आरक्षक बना रक्षक ! सायबर सेल में पदस्थ मयंक व्यास ने 13 माह के जुड़वा बच्चों को दिया रक्त, ताकि- मसूमों को मिले नया जीवन
रतलाम पुलिस के एक आरक्षक ने रक्तदान कर 13 महीने के जुड़वा बच्चों को नया जीवनदान दिया। इसका खूब सराहना हो रही है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मध्य प्रदेश पुलिस का ध्येय वाक्य है ‘देश भक्ति – जन सेवा’। इसे चरितार्थ किया रतलाम में पदस्थ मयंक व्यास ने। आरक्षक मयंक ने बतौर ‘रक्षक’ रक्तदान कर 13 माह के जरूरतमंद जुड़वा बच्चों को नया जीवन प्रदान किया। इसकी सभी सराहना कर रहे हैं।
मयंक पुलिस विभाग की सायबर सेल में रतलाम जिले में पदस्थ हैं। उन्हें जैसे ही पता चला कि अस्पताल में भर्ती 13 महीने के जुड़वा बच्चों का जीवन खतरे में है और उन्हें तत्काल रक्त की आवश्यकता है तो वे खुद को रोक नहीं सके। मयंक सीधे ब्लडबैंक पहुंचे और अनजान जुड़वा बच्चों के लिए रक्तदान देकर उनके जीवन के रक्षक बन गए। उनके इस सद्कार्य में हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप एंड टीम (हेल्पिंग हैंड्स रतलाम वेलफेयर सोसाइटी) सहभागी बनी। सैल्यूट है ऐसे सद्कार्य और जीवन रक्षकों को एसीएन टाइम्स परिवार की ओर से नमन है।
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