असंवेदनशीलता की हद है ! CM हेल्पलाइन में रतलाम के स्वास्थ्य विभाग की 1652 शिकायतें लंबित, 736 सिर्फ जिला अस्पताल की, कलेक्टर ने जताई नाराजगी
स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम सहित कई विभागों के अफसरों और कर्मचारियों का रवैया बेहद लापरवाही वाला है। यही कारण है कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाली शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं हो रहा है। इस पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी जताई है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सीएम हेल्पलाइन मजाक ही साबित हो रही है। इस पर दर्ज होने वाली शिकायतों के निराकरण के मामले में न तो स्थानीय अफसर और अमला संवेदनशील है और न ही राजधानी में बैठे जिम्मेदार। नतीजतन सीएम हेल्पलाइन पर रतलाम जिले की लंबित शिकायतों में सबसे ज्यादा 1652 स्वास्थ्य विभाग की हैं। इनमें भी सात सौ से ज्यादा तो सिर्फ जिला अस्पताल से संबंधित हैं।
कलेक्टर राजेश बाथम ने सोमवार को समय सीमा पत्रों की समीक्षा की। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शृंगार श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर राधेश्याम मंडलोई, डॉ. शालिनी श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकीर मौजूद रहे। इस दौरान कलेक्टर को बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन में स्वास्थ्य विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। इनकी संख्या 1652 जिसमें से 736 शिकायतें जिला चिकित्सालय की हैं।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि ज्यादातर शिकायतें योजनाओं से संबंधित भुगतान नहीं होने से संबंदिधित हैं। इसकी वजह शासन से कम राशि प्राप्त होना है। इस पर कलेक्टर ने विभाग को शिकायतों के शीघ्र और तेज निपटारे के लिए निर्देशित किया गया। नगर निगम की ज्यादा संख्या में शिकायतें लंबित पाई गई जिस पर कलेक्टर ने असंतोष व्यक्त किया तथा नगर निगम आयुक्त को कार्य में शिथिलता दूर करने के निर्देश दिए।
पालकों की शिकायतों का त्वरित निराकरण हो
कलेक्टर बाथम ने जिला शिक्षा अधिकारी के. सी. शर्मा को निर्देशित किया कि जिले में सभी शासकीय तथा प्राइवेट स्कूलों का संचालन शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित करें। विभाग सतत् मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण करे। सीएम हेल्पलाइन में लंबित और स्कूलों के बारे में यदि पालकों से शिकायतें प्राप्त होती हैं तो उन्हें शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखा जाए। इसके अलावा अन्य सभी स्कूल संबंधी मुद्दों एवं शिकायतों को समिति के समक्ष रखा जाकर विचार विमर्श करके हल किया जाएगा। आवश्यक होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग यह भी सुनिश्चित करे कि जिले के सभी प्राइवेट स्कूल शासन द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार संचालित हों।
फीस में 10 फीसदी से ज्यादा वृद्धि की है तो स्कूल के विरुद्ध करें कार्रवाई
बैठक में कलेक्टर को बताया गया कि स्कूलों द्वारा वसूल की जाने वाली फीस तथा अन्य राशि का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि 28 जून थी। कलेक्टर ने कहा कि इस तारीख तक अपलोड किए गए डाटा की समीक्षा शिक्षा विभाग करे। यदि फीस में किसी भी स्कूल द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि की गई है तो उस स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाए। कलेक्टर ने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा भी की। संबंधित प्रभारी अधिकारी को निर्देशित किया कि अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों के शीघ्र समाधान के लिए भोपाल स्तर पर सतत् संपर्क करें।