परीक्षा से न हों भयभीत, इस तरह योजनाबद्ध तैयारी करें, क्योंकि परीक्षा में पास होना बहुत आसान है- गजेंद्र सिंह राठौर

आपकी की परीक्षा है ? तो चिंता की क्या बात है। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और सीएम राइज विनोबा स्कूल उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर के इन टिप्स को अजमाइये और परीक्षा में सफल हो जाइये, क्योंकि- परीक्षा में पास होना आसान है।

परीक्षा से न हों भयभीत, इस तरह योजनाबद्ध तैयारी करें, क्योंकि परीक्षा में पास होना बहुत आसान है- गजेंद्र सिंह राठौर
...क्योंकि परीक्षा में पास होना आसान है।

परीक्षा की तैयारी, परीक्षा देने का सही तरीका जानें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सीएम राइज विनोबा स्कूल के उप प्राचार्य गजेंद्रसिंह राठौर

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं जारी हैं। आने वाले दिनों में अन्य परीक्षाएं भी होनी हैं। ऐसे दौर में विद्यार्थियों में प्रश्नपत्र के स्वरूप और तैयारी को लेकर बहुत तनाव रहता है। यह तनाव कैसे दूर हो? परीक्षा की तैयारी कैसे करें? और परीक्षा कैसे दें?

इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए #एसीएन_टाइम्स ने राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और सीएम राइज विनोबा हायर सेकंडरी स्कूल रतलाम के उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर  विद्यार्थियों से टिप्स जाने। आप परीक्षार्थी हैं तो इन टिप्स को अपना कर न सिर्फ तनाव मुक्त रह सकते हैं, बल्कि परीक्षा में बेहतर कर सकते हैं। 

टिप्स-1 : भयभीत न हों, योजना बनाकर बढ़ें

स्टूडेंट्स परीक्षा से भयभीत न हो। बोर्ड परीक्षाएं जारी हैं। एक के बाद एक सभी पेपर पेपर होंगे, परन्तु इनमें उत्तीर्ण होना बेहद आसान है। अगर स्टूडेंट्स किसी कारण से  वर्ष भर गम्भीरता से पढ़ाई नहीं कर पाए हैं तो तो भी केवल प्रश्न-पत्र के गैप के दिनों में भी योजना बनाकर पढ़ने से अच्छे अंक लाकर उत्तीर्ण हो सकतें हैं।

टिप्स-2 : प्रश्नपत्र का स्वरूप समझना जरूरी

माध्यिमक शिक्षा मंडल मप्र की 10th बोर्ड में अंग्रे़जी को छोड़कर प्रश्न पत्र में कुल 23 प्रश्न होते हैं। सभी विषयों का प्रश्नपत्र 75 अंक का रहता है। इनमें परीक्षा में 12 प्रश्न 2-2 अंक के अर्थात कुल 24 अंक के प्रश्न ऐसे पूछे जाते हैं जिनके उत्तर सिर्फ 2 लाइन के होंगे। इन 12 प्रश्नों में से 3-4 के सही उत्तर भी आपको उत्तीर्ण करवाने में सहायक हो सकते हैं।

टिप्स-3 : बहुविकल्पीय (ऑब्जेक्टिव) प्रश्नों को दे प्राथमिकता

अब सवाल यह उठता है कि 23 प्रश्नों में से सिर्फ लघुउत्तरीय 3-4 प्रश्नों के उत्तर देने से कैसे उत्तीर्ण होंगे? तो इसका उत्तर है, यह प्राप्त नहीं है। उत्तीर्ण होने के लिए आपको यह भी करना होगा। प्रश्नपत्र में 30 अंक के ऑब्जेक्टिव (बहुविकल्पीय) प्रश्न पूछे जातें हैं। अगर उनमें से आधे भी सही हो गए तो 15 अंक मिल जाएंगे। फिर सही जोड़ी, सत्य-असत्य में थोड़ी सी समझ से उत्तर देने से परिणाम सकारात्मक आएगा।

