जमीनों की एक और जादूगरी ! माहेश्वरी प्रोटींस के नाम दर्ज जमीन की हेराफेरी मामले में उद्योगपति जयेश झालानी के खिलाफ FIR दर्ज, आरोपी अस्पताल में भर्ती
रतलाम में उद्योग की जमीन को धोखे से बेचने के मामले में राजस्व विभाग ने एक उद्योगपति एवं कांग्रेस नेता के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला प्रशासन की शिकायत पर शहर के बड़े उद्योगपति एवं कांग्रेस नेता जयेश झालानी के खिलाफ स्टेशन रोड पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। झालानी पर राजस्व रिकॉर्ड में माहेश्वरी प्रोटींस के नाम पर दर्ज जमीन का कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बेचने का आरोप है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल वारंट भी तैयार कर दिया था परंतु तबीयत बिगड़ने की शिकायत पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जमीनों की जादूगरी के मामले में रतलाम के कतिपय भूमाफिया काफी कुख्यात हैं लेकिन उनके गिरेबांन तक पुलिस के हाथ कम ही पहुंच पाते हैं लेकिन इस बार एक जदूगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। तहसीलदार ऋषभ ठाकुर के एक प्रतिवेदन पर स्टेशन रोड पुलिस ने शहर के बड़े औद्योगिक और राजनीतिक घराने के सदस्य उद्योगपति जयेश पिता चेतन्य झालानी निवासी रामभवन रतलाम के विरुद्ध धोखाधड़ी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपी झालानी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 420, 467, 468 तथा 471 में केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने आरोपी झालानी को गिरफ्तार कर पूछताछ की और उसके बाद जेल वारांट तैयार कर जेल भेजने की तैयारी कर ली थी। इसी बीच झालानी ने तबीयत बिगड़ने की शिकायत की जिसके चलते उसे अस्पताल भर्ती करना पड़ा।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार मामला सर्वे क्रमांक 269/1 एवं 269/2 की जमीन का फर्जी नामांतरण करने का है। यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में माहेश्वरी प्रोटीन्स के नाम पर दर्ज है। उद्योग बंद होने के बाद और देनदारियों के चलते मप्र उच्च न्यायालय द्वारा 2003 में लिक्विडेटर नियुक्त किया था। बाद में 2008 में हाईकोर्ट ने ही प्रशासन को उक्त जमीन बेचने की अनुमति भी दी थी। तब खरीददार उद्योगपति स्व. नरेश झालानी सहित अन्य के पक्ष में सिविल डीड तैयार हुई थी। अनुमति और सिविल डीड 269/1 को लेकर थी।
लोकसेवा केंद्र के माध्यम से किया आवेदन
माहेश्वरी प्रोटीन्स की उक्त जमीन को लेकर 2024 में आरोपी जयेश झालानी ने लोक सेवा केंद्र के माध्यम से राजस्व राजस्व न्यायालय में जमीन के नामांतरण का एक आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन के साथ सेल डीड की कॉपी, शपथ-पत्र तथा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की तरफ से जमीन की खरीदी-बिक्री करने के अधिकार संबंधी अपने नाम की पॉवर ऑफ अटार्नी भी प्रस्तुत की थी। राजस्व न्यायालय द्वारा आवेदन और उसके साथ लगे दस्तावेजों के आधार पर रिकॉर्ड का मिलान किया गया। पटवारी से जमीन की रिपोर्ट भी ली गई। इसके बाद उक्त जमीन का नामांतरण अमित सेठी नामक एक व्यक्ति के नाम पर कर दिया गया। आरोपी ने यही जमीन इसी साल मार्च में शहर के एक दवा व्यवसायी को बेच दी।
एक पत्र आया और मच गया हड़कंप
इसकी जानकारी हाईकोर्ट द्वारा नियुक्ति लिक्विडेटर की ओर से राजस्व विभाग को एक पत्र भेजा गया। इसमें बताया गया कि जमीन की नामांतरण गलत हुआ है। उक्त जमीन कों बेचने के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई है। इस पत्र ने राजस्व विभाग की नींद उड़ा दी। अमला मामले की जांच में जुट गया। आरोपी जयेश झालानी द्वारा प्रस्तुत आवेदन और दस्तावेजों तथा राजस्व रिकॉर्ड चैक किया गया और फाइल रिव्यू के लिए कलेक्टर को भेज दी गई।
जो रजिस्ट्री उपलब्ध कराई उसमें भी घपला
अभी कलेक्टर के स्तर पर रिव्यू किया ही जा रहा था कि आरोपी झालानी की ओर से 30 जुलाई को एक जमीन की रजिस्ट्री भी पेश कर दी गई। इसकी पुष्टि के लिए राजस्व विभाग ने जिला पंजीयक से रजिस्ट्री की कॉपी तलब कर ली। दोनों का मिला हुआ तो पता चला कि जयेश झालानी ने रजिस्ट्री की कॉपी पेश की थी उसका और मूल रजिस्ट्री का पहला पन्ना तो समान ही था लेकिन उसके बाद के पन्ने कूटरचित थे। धोखाधड़ी का खुलासा होते ही राजस्व विभाग ने रिकॉर्ड को व्यवस्थित किया। इसके चलते ही तहसीलदार ठाकुर ने आरोपी जयेश झालानी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए स्टेशन रोड पुलिस थाने पर प्रतिवेदन दिया। इस पूरे मामले की पुष्टि तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने एसीएन टाइम्स से चर्चा में की। बता दें कि आरोपी जयेश पूर्व विधायक शिव कुमार झालानी का भतीजा है।
जारी है जांच
स्टेशन रोड थाना प्रभारी स्वराज डाबी ने बताया कि आरोपी जयेश झालानी के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई है। आरोपी को जेल भेजने की प्रक्रिया पूरी हो गई। फिलहाल वह अस्पताल में उपचाररत है। मामले की जांच जारी है।