Rasookh par Prahaar Lagaataar : DM ने कहा- निर्माण अवैध है तो वह टूटेगा ही, आयुक्त बोले- तोड़ने का खर्चा भी अवैध निर्माण करने वाले से वसूलेंगे और FIR भी दर्ज होगी
Rasookh par Prahaar Lagaataar : जिला प्रशासन और नगर निगम ने शनिवार को धोलावड़ रोड पर अवैध कॉलोनी के निर्माण तोड़े गए और अतिक्रम हटाए गए।

धोलावड़ रोड पर अवैध कॉलोनी की सीमेंट-कांक्रीट सड़क और बाउंड्रीवाल पर चला बुल्डोजर
रतलाम @ एसीएन टाइम्स . जिले के बाहरी इलाकों से शुरू हुई अवैध निर्माण की तोड़-फोड़ अब शहर के ईर्द-गिर्द तक पहुंच चुकी है। 'रसूख' पर हो रहे लगातार 'प्रहार' (Rasookh par Prahaar Lagaataar) ने अवैध ही नहीं, वैध कॉलोनाइजरों की भी नींद उड़ा दी है। शहर विधायक के रूप में प्रशासन की तरफ छोड़ा गया उनका तीर भी खाली लौट आया और शनिवार को धोलावड़ रोड पर अवैध निर्माणों पर गाज गिरी। जिले के मुखिया डीएम कुमार पुरुषोत्तम ने साफ कह दिया है कि जिसने भी बिना अनुमति के अथवा अवैध निर्माण किया है तो वह टूटेगा ही। आयुक्त ने इस तोड़-फोड़ की कार्रवाई पर होने वाला खर्च भी अवैध निर्माण करने वालों से ही वसूलने और एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।
कलेक्टर व नगर निगम प्रशासक कुमार पुरुषोत्तम के निर्देशानुसार नगर में सुरसा के मुंह की तरफ फैल रही अवैध कॉलोनियों पर लगाम कसने की कार्रवाई (लगातार) शनिवार को भी जारी रही। निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया के मार्गदर्शन में धोलावाड़ रोड पर बन रही अवैध कॉलोनी से अवैध निर्माण और अतिक्रमण तोड़े गए। कार्रवाई जिला, निगम और पुलिस प्रशासन की इस संयुक्त टीम ने की। राजस्व निरीक्षक, पटवारी व कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री राजेन्द्र मिश्रा, राजेश पाटीदार, ब्रजेश कुशवाह, मनीष तिवारी आदि की मौजूदगी में 2 पोकलेन, 1 जेसीबी और डम्पर व ट्रैक्टर की सहायता से अतिक्रमण हटाए गए।
धोलावड़ रोड पर इनके रसूख पर चला बुल्डोजर

आयुक्त झारिया ने बताया धोलावड़ रोड पर सर्वे क्रमांक 773/3, 775/4, 776/1 व 776/2 की 1.125 हेक्टयर भूमि पर कार्रवाई की गई। यहां सुनील-बंशीलाल गांधी, राजेश-बाबूलाल कटकानी, पंकज-समीरमल व अरुणा पति विजेन्द्र पितलिया द्वारा अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए 200 बाय 8 मीटर की सीमेंट-कांक्रीट सड़क बना ली गई थी। इसके अलावा 350 मीटर बाउण्ड्रीवॉल भी तान दी गई। इन दोनों को तोड़ (Rasookh par Prahaar Lagaataar) दिया गया है। कार्रवाई की वीडिय़ो रिकॉर्डिंग भी कराई गई है और पंचनामा भी बनाया गया है। अवैध निर्माण करने वाले कॉलोनाइजरों के विरुद्ध नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) के तहत पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। अधिनियम की उपरोक्त धारा के अनुसार यह संज्ञेय अपराध होकर इसमें कारावास एवं अर्थदण्ड का प्रावधान है।
15 हजार रुपए प्रति घंटे के मान से वसूलेंगे अवैध निर्माण तोड़ने का खर्च, जारी कर रहे नोटिस
आयुक्त झारिया ने बताया विकास की अनुमति लिए बिना कॉलोनी विकसित करना अवैध है। ऐसा करने पर मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तें) नियम 1998 के अन्तर्गत कॉलोनाइजर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जाएगा और इस पर होने वाला व्यय भी संबंधित से ही वसूला जाएगा। यह 15 हजार रुपए प्रति घन्टे के मान से वसूल की जाएगी। जिनके भी अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं उन्हें राशि वसूलने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। झारिया ने बताया कि अवैध कॉलोनियों और शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाने की मुहिम सतत ( Rasookh par Prahaar Lagaataar ) जारी रहेगी।
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गलत को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा- कलेक्टर
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्त ने एसीएन टाइम्स से चर्चा में बताया कि अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। खुद सीएम ने माफिया के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसलिए जिसने भी अवैध निर्माण या शासकीय जमीन पर कब्जा कर रखा है तो उसे हटाया जाएगा। यदि नियमों में राहत की गुंजाइश होगी तो इसका ध्यान रखा जाएगा लेकिन गलत को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।