टिप्स-4 : पुराने प्रश्न-पत्रों जरूर हल करें

पास होने के लिए 75 में से चाहिए 23 अंक। प्रायः देखने में आया है कि परीक्षा में किसी भी प्रश्नपत्र में 3 से 4 अंक वाले लगभग 21 अंक के प्रश्न ऐसे पूछे जाते हैं जो पूर्व के 5-6 वर्षों के प्रश्नपत्रों में पूछे जा चुके होते हैं। इसलिए परीक्षा की तैयारी करते समय पूर्व के प्रश्न-पत्रों में पूछे गए प्रश्नों को जरूर हल कर के देखें। ऐसे प्रश्न भी अंक बढ़ाने में सहायक होते हैं।

टिप्स-5 : दोहराव वाले महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास भी जरूरी

कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और टॉपिक ऐसे होते हैं जिनसे जुड़े प्रश्न बार-बार परीक्षा में पूछे जाते हैं। ऐसे एक-दो प्रश्न लगभग हर परीक्षा में देखने को मिलते हैं। अगर परीक्षा से पहले ऐसे प्रश्नों और उनके उत्तर को याद करें तो आसानी से सफलता मिल सकती है।

टिप्स-6 : ऐसे करें प्रश्नपत्रों के गैप के दिनों में तैयारी

मुख्य परीक्षाओं में प्रश्न-पत्रों के बीच एक या उससे अधिक दिनों का गैप रहता है जिससे की परीक्षार्थी को अनावश्यक तनाव न हो। इसका सदुपयोग करना बहुत लाभदायक होता है। गैप में पहले वही पढ़ें जो आपने सालभर पढ़ा है, यानी उसका रिवीजन करें। पिछले 3 वर्षों में परीक्षा में आए ऑब्जेक्टिव (बहुविकल्पीय) और अन्य प्रश्नों को तैयार करें। जैसे कि इस वर्ष हो रही परीक्षा के लिए खासतौर पर 2022 के प्रश्नपत्र को अच्छे से हल कर लें। बोर्ड (माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र भोपाल से जुड़े विद्यार्थियों के लिए) द्वारा जारी मॉडल प्रश्नपत्र में से भी ऑब्जेक्टिव और छोटे प्रश्नों को पढ़ लें। बड़े प्रश्न याद नहीं हो पा रहे हैं तो छोटे प्रश्न, परिभाषाओं, नियम, अंतर जैसे प्रश्न तैयार करें। परीक्षा में उत्तर देते समय भी इन्हें प्राथमिकता से करें। साथ ही सभी विषयों में बार-बार पूछे जाने वाले 20-25 छोटे महत्वपूर्ण प्रश्नों का चयन करके उनकी तैयारी कर लें।

हरेक विषय में इन प्रश्नों और ऑब्जेक्टिव के चयन में अपने विषय शिक्षक की सलाह को ध्यान में रखें। उनसे पूछें कि- अब पेपर के गैप में कौन-कौन से महत्वपूर्ण प्रश्न तेयार हो जाएंगे। उनके बताए अनुसार उनसे उनकी तैयारी के टिप्स भी लें। मौजूदा परीक्षा में भी प्रश्नपत्रों में पर्याप्त गैप है, इतने समय में तैयारी हो जाएगी।

टिप्स-7 : परीक्षा में ऐसे लिखें

पहले वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करें, उनमें भी जो एक बार में याद हो उन्हें कर लें, बाकी के लिए जगह छोड़ दें। जो प्रश्न अच्छा तैयार हो उसे सबसे पहले लिखें चाहे वो पेपर में बाद में ही क्यों न पूछा गया हो। कहा भी गया है कि "वेल बिगन इज हाफ डन"। ध्यान रहें कोई प्रश्न न छोड़ें। उसका उत्तर याद न भी हो तो भी कुछ न कुछ उस प्रश्न से सम्बन्धित अवश्य लिखें। कई बार प्रश्न पाठ्यक्रम के बाहर से होने पर प्रयास करने वाले विद्यार्थियों को बोनस अंक मिलतें हैं। अंत में एक बार अवश्य देखें कि कोई ऑब्जेक्टिव या प्रश्न छूट न जाए। जल्दबाजी बिल्कुल भी न करें। पेपर होने पर भी पूरे समय परीक्षा हॉल में रुकें और स्वयं द्वारा लिखे उत्तरों का परीक्षण करें। समय बचे तो ऑब्जेक्टिव को पुनः ध्यान से पढ़ लें। राइटिंग न बिगड़ने दें। दूर-दूर और साफ-सुथरा लिखें। इस तरह से उत्तीर्ण होना बेहद आसान है, आत्मविश्वास बनाएं रखें।