रतलाम रेल मंडल में भ्रष्टाचार ! दिवंगत रेलकर्मी के बेटे से 10 हजार रुपए की घूस लेते कार्मिक विभाग का कर्मचारी गिरफ्तार, मुंबई विजिलेंस ने की कार्रवाई

रतलाम रेल मंडल के एक कर्मचारी को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। कर्मचारी ने एक युवक से फैमिली पेंशन के लिए नाम जोड़ने की खातिर 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी।

रतलाम रेल मंडल में भ्रष्टाचार ! दिवंगत रेलकर्मी के बेटे से 10 हजार रुपए की घूस लेते कार्मिक विभाग का कर्मचारी गिरफ्तार, मुंबई विजिलेंस ने की कार्रवाई
रतलाम रेल मंडल की कार्मिक शाखा का क्लर्क रिश्वत लेते गिरफ्तार।

दिवंगत पिता की पेंशन के लिए नाम जुड़वाने की खातिर उसके बेटे से मांगी थी रिश्वत

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रेलवे की मुंबई विजिलेंस टीम ने रतलाम रेल मंडल के कार्मिक विभाग के एक क्लर्क को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया है। आरोपी क्लर्क ने एक दिवंगत कर्मचारी के बेटे से पेंशन के लिए नाम जुड़वाने के नाम पर घूस मांगी थी। विजिलेंस की कार्रवाई के बाद से मंडल रेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई विजिलेंस की पांच सदस्यीय टीम मंगलवार सुबह करीब 11.30 बजे अचानक रतलाम रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 7 पर आ धमकी। यहां टीम ने मंडल के कार्मिक विभाग की सेटेलमेंट शाखा के क्लर्क शिवलाल मीना को एक व्यक्ति से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते धर-दबोचा। आरोपी क्लर्क के पास से रिश्वत के रुपए भी जब्त हुए हैं।

जानकारी के अनुसार रतलाम मंडल में पदस्थ ट्रैकमैन सकरिया गेमा की 2013 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से उनकी अविवाहित दो बेटियों को बारी-बारी से फैमेली पेंशन मिल रही थी। दोनों बेटियों की शादी के बाद नियमानुसार पेंशन बंद कर दी गई। इससे सकरिया के 23 वर्षीय बेटे आरस पेंशन का लाभ निरंतर लेने के लिए रेलवे के रिकॉर्ड में अपना नाम जुड़वाने की प्रक्रिया शुरू की। दरअसल, उसे 25 वर्ष की उम्र तक पेंशन की पात्रता थी लेकिन उसका नाम रिकॉर्ड में नहीं होने से वह इससे वंचित था।

आरोपी क्लर्क ऐसे फंसा जाल में

आरस ने नाम जुड़वाने के लिए काफी प्रयास किए। इसके बाद उसने संबंधित शाखा में संपर्क साधा तो नाम जुड़वाने के एवज में 10 हजार रुपए की घूस की मांग की गई। इसकी शिकायत आरस ने रेलवे की विजिलेंस शाखा को की। विजिलेंस ने पांच सदस्यीय टीम गठित की। इसमें विजिलेंस निरीक्षक के साथ आरपीएफ को भी शामिल किया गया। विजिलेंस शाखा द्वारा आरस को तय नंबर के नोट उपलब्ध करवा कर लिपिक को ट्रैप करने की योजना बनाई। विजिलेंस यह जांच कर रही है कि इस मामले में मीना के अलावा और कौन-कौन शामिल है।