मौन रह कर पेड़ों और परिंदों की रक्षा के लिए उठाई ‘आवाज’, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

शहर के गांधी उद्यान में हुई पेड़ों की कटाई के विरोध में रतलाम के सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे और भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए ज्ञापन सौंपा।

मौन रह कर पेड़ों और परिंदों की रक्षा के लिए उठाई ‘आवाज’, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
पेड़ों और पक्षियों की रक्षा के लिए निकले मौन जुलूस में शामिल जीव मैत्री परिवार के सदस्य एवं पर्यावरण प्रेमी।

रतलाम के पर्यावरण प्रेमियों और जीव मैत्री परिवार ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत निकला मौन जुलूस

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पेड़ों और परिंदों की रक्षा के लिए शुरू हुआ संघर्ष अब जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। मंगलवार को सैकड़ों पर्यावरण प्रेमी और जीव मैत्री परिवार के सदस्यों ने मौन जुलूस निकाल कर ‘आवाज’ मुखर की। चरणबद्ध आंदोलन के तहत निकले मौन जुलूस में शामिल रतलामवासियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। मौन जुलूस निकाल कर पेड़ो और पक्षियों की रक्षा के लिए ज्ञापन दिया।

शहर के पर्यावरण प्रेमी नागरिक और जीव मैत्री परिवार के सदस्य हाथों पर काली पट्टी बांधकर रानीजी का मंदिर क्षेत्र में एकत्र हुए। यहां से सभी मौनधारण कर नगर निगम के सामने गांधी उद्यान तक पहुंचे। यहां शहर एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर पेड़ों की कटाई और उससे होने वाली परिंदों की मौत पर असंतोष जताया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होने की मांग की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

पहले धरना दिया था, हस्ताक्षर अभियान भी चलाया

बता दें कि पिछले सप्ताह जीव मैत्री परिवार और जीवदया प्रेमियों ने धरना देकर गांधी उद्यान और गोल्ड कॉम्प्लेक्स की भूमि के पेड़ प्रतिबंधित वर्षा ऋतु में काटे जाने के विरोध में धरना दिया था। इसके बाद हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। इस आंदोलन का उद्देश्य पेड़ काटने से हुई पक्षियों की मौत पर नाराजगी जताई गई थी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।

यह चाहते हैं पर्यावरण प्रेमी

पर्यावरण प्रेमियों और जीव मैत्री परिवार की मांग है कि पेड़-पौधों को काटने के बजाय उनकी शिफ्टिंग की जाए। वर्षा ऋतु जीवों का प्रजनन काल रहता है जिससे इस दौरान पेड़-पौधों आदि की कटाई की मनाही। अतः इस दौरान पेड़ों की कटाई नहीं हो और जितने काटे गए हैं उसके एवेज में नियमानुसार पौधे रोपे जाएं। अफसोस की बात यह है कि नगर निगम के जिम्मेदार इसे गोल्ड पार्क निर्माण कर रही एजेंसी को दोषी बता रहे हैं जबकि शहरी सीमा में पेड़ों की कटाई अनुमति देने और अवैध कटाई रोकने का काम नगर निगम का है। ज्ञापन देने से पूर्व सभी ने 2 मिनट मौन रखकर काटे गए पेड़ों और मृत परिंदों को श्रद्धांजलि भी दी।

राजनीति करने वालों को पहले ही कर दिया था सचेत

जीव मैत्री परिवार द्वारा पर्यावरण संरक्षण और परिंदों की मौत के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों को पहले ही आगाह कर दिया गया था। एक दिन पूर्व ही ऐसे लोगों को आंदोलन से दूर रहने की हिदायत दे दी गई थी। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य यह था आंदोलन विषय से नहीं भटके बल्कि सफलता प्राप्त करे।