भास्कर ग्रुप ने नहीं दिया कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान, ऑफिस सील करने पहुंच गया सरकारी अमला, बिजली काटी, प्रबंधन ने हाईकोर्ट लगाई दौड़
दैनिक भास्कर समूह के उन कर्मचारियों में उस समय खुशी की लहर दौड़ गई जब दिव्य मराठी के औरंगाबाद स्थित दफ्तर को सील करने सरकारी महकमा पहुंच गया। अमले ने बिजली भी काट दी।
भास्कर प्रबंधन ने 21 सितंबर को हाईकोर्ट में अवॉर्ड की आधी राशि जमा कराने के वादे पर रुकी ऑफिस सील करने की कार्रवाई
शशिकान्त सिंह
जस्टिस मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिश के तहत अपने कई कर्मचारियों की वेतन वृद्धि नहीं करने और उनका एरियर नहीं देने पर दैनिक भास्कर समूह (डीबी कॉर्प लिमिटेड) के दैनिक दिव्य मराठी के औरंगाबाद कार्यालय को सरकारी महकमे ने दिन में ही तारे दिखा दिए। इसके बाद कंपनी प्रबंधन को भागकर पहले सरकारी विभाग फिर अंत में हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा। तब जाकर उन्हें इस आश्वासन पर राहत मिली कि वे 21 तारीख को कर्मचारियों का बकाया आधा पैसा हाईकोर्ट में जमा करेंगे। सरकारी महकमे द्वारा दिव्य मराठी ऑफिस सील करने की प्रक्रिया लगभग पांच घंटे चली।
बताते हैं कि दैनिक दिव्य मराठी का प्रकाशन करने वाली कंपनी डीबी कॉर्प के डिप्यूटी न्यूज़ एडिटर सुधीर जगदाले सहित अन्य कई कर्मचारियों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में अपने बकाया एरियर का मामला श्रम न्यायालय से जीता था। न्यायालय से कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आने के बाद डीबी कॉर्प ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ की शरण ली। हाईकोर्ट ने डीबी कॉर्प को निर्देश दिया कि पहले निर्धारित अवॉर्ड की 50 परसेंट रकम कोर्ट में जमा करे। मगर डीबी कॉर्प ने यह रकम नहीं जमा की।
चार नोटिस भेजे फिर भी पैसा नहीं दिया
कर्मचारियों के पक्ष में पारित अवॉर्ड को लेकर डीबी कॉर्प को सरकारी महकमे द्वारा कर्मचारियों को पैसा देने के लिए चार नोटिस भेजे गए थे। बावजूद डीबी कॉर्प ने कर्मचारियों को पैसा नहीं दिया। इसके बाद तहसील ऑफिस और बिजली विभाग के कर्मचारी दिव्य मराठी के औरंगाबाद स्थित ऑफिस सील करने आ धमके। उन्होंने ऑफिस में कार्यरत सभी कर्मचारियों को थोड़ी देर के लिए बाहर कर दिया।
भास्कर प्रबंधन में मचा हड़कंप
ऑफिस सील करने की प्रक्रिया शुरू होते ही भास्कर प्रबंधन में हड़कंप मच गया। प्रबंधन ने तुरंत अपनी टीम को ऑफिस सील करने की प्रक्रिया रुकवाने के लिए सरकारी ऑफिसों में दौड़ा दिया। अधिकारियों को फोन भी किए गए। उधर, दिव्य मराठी के दफ्तर पहुंची टीम उसे सील करने पर अड़ी थी। डीबी कॉर्प प्रबंधन को जब हर जगह निराशा हाथ लगी तो प्रबंधन ने हाईकोर्ट दौड़ लगा दी। हालां कि तब तक दिव्य मराठी के ऑफिस का बिजली कनेक्शन काट दिया गया जिससे ऑफिस में अंधेरा हो गया।
कर्मचारियों में छाई खुशी
बता दें कि डीबी कॉर्प ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि 21 सितंबर को वह कर्मचारियों का बकाया आधा पैसा जमा करवा देगा। तब तक ऑफिस सील करने की कारवाई रोकी जाए। इसके चलते हाईकोर्ट ने कारवाई रोकने का आदेश दिया। नतीजतन डीबी कॉर्प को दिव्य मराठी के कर्मचारियों के अवॉर्ड की राशि के हिसाब से आधा पैसा 21 सितंबर को हाईकोर्ट में जमा करना पड़ेगा। इससे कर्मचारियों में खुशी की लहर है। बता दें कि, रतलाम, इंदौर, उज्जैन सहित मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों के डी.बी. कॉर्प के कर्मचारी भी विभिन्न अदालतों में हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। दिव्य मराठी के विरुद्ध हुई इस कार्रवाई से अन्य राज्यों के मजीठिया वीरों में भी खुशी है और उनका कहना है कि सत्य हमेशा जीतता है।
(शशिकांत सिंह पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट तथा न्यूज़ पेपर एम्प्लॉयज यूनियन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष हैं)