रतलाम शहर में पीपीपी मोड पर बनेंगे सुपर डीलक्स पब्लिक टॉयलेट, नगर निगम को भी होगी लाखों की आय

रतलाम शहर में सार्वजनिक टॉयलेट की समस्या को दूर करने के लिए सुपर डीलक्स टॉयलेट का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। इससे आमजन को सुविधा तो होगी ही, नगर निगम की आय भी बढ़ेगी।

रतलाम शहर में पीपीपी मोड पर बनेंगे सुपर डीलक्स पब्लिक टॉयलेट, नगर निगम को भी होगी लाखों की आय
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम एवं सुपर डीलक्स टॉयलेट का मॉडल (फाइल फोटो)

कलेक्टर ने रतलाम प्रेस की नई कार्यकारिणी से औपचारिक मुलाकात के दी जानकारी

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने रतलाम शहर के वास्तविक शहरीकरण की प्रतिबद्धता दोहराई है। इसके तहत शहर में 10 पीपीपी मोड पर सुपर डीलक्स टॉयलेट (सर्व सुविधा युक्त पब्लिक टॉयलेट) बनाए जाएंगे। इससे आमजन को तो सुविधा होगी ही, नगर निगम को सालाना करीब 10 लाख रुपए की आय भी होगी।

यह जानकारी कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने रतलाम प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों से औपचारिक मुलाकात के दौरान कही। कलेक्टर ने बताया रतलाम शहर में पीपीपी मोड पर सर्व सुविधा युक्त पब्लिक टॉयलेट बनाने के लिए नगर निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। ये टॉयलेट शहर में चिन्हित स्थानों पर बनाए जाएंगे। आमजन को पे एंड यूज टॉयलेट की सुविधा मिलेगी। इसके लिए नगर निगम को कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा। अनुबध करने वाली फर्म पब्लिक टॉयलेट का निर्माण और 10 साल संचालन करेगी।

ठेका लेने वाली कंपनी करेगी 10 साल तक संचालन व मेंटेनेंस, निगम सालाना 10 लाख रु. भी देगी

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के अनुसार सुपर डीलक्स टॉयलेट इंदौर और भोपाल में हैं। वहां अनुबंध करने वाली फर्म द्वारा इनका संचालन किया जा रहा है। उसी मॉडल को रतलाम शहर में भी लागू किया जाएगा। इनका उपयोग लोग पे एंड यूज के तौर पर कर पाएंगे। टॉयलेट के ऊपर विज्ञापन बोर्ड लगेंगे जिस पर कोई भी प्रचार-प्रसार कर सकेगा। इसके एवज में फर्म द्वारा नगर निगम को 10 लाख रुपए आदा करेगी। जिसकी एवज में कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनी नगर निगम को प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए देगी। कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनी 10 वर्षों तक टॉयलेट्स का संचालन और मेंटेनेंस करेगी।

शहर में आमजन को होती है परेशानी

रतलाम शहर सोने के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां साड़ियों और सेंव का भी बड़ा कारोबार है। इसके चलते यहां रोज बड़ी संख्या में लोग विभिन्न शहरों से आते हैं। शहर के व्यस्ततम बाजारों में सुविधाघर (टॉयलेट) का अभाव होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है। इसी के मद्देनजर नगर निगम द्वारा सार्वजनिक सुविधाघरों का निर्माण किया जा रहा है। सुपर डीलक्स टॉयलेट का निर्माण भी इसी दिशा में किया जा रहा एक प्रयास है।