाला, कविता व्यास, आणिमा शर्मा, डॉ. प्रदीप सिंह, एकई राव, गजेंद्र सिंह राठौर, आशा श्रीवास्तव, नीता गुप्ता, इंदु सिन्हा, इंदरमल जैन, नरेंद्र सिंह डोडिया, पद्माकर पागे, सुनील कदम, गजेंद्र सिंह चाहर, लगन शर्मा, महावीर वर्मा सहित सुधिजन मौजूद थे।