स्वतंत्र जीवन की स्वतंत्रता स्वयं तक सीमित रखना अल्प बुद्धि का परिचायक, इसलिए इसका विस्तार करें- निसर्ग दुबे
सृजन महाविद्यालय में सृजन भारत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों 500 सीड बॉल बनाने का संकल्प लिया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । स्वतंत्र जीवन की स्वतंत्रता स्वयं के जीवन तक सीमित न रहे, यह अल्प बुद्धि का कार्य है, जो हम नहीं कर सकते। इसलिए इसे विस्तारित करें। हमारा संकल्प समाज के प्रत्येक समाजिक गतिविधियों में अपनी भूमिका देने से है।
यह बात सृजन महाविद्यालय समन्वयक निसर्ग दुबे ने सृजन भारत कार्यक्रम में विद्यार्थियों को स्वयंसेवक बनने हेतु प्रेरणा देते हुए कही। कार्यक्रम में मौजूद जन अभियान परिषद के समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय ने विद्यार्थियों को पौधारोपण की सही प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को 500 सीड बॉल बनाने का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि अपने परिजन के नाम पर प्रतिवर्ष एक पौधा रोपें और उसे वृक्ष बनने तक संभालें ताकि आने वाले समय में रतलाम शहर हरा-भरा दिखे।
मानव अपनी मानवता दर्शाता है- सुनील श्रीवास्पति
विद्यार्थियों में उत्साह रहे व वे समाज कार्यों से जुड़े रहें इसके लिए संस्था के सदस्य सुनील श्रीवास्पति ने प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मानव अपनी मानवता को दर्शाता है। नगर की विभिन्न गतिविधियों में विद्यार्थी कैसे योगदान दे सकते हैं, इस बारे में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। खेल शिक्षिका ताहिरा खान जन अभियान परिषद पिपलौदा के समन्वयक शिवशंकर शर्मा रहे। आभार सृजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे. एस यादव ने माना।