डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज से 1 दिन में 7 मरीजों को अंग प्रत्यारोपण की स्वीकृति, सभी पुरुषों को मातृशक्ति कर रही अंगदान

रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज की संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण समिति ने 7 मरीजों के अंग प्रत्यारोपण के लिए स्वीकृति दी है। सभी मरीजों को परिवार की महिलाओं द्वारा अंगदान किए जा रहे हैं।

डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज से 1 दिन में 7 मरीजों को अंग प्रत्यारोपण की स्वीकृति, सभी पुरुषों को मातृशक्ति कर रही अंगदान
संभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति के सदस्यों के साथ अंग प्रत्यारोपण करने वाली मातृशक्ति और परिजन।

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने पुरुषों को मातृशक्ति से प्रेरणा लेने का किया आह्वान

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । त्याग और समर्पण के मामले में मातृशक्ति मिसाल है। ऐसी ही मिसाल अंगदान प्रत्यारोपण के मामले में देखने को मिली है। रतलाम के डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय शासकीय मेडिकल कॉलेज से एक दिन में 7 मरीजों को अंग प्रत्यारोपण की अनुमति मिली है। सभी को अंगदान मातृशक्ति द्वारा किया जा रहा है।

मेडिकल कॉलेज की संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति ने एक बैठक में सात व्यक्तियों को अंगदान को स्वीकृति देकर उल्लेखनीय पहल की है। उपस्थित प्रकरणों में देवास जिले के चार, शाजापुर जिले के दो एवं उज्जैन जिले के एक प्रकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इन सभी के अंग प्रत्यारोपण इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में किए जा रहे हैं। बैठक शुरू होने पर समिति सदस्यों ने जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर का पुष्पहार एवं गर्म जोशी से स्वागत किया। समिति के समक्ष किडनी दान करने व लेने वाले परिवारों के सदस्यों ने उनके परिवार की जानकारी के सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए। समिति ने दस्तावेज की कमियां दूर कर उसी आधार पर  किडनी प्रत्यारोपण की स्वीकृति प्रदान की।

इलाज के खर्च में आई कमी

मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज रतलाम द्वारा कम समय में पूरी जानकारी एकत्र कर अंगदान प्रत्यारोपण स्वीकृति प्रदान  की जा रही है। इससे संभाग के सभी मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है। पूर्व में मरीजों को प्रदेश से बाहर इलाज के लिए जाना पड़ता था, परंतु अब इंदौर में अंगदान प्रत्यारोपण होने से परिवारजन को इलाज पर होने वाले खर्चे में बहुत कमी आ रही है। आसपास के जिले के लोगों को बहुत अधिक फायदा हो रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर ने मरीज से उनकी पुरानी बीमारी की जानकारी लेकर अंग खराब होने के कारण  जाने।

पुरुषों को मातृशक्ति से प्रेरणा लेने का आह्वान

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने बताया कि मरीजों में 28 वर्ष से 57 वर्ष के 7 पुरुषों को उनके ही परिवार की महिलाओं ने किडनी देने का निर्णय लिया है। काकानी ने कहा कि यह प्रसंग उल्लेखनीय है। उन्होंने मरीजों के पुरुषों को भी मातृशक्ति से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि अंग प्रत्यारोपण में बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।

इन्होंने दी अंग प्रत्यारोपण की प्रस्तुति 

रतलाम मेडिकल कॉलेज में संभागीय अंग प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति सदस्य डीन डॉ. गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चंदेलकर, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह चौहान, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम चार्ल्स, स्वयंसेवी संस्था काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी, समाजसेवी मनीषा ठक्कर, नोडल अधिकारी डॉ. अतुल कुमार व नर्सिंग ऑफिसर मीतिका भूरिया के सामने प्रत्यारोपण के प्रकरण रखे गए थे। डॉ. अतुल कुमार ने बैठक के पूर्व ही 7 सभी मरीजों की किडनी प्रत्यारोपण की संपूर्ण जानकारी का अवलोकन कर समिति के सामने प्रस्तुत की थी। समिति ने उनकी जांच कर स्वीकृति प्रदान की। इस पर सभी मरीजों के परिजन ने संभागीय समिति के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।