रतलाम की 'पोरवाल इंडस्ट्रीज' को विश्व की प्रतिष्ठित 'फार्च्यून मैगजीन' के 'भारतीय एथिकल बिजनेस विशेषांक' में मिला स्थान

विश्व की प्रसिद्ध फार्च्यून मैगजीन ने रतलाम की पोरवाल इंडस्ट्रीज को स्थान मिला है। मैग्जीन ने अपने भारतीय एथिकल बिजनेस विशेषांक में पोरवाल इंडस्ट्रीज को 50 साल से निरंतर एथिकल बिजनेस के मापदंडों पर खरा उतरने के लिए स्थान दिया गया है।

रतलाम की 'पोरवाल इंडस्ट्रीज' को विश्व की प्रतिष्ठित 'फार्च्यून मैगजीन' के 'भारतीय एथिकल बिजनेस विशेषांक' में मिला स्थान
प्रतिष्ठित फार्च्यून मैगजीन के एथिकल बिजनेस पर निकाला गया विशेषांक।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के औद्योगिक विकास को दिशा में देने में अग्रसर रतलाम की पोरवाल इंडस्ट्रीज को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इंडस्ट्रीज को विश्व की प्रतिष्ठित फार्च्यून मैगजीन ने भारतीय एथिकल बिजनेस विशेषांक में स्थान दिया है। पोरवाल इंडस्ट्रीज को मैगजीन ने 50 वर्ष से एथिकल बिजनेस प्रैक्टिसेज के का पालन करने के मामले में अग्रणी पाया है।

फार्च्यून मैगजीन विश्व की प्रसिद्ध मैगजीन है जो टॉप 500 कंपनीज की लिस्ट जारी करने के लिए जानी जाती है। हाल ही में फार्च्यून मैगजीन द्वारा भारत के एथिकल बिजनेस पर एक विशेषांक का प्रकाशन किया है। फरवरी 2002 के इस विशेषांक को फार्च्यून इंडिया एक्सचेंज और अनस्टॉपपेबल वर्ल्ड्स बिजनेस माइंड नाम दिया गया है। इसमें रतलाम की पोरवाल इंडस्ट्रीज ने भी जगह बनाई है। मैगजीन ने माना है कि पोरवाल इंडस्ट्रीज 50 साल से बिजनेस एथिक्स की स्थापना में सशक्त भूमिका निभा रही है और अपने स्टेक होल्डर्स और कस्टमर्स में अपनी अपनी सत्यनिष्ठा और भरोसे के मामले में खरी उतरी है।

1972 में पोरवाल ब्रदर्स ने की थी स्थापना

मैगजीन ने पोरवाल इंडस्ट्रीज के संस्थापक पोरवाल ब्रदर्स (सुरेंद्र एवं वीरेंद्र पोरवाल) की तस्वीर भी प्रकाशित की है। मैगजीन ने पोरवाल ब्रदर्स द्वारा 1972 में मप्र के रतलाम में स्थापित पोरवाल इंडस्ट्रीज को एक यूनिक इंडस्ट्री बताया है। मैगजीन के अनुसार पोरवाल ब्रदर्स द्वारा एथिकल बिजनेस और प्रमाणिकता का ना सिर्फ बीज रोपा वरन उस पर चलते हुए सभी मापदंडों का पालन भी किया। यह एथिकल बिजनेस भारत को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में सहायक है।

पोरवाल इंडस्ट्रीज अब पोरवाल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज बन चुका है जो एक प्रतिष्ठित व्यवसायिक घराना होकर कई प्रकार के व्यवसायों में संलग्न है। पोरवाल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज आज इंजीनियरिंग से जुड़े उत्पादों के निर्माण से लेकर फैब्रिकेशन के उपकरण, मेटल पाउडर (धातु चूर्ण), मैट्रेस व ऐसे ही अन्य प्रोडक्ट्स के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल रेंज तैयार करने में शिद्दत से जुड़ी हुई है। इन सभी में सफलता का अर्जित करते हुए इस औद्योगिक घराने ने ना सिर्फ आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुआ बल्कि अपने शेयरधारकों और ग्राहकों का भी विश्वास जीता।

यूएस और कनाडा में भी बढ़ाएंगे कदम, करेंगे निवेश

मैगजीन ने के साथ ही सेकंड जनरेशन के युवा और उत्साही आंत्रप्रेन्योर व सीईओ वरुण पोरवाल एवं पोरवाल इंडस्ट्रीज का हिस्सा वरुण पोरवाल को भी पर्याप्त स्थान दिया है। हाल ही में ‘इंस्पायरिंग यूथ इंटरप्रेन्योर ऑफ एमपी सम्मान से नवाजे गए वरुण स्लीपिंग सॉल्यूशन प्रोडक्ट व मैट्रेस बनाने वाली कंपनी लक्जर इंडिया इंक के प्रेसिडेंट भी हैं।

वरुण पोरवाल द्वारा मैगजीन को दिए इंटरव्यू के अनुसार हमारी सफलता का राज हमारी मजबूत योजनाएं हैं। हम अपनी क्षमता और उत्पादन का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जल्दी ही विदेशी जमीन अमेरिका और कनाडा में भी निवेश प्रस्तावित है। वरुण कहते हैं कि हम अपने उत्पाद को सिर्फ एक गद्दे के रूप में नहीं बेचते, बल्कि हम नींद का समाधान (Sleep Solutions) बेचते हैं। 

बुनियाद मजबूत हो तो परिणाम भी सकारात्मक ही आते हैं, सफलता भी कदम चूमती है

कहते हैं कि अगर बुनियाद मजबूत हो तो परिणाम सार्थक और सकारात्मक आने से कोई नहीं रोक सकता। पोरवाल इंडस्ट्रीज के लिए भी यह बात लागू होती है। पोरवाल इंडस्ट्रीज के संस्थापक पोरवाल ब्रदर्स (सुरेंद्र और वीरेंद्र) को मजबूत इरादों की बुनिया अपने पिता (स्व.) वरदीचंद पोरवाल से मिली जो खुद दृढ़ निश्चय और इरादों के मामले में रतलाम के खरे सोने जैसे ही खरे थे। वरिष्ठ अभिभाषक के अलावा संविधान निर्मात्री एवं रेवेन्यू लॉ कमेटी रतलाम राज्य के सदस्य रहे वरदीचंद पोरवाल सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के लिए जाने जाते हैं।

शहर की मूलभूत समस्याओं से जनता को निजात दिलाने के लिए उन्होंने स्थानीय एसडीएम कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और जीते। सुप्रीम कोर्ट सा उनके और जनता के पक्ष में आया फैसला न सिर्फ देश के अखबारों की सुर्खियां बना था बल्कि यूनाइटेड नेशन, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक में उसे संदर्भित किया गया था। उनका यह संघर्ष भी उसी वर्ष (1972) शुरू हुआ था जिस वर्ष पोरवाल ब्रदर्स ने पोरवाल इंडस्ट्रीज की नींव रखी थी। यही वजह है कि पोरवाल परिवार की सेकंड जनरेशन वरुण अपना पहला मार्गदर्शक अपने दादा वरदीचंद और दूसरा अपने पिता वीरेंद्र पोरवाल को मानते हैं।