ये है हादसे का डिपो : बॉयो डीजल डिपो में आग लगने से 3 कर्मचारी झुलसे, 2 इंदौर रैफर, पक्ष जानना चाहा तो चेयरमैन ने मैसेज कर कहा- हमारा ध्यान रखना

बायो डीजल डिपो में आग लगने से तीन कर्मचारी झुलस गए थे जिनमें से दो का इंदौर में इलाज चल रहा है। मामले में पुलिस और प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है जिससे दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

ये है हादसे का डिपो : बॉयो डीजल डिपो में आग लगने से 3 कर्मचारी झुलसे, 2 इंदौर रैफर, पक्ष जानना चाहा तो चेयरमैन ने मैसेज कर कहा- हमारा ध्यान रखना
बायो डीजल डिपो में आग लगने से झुलसा एक कर्मचारी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । ढोढर-कलालिया फंटे के बीच स्थित बॉयो डीजल ऑइल डिपो में आग लगने से 3 कर्मचारी झुलस गए। 2 गंभीर कर्मचारियों को इंदौर रैफर किया गय  है जबकि एक की हालत में सुधार बताया जा रहा है। डिपो के चेयरमैन रतन जांगिड़ ने घटना को मामूली बताते हुए प्रभावितों का इलाज कराए जाने की बात कही है। 

जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम 4.30 बजे ढोढर-कलालिया फंटा के बीच स्थित बॉयो डीजल डिपो के ऑइल टैंक में कर्मचारी काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि काम बिना किसी सुरक्षा प्रबंध के वेल्डिंग का काम चल रहा था। तभी वेल्डिंग आर्क की चिंगारी से टैंक में आग भभक गई। हादसे में मोहन पिता गोपी (45) निवासी ढोढर, संजय पिता राधेश्याम (25) निवासी सरसौदा और विजय पाल (40) निवासी रिछाचांदा झुलस गए। यह देख ग्रामीणों ने डायल-100 को सूचना दी जिसके बाद जावरा से पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।

डेढ़ घंटे तक झुलसे कर्मचारी और परिजन करते रहे इंतजार

ग्रामीणों की मानें तो हादसे में झुलसे कर्मचारी और उनके परिजन करीब डेढ़ घंटे तक डिपो चेयरमैन रतन जांगिड़ का इंतजार करते रहे। आरोप है कि चेयरमैन ने उनके मोबाइल कॉल भी रिसीव नहीं किए। हारकर परिजन ही शाम करीब 6 बजे झुलसे कर्मचारियों को लेकर जावरा के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक इलाज के बाद मोहन और संजय  को रात करीब 11 बजे रतलाम रैफर करना पड़ा। दोनों की स्थिति ज्यादा खराब होने से परिजन उन्हें लेकर शुक्रवार सुबह इंदौर रवाना हो गए।

फायर सेफ्टी के विशेष प्रबंध नहीं, चेयरमैन बोल- मामूली घटना

बताया जा रहा है कि बायो डीजल डिपो पर फायर सेफ्टी से संबंधित कोई खास इंतजाम नहीं है। यही वजह है कि गुरुवार शाम को जब आग लगी तो उसे बुझाना संभव नहीं हो सका। पहले तो हिंदुस्तान बायो डीजल ऑइल डिपो के चेयरमैन रतन जांगिड़ कुछ भी कहने से बचते रहे। बाद में उन्होंने दूरभाष पर बताया कि वेल्डिंग के दौरान शॉर्ट सर्किट से मामूली घटना हुई थी। इसमें दो कर्मचारी प्रभावित हुए जो घर के आदमी हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या कर्मचारियों को कोई मुआवजा भी दिया गया है तो उन्होंने इससे इनकार करते हुए बताया कि दोनों का उपचार करवा रहे हैं।

जेब में रखने की आदत यहां भी नहीं छूटी

झुलसे कर्मचारियों को मुआवजा नहीं देने और परिजन के कॉल रिसीव नहीं करने वाले बायो डीजल ऑइल डिपो के असंवेदनशील चेयरमैन जांगिड़ ने हद तो तब कर दी जब उन्होंने एसीएन टाइम्स के प्रतिनिधि को वाट्सएप किया कि- “हमारा ध्यान रखना। सबको जेब में रखने के आदी चेयरमैन ने प्रतिनिधि का एक बड़े मीडिया संस्थान से राजीनामा कराने का ऑफर तक दे डाला। हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उन्होंने संबंधित मीडिया संस्थान को खरीद लिया  है तो वे कोई जवाब नहीं दे पाए।

अब तक न कोई पूछ परख हुई और न ही केस दर्ज हुआ

कमाल तो यह है कि ज्वलनशील पदार्थ के डिपो में होने वाले हादसे के बावजूद अब तक न तो प्रशासन ने संबंधित के विरुद्ध कोई कार्रवाई की है और न ही पुलिस ने। ऐसे में दोनों ही एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।