मिनी गुंटूर के नाम से प्रसिद्ध बेडिय़ा मिर्च मंडी में बिचौलियों का बोलबाला, रतलाम के व्यापारी संगठन ने सरकार से समाधान की लगाई गुहार

रतलाम के दि ग्रीन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन ने ज्ञापन देकर खरगोन की बेड़िया मिर्च मंडी से बिचौलियों के दखल को खत्म करने की गुहार लगाई है।

मिनी गुंटूर के नाम से प्रसिद्ध बेडिय़ा मिर्च मंडी में बिचौलियों का बोलबाला, रतलाम के व्यापारी संगठन ने सरकार से समाधान की लगाई गुहार
बेडिया मिर्च मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार।

दि ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन ने विभिन्न माध्यम से सरकार को दिया ज्ञापन ताकि व्यापारियों व किसानों की समस्या हो सके दूर 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । दि ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन रतलाम सरकार से खरगोन की बेड़िया मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं और समस्याओं को दूर करने की मांग की है। इसके लिए सरकार को विभिन्न माध्यमों से ज्ञापन दिए गए हैं। इसमें किसानों और व्यापारियों को सुविधा देने के लिए मंडी में पुनः पुरानी व्यवस्था बहाली की गुहार लगाई गई है। 

दी ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन रतलाम द्वारा कृषि मंत्री कमल पटेल, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, कृषि विपणन बोर्ड म.प्र. के प्रबंध संचालक, इंदौर संभाग के सहायक संचालक, रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप को अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ म.प्र. के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में खरगोन की बेडिय़ा मिर्ची मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं और समस्याओं के निराकरण की मांग की गई है।

बाहरी व्यापारियों से 10 प्रतिशत ज्यादा हो रही वसूली

एसोसिएशन द्वारा ज्ञापन में बताया गया है कि खरगोन की बेड़िया गांव स्थित मिर्ची मंडी को मिनी गुंटूर के नाम से जाना जाता है। वर्षों से इस मंडी में आकर मध्य प्रदेश का व्यापारी माल खरीद रहा है और किसान को नकद भुगतान कर रहा है। मंडी टैक्स के भुगतान के बाद माल ले जाता है। कुछ दिनों से मंडी में बिचौलियों को अहमियत दी जा रही है। मंडी में सिर्फ स्थानीय व्यापारी ही माल खरीद सकता है। बाहर के व्यापारी को माल खरीदने पर 10 प्रतिशत ज्यादा राशि चुकाना पड़ रही है।

एसोसिएशन के अनुसार बिचौलिए  किसानों को कम कीमत देकर माल ले रहे हैं और छोटे उत्पादकों से 10 प्रतिशत कमीशन के साथ ज्यादा राशि वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं छोटे उत्पादकों को मंडी से बाहर कर दिया है। मंडी सचिव मानने को तैयार नहीं हैं। नतीजतन मंडी की पुरानी व्यवस्था बिगड़ गई है और मध्य प्रदेश के किसान और मसाला उद्योग इस से प्रभावित है।

भाजपा की सरकार होने के बाद भी सभी परेशान

एसोसिएशन का तर्क है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून में क्रांतिकारी परिवर्तन करते हुए पूरे देश को एक बाजार में विकसित करने की पहल की थी। इसके उलट मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बाद भी यहां कृषि उपज के व्यापार को बेड़ियों में जकड़ा जा रहा है। अतः मध्य प्रदेश के मंडी लाइसेंसी व्यापारियों को उनके मंडी लाइसेंस की छायाप्रति लाइसेंस नंबर लिख कर तथा उनकी मंडियों का नाम लिखकर व मंडी शुल्क अदा करने के पश्चात माल क्रय कर ले जाने की सुविधा दी जाए। इससे मंडी में पुरानी व्यवस्था पुन: बहाल की जा सके।