समाज को ‘मोशन’, ‘इमोशन’ व ‘डिवोशन’ का संदेश और ‘माय 5 पॉवर’ का ज्ञान देंगे आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी, चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश 25 जून को

आचार्य श्री विजय कुलबोधिसूरीश्वरजी 1700 किलीमीटर की यात्रा कर रतलाम पहुंचें हैं। वे यहां चातुर्मास करेंगे। इस दौरान वे श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय रतलाम, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेतांबर पेढ़ी के माध्यम से लोगों को मोशन, इमोशन और डिवोशन का अर्थ समझाएंगे।

समाज को ‘मोशन’, ‘इमोशन’ व ‘डिवोशन’ का संदेश और ‘माय 5 पॉवर’ का ज्ञान देंगे आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी, चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश 25 जून को
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते आचार्य श्री विजय कुलबोधिसूरीश्वरजी म.सा.

पू. प्रभावक प्रवचनकार आचार्य श्री विजय कुलबोधिसूरीश्वरजी म.सा. का भव्य चातुर्मास मंगल प्रवेश 25 जून को, हर रविवार को युवाओं के लिए होगा विशेष शिविर

एसीएन टाइम्स @  रतलाम । श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेतांबर पेढ़ी रतलाम के तत्वावधान में पूज्य प्रभावक प्रवचनकार आचार्य श्री विजय कुलबोधिसूरीश्वरजी  म.सा.  का भव्य चातुर्मास मंगल प्रवेश 25 जून को होगा। वे यहां यहां समाज को गतिशील रहने, कर्मशील और भक्तिशील बनने का संदेश देंगे। इसके अलावा वे अपने अंतर की 5 शक्तियों को पहचानने की अलख भी जगाएंगे।

मंगल प्रवेश के पूर्व आयोजित पत्रकारवार्ता में आचार्य श्री ने चातुर्मास के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे रतलाम में समाज को तीन संदेश देने आए हैं। पहला संदेश ‘मोशन’, दूसरा ‘इमोशन’ और तीसरा ‘डिवोशन’ है। मोशन से आशय हर व्यक्ति धर्म के प्रति गतिशील बने। दूसरा सोशल मीडिया के कारण इमोशन खत्म हो रहा है, जिसे जागृत करें और डिवोशन से तात्पर्य भक्तिशील बनाने से है।

उन्होंने कहा कि मीडिया वर्तमान समय में अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। वह जैसा संदेश पहुंचाता है, वैसा ही माहौल बनता है। इसलिए सभी सकारात्मक संदेशों का अधिक से अधिक प्रसार करें। उनके मतानुसार धर्म सिर्फ राजनीति में ही नहीं अपितु हर क्षेत्र में होना चाहिए। व्यापार भी धर्म के बिना सफल नहीं होता। हर कार्यक्षेत्र की अपनी नीति और नियम होते हैं और उस धर्म का पालन होना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा कि उनका उद्देश्य समग्र जैन समाज में एकजुटता लाना है, क्योंकि संगठित समाज की ही महत्ता होती है। बिखरा हुआ समाज कभी ताकतवर नहीं रहता।

15 से 50 वर्ष तक के लोग जुड़ेंगे परिवर्तन का शंखनाद शिविर में

आचार्य श्री ने बताया कि चातुर्मास के दौरान युवाओं के लिए रविवार को ‘परिवर्तन का शंखनाद’ शिविर आयोजित होगा। इसमें 15 से 50 वर्ष तक के सभी लोगों को जोड़ेंगे। मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, वेब सीरीज से हमारी युवा पीढ़ी भटक रही है। मोबाइल दुधारी तलवार है। सुविधाओं का सदुपयोग भी होता है और दुरुपयोग भी। आपको क्या सीखना है, यह स्वयं तय करना होगा। उक्त कार्यक्रम के माध्यम से हमारा मकसद युवाओं को बचाना है।

1700 किमी पदयात्रा कर पहुंचे रतलाम

पत्रकारवार्ता में पन्यास प्रवर मुनिराज ज्ञानबोधी विजयजी  म.सा.  ने बताया कि आचार्य श्री 1700 किमी का विहार कर रतलाम आए है। उन्होंने 9 वर्ष की अल्पायु में संयम धारण कर लिया था और 46 वर्षों का साधु जीवन पूर्ण कर चुके हैं। यानी उनके पास अभ्यास भी है और अनुभव भी। किसी को कोई बात कहने लिए सिर्फ अभ्यास पर्याप्त नहीं है, अनुभव भी जरूरी है। चातुर्मास के दौरान आचार्य श्री की निश्रा में रतलाम एवं मालवा क्षेत्र को धर्म से जोड़ने के विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इनमें सर्व समाज शामिल होगा। आरंभ में गणतंत्र मेहता ने स्वागत किया। आभार प्रदर्शन श्री संघ अध्यक्ष अभय लुनिया ने माना। पूर्व अध्यक्ष सुनील ललवानी एवं सचिव राजेश सुराणा भी उपस्थित रहे।

नौलाईपुरा से निकलेगा मंगल प्रवेश जुलूस

आचार्य श्री का चातुर्मास हेतु 25 जून को नगर में भव्य मंगल प्रवेश होगा। प्रवेश जुलूस 8.30 बजे श्री डाड़मचंदजी विनोद मेहता परिवार के नौलाईपुरा स्थित निवास से निकलेगा। यह सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकिज में पहुंचकर धर्मसभा में परिर्वतित हो जाएगा। यहां आचार्य श्री "माय 5 पॉवर" विषय पर प्रवचन देंगे। इसके बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया जाएगा। मोहन टॉकिज में 26 जून से प्रतिदिन प्रातः 9.15 से 10.15 बजे तक प्रवचन होंगे।