Pahalgam terror attack ! कायराना आतंकवादी हमले के जिम्मेदारों को जल्द ही मुंहतोड़ जवाब मिलेगा- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलाम में आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्दी ही मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई है।

एसीएन टाइम्स @ दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों को आश्वासन दिया है कि पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में निर्दोष नागरिकों पर कायराना आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द ही भारतीय धरती पर उनके नापाक कृत्यों का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता के साथ भारत दृढ़ संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर आवश्यक और उचित कदम उठाएगी।
सीमा पार से समर्थित आतंकवादी घटनाओं के संदर्भ में रक्षा मंत्री ने कहा कि “भारत एक पुरानी सभ्यता है और इतना बड़ा देश कभी भी किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों से भयभीत नहीं हो सकता। हर भारतीय इस कायराना हरकत के खिलाफ एकजुट है। न केवल उन लोगों को जिन्होंने हमला किया, बल्कि उन लोगों को भी जिन्होंने पर्दे के पीछे से भारतीय धरती पर इस तरह के नापाक कृत्य करने की साजिश रची, उन्हें जल्द ही उचित जवाब मिलेगा।”
धर्म को निशाना बनाकर किया गया हमला कायराना
“इतिहास गवाह है कि राष्ट्रों का पतन दुश्मन की कार्रवाई के कारण नहीं, बल्कि उनके अपने कुकर्मों के परिणामस्वरूप हुआ है। मुझे उम्मीद है कि सीमा पार के लोग इतिहास के सबक को और करीब से देखेंगे।” राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपने प्रियजन को खोने वाले परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों द्वारा धर्म को निशाना बनाकर किए गए कायराना हमले में हमारे देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया है। इस अत्यंत अमानवीय कृत्य ने हमें गहरी पीड़ा में डाल दिया है। दुख की इस घड़ी में मैं दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”
आईएएफ मार्शल को दी श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के मार्शल अर्जन सिंह पर आयोजित व्याख्यान में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता और समर्पण को अविश्वसनीय बताया। उन्होंने कहा, “वे एक दूरदर्शी सैन्य लीडर थे, जो आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। अगर आज भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे मजबूत वायु सेनाओं में से एक है, तो यह भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह जैसे सैन्य नेताओं की दूरदर्शिता और लोकाचार की वजह से है।”
भारतीय वायुसेना का राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम् योगदान
राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की यात्रा को एक महत्वाकांक्षी, प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी महाकाव्य बताया, जो न केवल आसमान छूने के बारे में है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के सपनों को हकीकत में बदलने के बारे में भी है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, भारतीय वायुसेना स्वतंत्रता के बाद और मजबूत हुई है और आज एक मजबूत स्तंभ के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान एक आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर सशस्त्र बलों को बदलने पर है। उन्होंने क्षेत्र में भारतीय वायुसेना को एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा एक साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रतिबद्धता, सहयोग और एकीकृत दृष्टिकोण समय की मांग है। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय वायुसेना अच्छी तरह से सुसज्जित और अत्यधिक प्रौद्योगिकी-उन्मुख है तो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और मजबूत होगी।
देश में रक्षा उपकरण निर्माण के मिल रहे सकारात्मक परिणाम
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि आयात पर निर्भरता के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है और सरकार रक्षा संप्रभुता हासिल करने की दिशा में अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के भीतर रक्षा उपकरणों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है और रक्षा मंत्रालय के प्रयासों से सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव, हल्के उपयोगी हेलीकॉप्टर प्रचंड, आकाश और ब्रह्मोस वायु रक्षा हथियारों को भारतीय डिजाइनरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की क्षमता के शानदार उदाहरण बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि “आज, न केवल सार्वजनिक क्षेत्र में रक्षा विनिर्माण में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, बल्कि निजी क्षेत्र भी बड़े उत्साह के साथ भाग ले रहा है। जैसे-जैसे रक्षा उत्पादन का क्षेत्र प्रौद्योगिकी-उन्मुख होता जा रहा है, स्टार्ट-अप और एमएसएमई की भूमिका भी तेजी से बढ़ रही है। ये रक्षा नवाचार की रीढ़ साबित हो रहे हैं। आने वाले समय में, उच्च तकनीक वाले युद्ध में निजी क्षेत्र, स्टार्ट-अप और एमएसएमई की भूमिका और भी अधिक बढ़ने वाली है।”
एयरो इंजन विकास सरकार की प्राथमिकता वाला क्षेत्र
वायुसेना की जरूरतों के मद्देनजर एयरो-इंजन विकास को सरकार का प्राथमिकता वाला क्षेत्र बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रयास पूर्ण बौद्धिक संपदा अधिकारों के साथ सह-विकास और सह-उत्पादन के मॉडल पर भारत में इंजन बनाने का है। उन्होंने कहा कि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और एलसीए मार्क-2 के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि एस्ट्रा मार्क-2, प्रलय, स्मार्ट समेत कई वायु रक्षा प्रणालियों पर काफी हद तक आत्मनिर्भरता हासिल की जा चुकी है।
चुनौतियों और अनिश्चितताओं से निपटना सरकार की प्रतिबद्धता
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 21वीं सदी में एशिया में सत्ता के गतिशील होने के कारण, हिंद-प्रशांत क्षेत्र रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है, और सरकार अस्थिर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और तकनीकी क्रांति से उत्पन्न जटिल चुनौतियों का समाधान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हाइपरसोनिक डायरेक्टेड एनर्जी हथियार, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन, साइबर और स्पेस तकनीक के बढ़ते उपयोग सहित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी सफलता ने आधुनिक युद्ध में अप्रत्याशितता और घातकता ला दी है, जिससे यह अपरंपरागत और भी अनिश्चित हो गया है। उन्होंने इन चुनौतियों और अनिश्चितताओं से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
Speaking at the ‘Arjan Singh Memorial Lecture’ in New Delhi https://t.co/MyxiKpKGRz
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 23, 2025
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी और सेवारत और सेवानिवृत्त IAF कर्मी उपस्थित थे।