CM का ऐलान ! सिंहस्थ मद से होगा श्री कालिका माता लोक का निर्माण, महापौर प्रहलाद पटेल ने CM यादव और मंत्री काश्यप का माना आभार
रतलाम आए सीएम डॉ. मोहन यादव ने श्री कालिका माता लोक का निर्माण सिंहस्थ मद से करने की घोषणा की है। इसके लिए महापौर प्रहलाद पटेल ने आभार व्यक्त किया है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एमपी राइज 2025 कॉनक्लेव में भाग लेने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकाल लोक की तर्ज पर श्री कालिका माता लोक का निर्माण सिंहस्थ मद से करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वे चाहते हैं कि महाकाल लोक के आसपास के 100 से 200 किलीमोटर तक के धार्मिक और पर्यटन स्थल के महत्व विकसित होने चाहिए। इससे सिंहस्थ में श्रद्धालु सीधे उज्जैन न पहुंच कर इन स्थानों से होते हुए पहुंचेंगे। सीएम की इस घोषणा के लिए महापौर प्रहलाद पटेल ने सीएम और कैबिनेट मंत्र चेतन्य काश्यप का आभार जताया है।
महापौर पटेल ने बताया कि उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर रतलाम के हृदय स्थल श्री कालिका माता मंदिर का कालिका माता लोक निर्माण हेतु वे विगत ढ़ेड वर्ष से ज्यादा समय से प्रयासरत हैं। सके लिए पूर्व में 7.24 करोड़ रुपए की डीपीआर भी भेजी जा चुकी है। डीपीआर तीन बार भेजी जा चुकी है। इसी संदर्भ में महापौर द्वारा शुक्रवार को भी रतलाम प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र सौंपा।
महापौर पटेल के अनुसार मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में श्री कालिका माता लोक का निर्माण हेतु राशि सिंहस्थ मद से स्वीकृत करने का ऐलान कर शहरवासियों को एक बड़ी सौगात देने की बात की है जो स्वागत योग्य है। पटेल के अनुसार इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ ही मंत्री एवं रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप भी धन्यवाद के पात्र हैं।
ढाई लाख वर्गफीट में विकसित होगा
बता दें कि डीपीआर में श्री कालिका माता मंदिर परिसर में 2 लाख 43 हजार 264 वर्गफीट में श्री कालिका माता लोक बनाया जाना प्रस्तावित है। यहां गुजरात के प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर की ही तरह 2 प्रवेश द्वार, 2 बड़े बगीचे तथा झाली तालाब के आसपास पाथ-वे बनेगा। इसके अलावा फूड जोन विकसित होगा जो करीब 600 वर्ग मीटर में बनेगा। इसमें पक्की दुकानें होंगी और स्टॉल के लिए भी स्थान होगा। इसके अलावा सेल्फी पाइंट, मां दुर्गा की बड़ी मूर्ति, आकर्षक फव्वारा भी रहेगा। इसमें ग्रेनाइट, विट्रीफाइड टाइल्स, कोबल, पेवर ब्लॉक, पत्थर की आकर्षक नक्काशी वाला वर्क भी होगा। बैठने के लिए बेंच भी लगेंगी। इसके अलावा अन्य बहुत सी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध होंगी।
2 दशक पहले हुए थे पहली बार प्रयास
कालिका माता मंदिर परिसर को विकसित करने के लिए सबसे पहले 2004-05 में तत्कालीन कलेक्टर दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने किया था। इसके लिए तब एक मॉडल भी तैयार हुआ था लेकिन उस पर काम आगे नहीं बढ़ सका। बाद में विधायक चेतन्य कास्यप ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा। इसमें मंदिर परिसर को गुजरात के अंबाजी की तरह विकसित करने का सुझाव दिया गया था। तीसरा प्रयास महापौर पटेल के माध्यम से हुआ।